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रुपौली में अवैध रूप से चल रहे मिम्स हॉस्पिटल सील, संचालक व चिकित्सक पर एफआइआर का निर्देश

जिले में लंबे समय से फर्जी तरीके से पैथलॉजी, नर्सिंग होम व अल्ट्रासाउंड सोनोग्राफी वगैरह की शिकायतों के मद्देनजर स्वास्थ्य विभाग ने अपनी कार्रवाई तेज कर दी है.

अवैध पैथोलॉजी व नर्सिंग होम संचालकों की अब खैर नहीं, स्वास्थ्य विभाग सख्तपूर्णिया. जिले में लंबे समय से फर्जी तरीके से पैथलॉजी, नर्सिंग होम व अल्ट्रासाउंड सोनोग्राफी वगैरह की शिकायतों के मद्देनजर स्वास्थ्य विभाग ने अपनी कार्रवाई तेज कर दी है. इसके तहत जिला मुख्यालय से लेकर सभी प्रखंडों में भी जांच टीम द्वारा सर्वेक्षण का कार्य चल रहा है. टीम में शामिल लोग प्रखंड क्षेत्रों में निबंधित और गैर निबंधित पैथलॉजी, नर्सिंग होम व अल्ट्रासाउंड सोनोग्राफी वगैरह का डेटा तैयार कर रहे हैं. इसी बीच, रुपौली के मेहिनगर स्थित मिम्स हॉस्पिटल को जांचोपरांत अवैध पाते हुए सीएस डॉ. प्रमोद कुमार कनौजिया ने उसे सील करने के साथ-साथ संचालक व चिकित्सक के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराने का निर्देश जारी किया है. यह कार्रवाई बीते दिनों एक गर्भवती के ऑपरेशन के बाद हुई मौत के सिलसिले में जांच प्रतिवेदन के आधार पर की गयी है.

प्राप्त जानकारी के अनुसार, सीएस ने रुपौली रेफरल अस्पताल के पीछे अवैध तरीके से संचालित मिम्स हॉस्पिटल में प्रसूता की मौत के बाद की गयी जांच के रिपोर्ट के आधार पर मिम्स हॉस्पिटल के संचालक धर्मवीर भारती व चिकित्सक डॉ अरुण कुमार शरण के खिलाफ यह आदेश जारी किया है.

क्या था मामला

रुपौली प्रखंड वार्ड संख्या 13 निवासी 30 वर्षीया किरण देवी को उसके परिजनों द्वारा प्रसव के लिए रुपौली रेफरल लाया गया था. जहां उसकी स्थिति को गंभीर देखते हुए रेफरल अस्पताल के प्रभारी डॉ. नीरज कुमार द्वारा उसे बेहतर इलाज के लिए जीएमसीएच रेफर किया गया था, लेकिन इसी बीच उक्त महिला और उसके परिजनों को किसी के द्वारा बहला फुसलाकर रुपौली रेफरल अस्पताल के निकट ही निजी तौर पर संचालित मिम्स हॉस्पिटल पहुंचा दिया गया. जहां ऑपरेशन के बाद उक्त महिला की मौत हो गयी थी.

सीएस ने दिया था जांच का आदेश

इस घटना को लेकर सीएस ने रुपौली के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी की निगरानी में एक जांच कमेटी गठित कर मामले की तहकीकात करने को कहा. मिली जानकारी के अनुसार, चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. केके.शर्मा, अस्पताल प्रबंधक सबीया खातून, प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक रणजीत कुमार व प्रखंड सामुदायिक उत्प्रेरक कुंदन कुमार सहित चार सदस्यीय टीम ने मामले की जांच करते हुए रिपोर्ट सीएस को सौंपी. सौंपी गयी रिपोर्ट के अनुसार उक्त अस्पताल का संचालन, निर्धारित निबंधन मानकों के बगैर किये जाने व किसी भी जीएनएम, एएनएम, ड्रेसर, लैब टेक्नीशियन, ओटी सहायक आदि के नहीं होने तथा बगैर निबंधन अल्ट्रासाउंड और पैथोलॉजी को संचालित करने जैसी बाते सामने आयीं. इसी आधार पर सीएस श्री कनौजिया ने रुपौली के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. नीरज कुमार को मिम्स हॉस्पिटल को सील करने तथा संचालक और चिकित्सक पर एफआइआर लॉज करने का निदेश दिया है.

अवैध प्रतिष्ठान और मकान दोनों पर होगी कार्रवाई

सीएस डॉ प्रमोद कुमार कनौजिया ने दो टूक कहा है कि बगैर निबंधन गलत तरीका अपनाने वालों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जायेगा. उन्होंने साफ़ तौर पर कहा है कि अवैध अस्पताल और पैथलॉजी संचालकों पर कार्रवाई के साथ साथ वैसे मकान मालिक भी इस दायरे में आयेंगे जिनके घरों और मकानों में यह कार्य अवैध रूप से चल रहा हो.

बोले सीएस

जांच टीम द्वारा निरीक्षण के क्रम में पाया गया कि निर्धारित मानक के बगैर निबंधन अथवा नवीनीकरण उक्त अस्पताल का संचालन किया जा रहा था. नियम के विरुद्ध बिना लेडी सर्जन गर्भवती महिला का ऑपरेशन किया जाना गलत और अवैध पाया गया. इसके अलावा जांच के वक्त संचालक व चिकित्सक आदि कोई भी सामने नहीं आया. उसी जांच रिपोर्ट के आधार पर उक्त अस्पताल को सील करने और संचालक व चिकित्सक के खिलाफ एफआइआर के लिए कहा गया है.

डॉ. प्रमोद कुमार कनौजिया, सीएस

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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