शहरवासियों के जमीन का लगान जल्द होगा निर्धारित, इसी माह से कटेगा रसीद
इसी माह से कटेगा रसीद
35 साल पुराने मामले का भूमि सुधार एवं राजस्व मंत्री ने किया समाधान पूर्णिया. शहरी क्षेत्रों में पिछले लगभग 35 वर्षों से शुल्क निर्धारण को लेकर बंद पड़े भू लगान की वसूली का सिलसिला अब जल्द ही शुरू होने जा रहा है. इसके लिए विभाग द्वारा अधिकारियों को 20 दिसंबर तक का समय दिया गया है ताकि जल्द से जल्द वार्ड के सभी रैयतों का रॉल रेंट फिक्स कर रसीद काटना शुरू हो सके. यह जानकारी गुरुवार को बिहार सरकार के भूमि सुधार एवं राजस्व मंत्री डाॅ दिलीप कुमार जायसवाल ने एक प्रेसवार्ता में दी. उन्होंने बताया कि पूर्णिया नगर क्षेत्र अंतर्गत म्युनिस्पल सर्वे के आधार पर वार्ड बार लगान तालिका के रेंट रॉल तय करने को लेकर बहुत दिनों से चली आ रही समस्या को हल कर लिया गया है. श्री जायसवाल ने बताया कि उन्हें कई वार्डों में रेंट रॉल वार्ड बार निर्धारित नहीं किये जाने की शिकायत मिली थी. लेकिन अब लम्बे समय से लोगों की चली आ रही लगान निर्धारण की समस्या का निदान कर लिया गया है और बहुत ही जल्द कागजों पर निबंधित जमीन का असली मालिकाना हक लगान वसूली के साथ ही रैयत के नाम संभव हो सकेगा जिससे उन्हें किसी भी प्रकार की सरकारी सुविधा का लाभ लेने में लगान रसीद नहीं होने की बाधा दूर हो जायेगी. गौरतलब है कि 1989 से पूर्णिया शहर के पुराने 21 वार्डों के लगान पर रोक लगा दी गयी थी. इसके चलते सरकार को राजस्व का नुकसान तो हो ही रहा था साथ ही आमलोगों को भारी परेशानी उठानी पड़ रही थी. खासकर बैंक से कर्ज लेने में लोगों को काफी परेशानी हो रही थी. इस पहल से लोगों ने राहत की सांस ली है.
20 दिसंबर तक लगान के निर्धारण का निर्देश
उन्होंने कहा कि पूर्णिया में इतने लम्बे समय से लगान के निर्धारण नहीं होने की वजह से भूधारियों के जमीन का लगान नहीं काटा जा रहा था इसकी शिकायत मिलने के बाद उन्होंने विभागीय सचिव जय सिंह के माध्यम से जिले के अधिकारियों को अविलम्ब इस कार्य के लिए पत्र निर्गत करवाया. मंत्री ने बताया कि पूर्णिया नगर क्षेत्र में म्युनिस्पल सर्वे के आधार पर तैयार खतियान में वार्ड बार लगान तालिका के अनुसार 20 दिसंबर तक तैयार करने का निर्देश दिया गया है. इसी के आलोक में एडीएम को म्युनिस्पल सर्वे सुपरिंटेंडेंट का अधिकार प्रदान करते हुए 20 दिसंबर तक पूर्णिया के सभी रैयतों का राल रेंट निर्धारित करते हुए रसीद काटना शुरू करने को कहा गया है.प्रति डिसमिल 5 रूपये की दर से तय हुआ शुल्क
मंत्री ने बताया कि रैयतों से लगान के रूप में मामूली सी राशि तय की गयी है. 5 रूपये की दर से प्रति डिसमिल शुल्क तय किया गया है. जिसे रैयतों को प्रति वर्ष के अनुसार जोड़कर जमा करना होगा. रसीद काटना शुरू हो और किसी को परेशानी ना हो इसके लिए भी प्रबंध किये जायेंगे. उन्होंने बताया कि अब तक 10 हजार 988 खाता की इंट्री का कार्य संपन्न हो चुका है 99.97 प्रतिशत के लिए रोल रेंट तैयार भी कर लिया गया है. सभी के प्रिंट आउट भी तैयार कर लिए गये हैं. इसके लिए मंत्री ने अपर समाहर्ता रवि राकेश का धन्यवाद ज्ञापित किया.लोगों को परेशान होने की जरूरत नहीं
भूमि सुधार एवं राजस्व मंत्री ने आम लोगों से अपील करते हुए सभी से अनुरोध किया है कि उन्हें अपनी जमीन मकान की रेंट रसीद कटाने के लिए परेशान होने की जरुरत नहीं है. बिलकुल पारदर्शिता के साथ बिना खर्च के सभी के रसीद काटे जायेंगे और जरुरत पड़ने पर विशेष कैम्प भी वार्डबार आयोजित किये जायेंगे. उन्होंने आश्वस्त करते हुए कहा कि अब पूरे पूर्णिया के लिए रेंट का निर्धारण हो चुका है एक माह के अन्दर सभी को जमीन और मकान की रसीद काटकर उन्हें सुपुर्द कर दिया जाएगा. पुराना सारा रसीद कटेगा जो वर्ष 1989 से ही काटा जाएगा. इस मौके पर अपर समाहर्ता रवि राकेश एवं भाजपा जिलाध्यक्ष राकेश कुमार भी उपस्थित थे.ख़ास महल की जमीन का मामला अलग
ख़ास महल जमीन से जुड़े एक प्रश्न के जवाब में राजस्व मंत्री श्री जायसवाल ने कहा कि पूर्णिया के अलावा राजधानी पटना शहर में भी लगभग 137 एकड़ जमीन पर ख़ास महल जमीन का मामला है. यह एक अलग मसौदा है. इसके लिए अलग मसौदा बनाने की तैयारी की जा रही है.फोटो. 12 पूर्णिया 10- पत्रकारों को संबोधित करते हुए मंत्री डॉ दिलीप जायसवाल
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