कटिहार मोड़ के रेडलाइट एरिया में नेपाल, बांग्लादेश व असम की नाबालिग लड़कियां हैं कैद
छापेमारी से इस तथ्य का हुआ खुलासा
असम से अपहृत नाबालिग लड़की पूर्णिया से बरामद, छापेमारी से इस तथ्य का हुआ खुलासा
पूर्णिया. कटिहार मोड़ के रेडलाइट एरिया में 30 से अधिक नाबालिग लड़कियों से जबरन जिस्मफरोशी का धंधा करवाया जा रहा है. इन नाबालिग लड़कियों की उम्र महज 12 वर्ष से 15 वर्ष के बीच है. जानकारों का कहना है कि पिछले डेढ़ महीने से इनसे जबरन धंधा करवाया जा रहा है. नाबालिग लड़कियों में कुछ विदेशी लड़कियां भी है, जो बांग्लादेश और नेपाल से यहां लायी गयी है. अधिकांश लड़कियां पश्चिम बंगाल, असम, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, यूपी के गौरखपुर की है. यह खुलासा तब हुआ जब एक नाबालिग की तलाश में असम पुलिस यहां पहुंची. शनिवार को असम से अपहृत एक नाबालिग लड़की को असम पुलिस ने सदर पुलिस के सहयोग से बरामद कर लिया. असम के भानागढ़ थाना क्षेत्र से नाबालिग लड़की को जबरन भगा लिया गया था. इस मामले में छानबीन करने के लिए पहुंची असम पुलिस ने सदर थाना पुलिस के सहयोग से जीरो माइल से एक युवक को ढूंढ निकाला. इसके बाद लड़की की बरामदगी और उसके अपहरण के पीछे आरोपी के मंशा की पोल खुली. गिरफ्तार किये गये आरोपी की पहचान सदर थाना क्षेत्र के जीरो माइल निवासी मोहम्मद तनवीर के रूप में की गयी है. मामले को लेकर सदर थानाध्यक्ष राजीव कुमार लाल ने बताया कि लड़की को देह व्यापार के लिए लाया गया था.एक बांग्लादेशी नाबालिग को धंधेबाजों ने पहुंचाया था मुंगेर
दूसरी जगहों से यहां लाकर धंधा कराना यह कोई पहला वाकया नहीं है. दो साल पहले 31 मई 2022 की देर शाम सदर थाने की पुलिस ने कटिहार मोड़ के रेडलाइट एरिया में छापेमारी की थी. इस दौरान पुलिस ने दो महिलाओं और तीन नाबालिग से पूछताछ भी की थी. छापेमारी के बाद थानाध्यक्ष ने बताया था कि उन्हें रेडलाइट एरिया में बांग्लादेश से लायी गयी एक नाबालिग लड़की की सूचना मिली थी. हालांकि छापेमारी में लड़की बरामद नहीं हुई पर जानकारों का कहना था कि पुलिस को दी गयी सूचना बिल्कुल सही थी. दरअसल कटिहार मोड़ के रेडलाइट एरिया की एक महिला संचालिका के गुर्गे द्वारा छापेमारी से एक माह पूर्व 16 वर्षीया एक बांग्लादेशी लड़की को पहुंचाया गया था. महिला गुर्गे ने उक्त नाबालिग लड़की को पहले प्रेम जाल में फंसाया फिर शादी का झांसा देकर अवैध तरीके से बांग्लादेश से पश्चिम बंगाल के रास्ते कटिहार मोड़ पहंचा दिया.
पुलिस की छापेमारी से पहले सूचना हो जाती है लिक
जानकार बताते हैं कि जब भी वरीय पुलिस पदाधिकारी के नेतृत्व में पुलिस की छापेमारी होती है, इसकी सूचना धंधेबाजों को पूर्व में ही मिल जाती है. जब तक पुलिस रेडलाइट एरिया पहुंचती है, तब तक धंधेबाज लड़कियों को पश्चिम बंगाल के पांजीपाड़ा और इस्लामपुर पहुंचा देने में कामयाब हो जाते हैं.कब-कब हुई थी छापेमारी
वर्ष 2013 में पूर्णिया के तत्कालीन एसपी किम शर्मा के नेतृत्व में कटिहार मोड़ समेत गुलाबबाग के जीरोमाइल स्थित रडलाइट एरिया में छापेमारी की गयी थी. इस छापेमारी में आधे दर्जन युवतियों समेत दलालों को हिरासत में लिया गया था. इस छापेमारी के एक वर्ष बाद 2 अप्रैल 2014 को तत्कालीन कमजोर वर्ग के एसपी किम शर्मा के ही नेतृत्व में पूर्णिया के तत्कालीन एसपी अजीत सत्यार्थी द्वारा शहर के चार रेडलाइट एरिया में एक साथ छापेमारी की बड़ी कार्रवाई हुई थी. इनमें हरदा बाजार, कटिहार मोड़, गुलाबबाग जीरोमाइल और मुजरापट्टी शामिल था. छापेमारी में पांच दर्जन महिला और पुरुषों को पकड़ा गया था. तब देह व्यापार संचालिकाओं पर सख्त कार्रवाई हुई थी.फोटो- 7 पूर्णिया 3-सांकेतिक तस्वीर
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