21.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

आदित्यधाम में सजता है भगवान भास्कर का दरबार

मंत्रोच्चार के साथ की जाती है भगवान सूर्य की पूजा

छठ पर्व:

असीम आस्था के माहौल में मंत्रोच्चार के साथ की जाती है भगवान सूर्य की पूजा

सूर्य मंदिर के सामने स्थित तालाब में खड़े होकर व्रती व भक्त अर्पित करते हैं अर्घ्य

पूर्णिया. लोक आस्था का महापर्व छठ को कहा गया है. इस पर्व में अस्तचलगामी और उदीयमान सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है. इस पर्व को लोग नदी, तालाबों, आवास तथा सूर्य मंदिर में बड़े धूम धाम से मनाते है. आस्था और मान्यता से जुड़े पूर्णिया के आदित्यधाम में एक सूर्य मंदिर है जहां साल में दो बार भगवान भास्कर का दरबार सजता है. सबसे पहले फरवरी माह में सूर्य सप्तमी और दूसरी बार छठ पर्व के दौरान यहां भगवान भास्कर को आस्था के अर्घ्य अर्पित किए जाते हैं. शहर में यह ऐसा एक मात्र पूजन स्थल है, जहां छठ पर्व पर सूर्य देवता की प्रतिमा की पूजा की जाती है और भगवान भाष्कर को अर्घ्य अर्पित किया जाता है. छठ पर्व के समय यहां का दृश्य काफी मनोरम हुआ करता है जिसे देखने के लिए भी काफी लोग पहुंचते हैं. यहां इस पूजन की परंपरा का पूरी आस्था के साथ निर्वहन किया जाता है. मरंगा के समीप वीवीआईटी परिसर स्थित मंदिर में सात घोड़ों पर सवार भगवान सूर्य की भव्य प्रतिमा प्रतिष्ठापित हैं और प्रतिमा के ठीक सामने तालाब बना है.

मंत्रोच्चार के साथ करते हैं अर्घ्य अर्पित

इसी तालाब के पानी में खड़ी होकर मंत्रोच्चार के साथ अर्घ्य अर्पित किए जाने की परंपरा चलती चली आ रही है. वैसे, यहां सामान्य दिनों में भी लोग पूजन अनुष्ठान के लिए पहुंचते हैं. छठ पोखर में शहर की शहर के लोगों का यहां आगमन होता है.उपलब्ध जानकारी के अनुसार विद्या विहार ग्रुप के चेयरमैन दिवंगत रमेश चंद्र मिश्र द्वारा इस सूर्य मंदिर का निर्माण कराया गया था. 10 फरवरी 2016 को इस मंदिर में भगवान भाष्कर की प्राण -प्रतिष्ठा की गई थी. उस समय हवन-पूजन के साथ सामाजिक कार्य, भजन-संध्या आदि आध्यात्मिक कार्यक्रम आयोजित किए गये थे.

छठ पोखर में भी लगायी जाती है प्रतिमा

शहर के ततमा टोली स्थित छठ पोखर में भी इस महापर्व के दौरान भगवान सूर्य की प्रतिमा लगायी जाती है और भगवान को अर्घ्य दिया जाता है. स्थानीय लोगों के अनुसार सन् 1980 में यहां पूजन की परंपरा शुरू हुई. यहां के बुजुर्ग बताते हैं कि पहले यहां स्व. दुखा दास, योगेन्द्र दास, विनय दास, आदि ने पूजा शुरू की थी. तब से यहां विधिवत पूजा-अर्चना की जा रही है. यहां सूर्य मंदिर में सूर्य देव की विशाल प्रतिमा बनायी जाती है. स्थानीय ने बताया कि पूजन की परंपरा के बाद ही यहां लोग हाथ आगे बढ़ाते हैं. खरना के सायं मंदिर में सूर्य देव की पूजा शुरू होती है. इसके बाद खरना का हाथ उठाते हैं. यहां के सभी लोग आस्था से लवरेज रहते हैं.फोटो- 2 पूर्णियाा 1- शहर के आदित्यधाम में स्थित सूर्य मंदिर

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें