Purnia news : जिले के मक्का किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य दिलाने के तमाम सरकारी प्रयास इस साल कोरे साबित हुए. जिले में मक्का खरीद के लिए बनाए गए केंद्रों पर पूरे सीजन सन्नाटा पसरा रहा. अहम तो यह है कि सरकारी केंद्रों पर बेचने की बात तो दूर, किसानों ने इसके लिए अब तक निबंधन भी नहीं कराया है, जबकि 15 जून से ही सरकारी दर पर खरीदारी शुरू होनी थी. यह खरीद अगले माह यानी जुलाई माह की 15 तारीख तक फिलहाल निर्धारित है. विडंबना है कि अपनी उपज सरकार के हाथों बेचने में किसानों की दिलचस्पी अब तक नहीं जगीहै.
छह प्रखंडों में व्यापार मंडल को बनाया गया है केंद्र
गौरतलब है कि मक्का खरीद के लिए पूर्णिया जिले के छह प्रखंडों में व्यापार मंडल को केंद्र बनाया गया है. इनमें अमौर, बायसी, डगरुआ, के नगर, जलालगढ़ तथा कसबा व्यापार मंडल के नाम शामिल हैं. इन सभी प्रखंडों में व्यापार मंडल के गोदाम हैं, जहां इस दफा पहली बार जिले में मक्के की खरीद होनी है. जानकारों के मुताबिक एनसीसीएफ के पोर्टल पर किसानों को अपने मक्का की बिक्री के लिए निबंधन कराने का प्रावधान तय किया गया है. किसानों को पेमेंट भी उन्हीं के द्वारा किया जाना है. मक्के की गुणवत्ता तथा खरीद के लिए व्यापार मंडलों पर नोडल ऑफिसर की प्रतिनियुक्ति एनसीसीएफ के ही जिम्मे है, लेकिन अभी तक किसी की भी प्रतिनियुक्ति नहीं हुई है.
गले नहीं उतर रहा सरकारी खरीद रेट
सरकार ने भले ही मक्का खरीद के सरकारी दर का निर्धारण कर दिया है, पर जो भाव तय किये गये हैं वह किसानों के गले नहीं उतर रहे हैं. तौर-तरीके में भी पेच नजर आ रहा है. उपलब्ध जानकारी के अनुसार किसानों को साफ-सुथरा एवं सुखाया हुआ दाना बोरी में भरकर खुद जिले के किसी भी क्रय केंद्र पर पहुंचाना है. खरीदारी के बाद तीन दिनों के भीतर उनके खाते में राशि भेजे जाने का प्रावधान है. वैसे, इस दफा सरकार ने मक्का की खरीद के लिए पहली बार व्यवस्था की है, जिसमें किसानों को प्रति क्विंटल मक्का के लिए 2090 रुपये का निर्धारण सरकार द्वारा किया गया है, जबकि खुले बाजार में मक्का का भाव फिलवक्त 2350 रुपये प्रति क्विंटल से लेकर 2450 रुपये प्रति क्विंटल चल रहा है. व्यापारियों की मानें तो इसके भाव में अभी और भी तेजी आने के आसार हैं.
बाजार में भाव अच्छा मिल रहा
बुआड़ी डगरुआ के किसान असरार ने कहा कि मक्का की पैदावार इस बार बेहतर हुई है. चार बीघे में खेती किये थे. मार्केट में भाव भी बेहतर है. 2350 रुपये प्रति क्विंटल बगल में ही लालबालू ले जाकर बेच लिए. न मार्केट का चक्कर और न ही रुपये मिलने में देरी. अब मक्का के बाद उसी खेत में पाट भी लगा चुके हैं.परसराई के किसान कमरुज्जमा ने कहा कि अभी खुले बाजार में प्रति क्विंटल 2300 से ऊपर भाव है मक्का का. घर पर ही व्यापारी लेने पहुंच जाते हैं और नहीं तो नजदीक में ही उनके गोदाम तक पहुंचाना पड़ता है. अब कोई दिक्कत नहीं है. बेचने पर पूरे रुपये भी हाथों हाथ मिल जाते हैं. किसान के लिए मक्का बेहद मुनाफे का सौदा है.
अभी तक किसी किसान ने निबंधन नहीं कराया
इस संबंध में जिला सहकारिता पदाधिकारी रणजीत कुमार ने बताया कि पहली बार सरकारी स्तर पर मक्का की खरीद इस साल शुरू की गयी है. यह खरीद 15 जुलाई तक चलेगी. अभी मक्का के लिए सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य 2090 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है. जिले के छह प्रखंडों में व्यापार मंडल द्वारा मक्का की खरीद की तैयारी है, लेकिन अभी तक किसी किसान ने निबंधन नहीं कराया है.