निर्जला व्रत रख माताओं ने की संतान के दीर्घायु की कामना
जीमूतवाहन राजा की पूजा कर गले में धारण किया जिउतिया का धागा
जीमूतवाहन राजा की पूजा कर गले में धारण किया जिउतिया का धागा
कई जगह आज हुआ नहाय-खाय, बुधवार को रखा जाएगा निर्जला व्रत
पूर्णिया. संतान की लंबी आयु व सुख-समृद्धि की कामना को लेकर मंगलवार को माताओं ने जिउतिया का निर्जला व्रत रखा और पूजन अनुष्ठान किया. हालांकि कई महिलाएं मंगलवार को नहाय खाय कर बुधवार को व्रत रखेंगी. सोमवार को नहाय खाय करने वाली माताओं ने मंगलवार को नियमानुसार जीमूतवाहन राजा की पूजा की और प्रतीक के रूप में सोने, चांदी, धागे से बने गले में धारण किया. पहले दिन नहाय खाय के बाद सिर्फ एक बार भोजन किया था. दूसरे दिन यानी मंगलवार को निर्जला व्रत रखा. अब वे व्रत के तीसरे दिन पारण करेंगी. इस बीच खाजा, फल सहित अन्य सामग्री प्रसाद के रूप में चढ़ाए और ब्राह्मणों से कथा सुनी. परंपरा अनुसार यह तीन दिन तक चलने वाला व्रत है. पारण अर्थात प्रसाद ग्रहण के साथ यह महाव्रत सम्पन्न होता है. शास्त्रों में इस व्रत का बहुत बड़ा फल बताया गया है. शास्त्रों के अनुसार माताओं ने मंगलवार को कुश निर्मित राजा जीमुतवाहन चिल्ही सियारनी की पूजा अर्चना की. मान्यता के अनुसार द्वापर युग में ऋषि धौम्य के बताये मुताबिक पुत्रों के लम्बी उम्र की कामना को लेकर महारानी द्रौपदी ने पुरवासिन महिलाओं के साथ यह व्रत किया था. तब से संसार में जीवित पुत्रिका व्रत मनाने का चलन आरंभ हुआ. इसमें महिलाएं सोने चांदी तथा धागे से बने जिवितिया गले में धारण करती है ताकि संतान हर विपत्तियों से सुरक्षित रहे तथा दीर्घायु हो. इसी कामना को दिल में संजोए जिउतिया पहनती हैं.फोटो. 24 पूर्णिया 7- जिउतिया के मौके पर खाजा की खरीदारी करते लोग
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