बिहार की पूर्णिया और किशनगंज सीट पर त्रिकोणीय भिड़ंत की बनी स्थिति, जानिए यहां से कब कौन जीते…

बिहार के पूर्णिया और किशनगंज सीट पर त्रिकोणीय मुकाबले की स्थिति बनी हुई है. जानिए इस सीट का इतिहास..

By ThakurShaktilochan Sandilya | April 25, 2024 10:25 AM

लोकसभा चुनाव 2024 के दूसरे चरण की वोटिंग 26 अप्रैल को होनी है. बिहार की 5 सीटों पर इसी चरण में शुक्रवार को मतदान होना है. इस दिन सीमांचल की तीन सीटों पर मतदान होंगें. इनमें पूर्णिया और किशनगंज की सीट पर मुकाबला बेहद दिलचस्प हो चुका है. इन दोनों सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबले की स्थिति बन रही है. किशनगंज पिछले चुनाव में एकमात्र वो सीट रही है जहां से विपक्ष को जीत का स्वाद चखने को मिला और एनडीए के ऑपरेशन क्लीन स्वीप को यहां के मतदाता ने रोक दिया था. पूर्णिया में दावेदारी को लेकर महागठबंधन में ही काफी भिड़ंत देखने को मिला है. अब पप्पू यादव की निर्दलीय उम्मीदवारी ने यहां के मुकाबले को रोचक बना दिया है.वहीं किशनगंज में AIMIM पार्टी के उम्मीदवार ने मुकाबले को रोचक और त्रिकोणीय बनाया है.

किशनगंज और पूर्णिया की लड़ाई..

किशनगंज और पूर्णिया की लड़ाई इसबार त्रिकोणीय बनती दिख रही है. पूर्णिया में पप्पू यादव ने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर ताल ठोंक कर मुकाबले को दिलचस्प बना दिया है. एनडीए से जदयू के मौजूदा सांसद संतोष कुशवाहा मैदान में हैं तो महागठबंधन की ओर से राजद ने बीमा भारती को प्रत्याशी बनाया है. तीनों उम्मीदवारों के बीच कड़ी टक्कर की संभावना है.

पूर्णिया में पप्पू यादव की एंट्री से मुकाबला बना दिलचस्प..

पूर्णिया संसदीय सीट पर वर्ष 2004 से ही भाजपा और जदयू का दबदबा रहा है. 1998 में यहां से पहली भार भाजपा के प्रत्याशी जयकृष्ण मंडल जीते थे. उसके बाद 2004 में भाजपा की दूसरी जीत हुई. तब उदय सिंह सांसद बने थे. 2009 के चुनाव में भी उन्हें जीत मिली थी. अभी चुनावी मैदान में उतरे पप्पू यादव यहां से तीन बार जीत चुके हैं. निर्दलीय उम्मीदवार बनकर वो जीत चुके हैं. 2014 और 2019 में जदयू के संतोष कुशवाहा यहां से जीते जो इस बार भी जदयू के उम्मीदवार हैं. यहां कुल 18,90,597 मतदाता हैं जो किसी उम्मीदवार का भविष्य तय करेंगे. 2009 में यहां 54.01 प्रतिशत तो 2014 के चुनाव में 64.31 प्रतिशत वोटिंग हुई जबकि 2019 के चुनाव में यहां 65.38 प्रतिशत मतदान हुआ.

पूर्णिया से कौन कब रहे सांसद..

  • 1952- फणी गोपाल सेन गुप्ता- कांग्रेस
  • 1957- फणी गोपाल सेन गुप्ता- कांग्रेस
  • 1962-फणी गोपाल सेन गुप्ता- कांग्रेस
  • 1967- फणी गोपाल सेन गुप्ता- कांग्रेस
  • 1971- मोहम्मद ताहिर- कांग्रेस
  • 1977- लखन लाल कपूर- भारतीय लोक दल
  • 1980- माधुरी सिंह- कांग्रेस
  • 1984-माधुरी सिंह- कांग्रेस
  • 1989- मोहम्मद तस्लीमुद्दीन- जनता दल
  • 1991- पप्पू यादव- निर्दलीय
  • 1996- पप्पू यादव- समाजवादी पार्टी
  • 1998- जय कृष्ण मंडल- भाजपा
  • 1999- पप्पू यादव- निर्दलीय
  • 2004- उदय सिंह- भाजपा
  • 2009- उदय सिंह- भाजपा
  • 2014- संतोष कुमार कुशवाहा- जदयू
  • 2019- संतोष कुमार कुशवाहा- जदयू

किशनगंज संसदीय सीट की लड़ाई भी त्रिकोणीय बनती दिख रही है. यहां कांग्रेस और जदयू के प्रत्याशी मैदान में उतरे हैं जबकि असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ने भी अपने प्रत्याशी को मैदान में उतारा है. पिछले चुनाव में भी AIMIM के उम्मीदवार ने सम्मानजनक वोट पाए थे. किशनगंज संसदीय सीट की लड़ाई किस तरह रोचक बनी है और इस सीट का क्या इतिहास रहा है, इस लिंक पर क्लिक करके पूरी खबर पढ़िए..

ALSO READ: बिहार के किशनगंज सीट से केवल एक बार जीते हिंदू प्रत्याशी, ताबड़तोड़ वोटिंग करते हैं यहां के मतदाता..

Next Article

Exit mobile version