नगरपालिका बाजार को तारणहार की दरकार
जीर्णोद्दार की बाट जोह रहा है भट्ठा बाजार स्थित नगरपालिका बाजार
जीर्णोद्दार की बाट जोह रहा है भट्ठा बाजार स्थित नगरपालिका बाजार
पूर्णिया. शहर के सबसे पुराने और प्रसिद्ध मार्केट भट्ठा बाजार में अवस्थित दो मंजिला नगर पालिका बाजार अपने हालात पर आंसू बहाने को विवश है. ऐसा नहीं है कि यहां के दुकानदारों का कारोबार नहीं चलता बल्कि लगभग प्रत्येक प्रतिष्ठान में ग्राहकों की आवाजाही पूरे दिन लगी रहती है बावजूद इसके कुछ समस्याएं शुरू से ही यहां के कारोबारी झेलते आये हैं और कुछ समस्याएं देख रेख के अभाव में समय के साथ बढ़ती चली गयीं. इस मार्केट के सबसे ऊपर इसके निर्माण का वर्ष 1996 अंकित है और दोनों ही मंजिल मिलाकर लगभग 50 की संख्या में दुकाने यहां बनायी गयी हैं. आम जीवन में इस्तेमाल की लगभग तमाम दुकानें यहां अवस्थित हैं. पुरुष दुकानदारों के साथ साथ लगभग चार से पांच की संख्या में महिलायें भी यहां पार्लर में काम करती हैं. लेकिन शौचालय और पेयजल के मामले में इस मार्केट के भी हाथ खाली ही हैं. दुकानदारों की मानें तो बीते लगभग 27 वर्षों में अबतक इसकी बिल्डिंग में किसी भी तरह का रिपेयरिंग का कार्य नहीं कराया गया है जिसकी वजह से अनेक स्थानों से प्लास्टर झड कर गिर रहे हैं. वहीँ ऊपरी छत और सीढ़ी घर के बीम से अन्दर की कमजोर छड़ें बाहर निकल आयीं हैं. नीचे की बिल्डिंग मिला जुलाकर दुकानदारों ने अपने प्रयास से ठीक करवाकर उसके हालात सुधार दिए हैं लेकिन ऊपरी मंजिल की दशा चिंतनीय है जबकि ऊपरी मंजिल के दुकानदारों ने भी बारिश में छत टपकने की समस्या का निराकरण खुद के पैसों से ही करवाया है बावजूद इसके जितनी जगह सार्वजनिक हैं उनकी स्थिति बिलकुल खास्ताहाल है. दुकानदारों ने बताया कि मार्केट के हालात को लेकर कई बार निगम को उन सभी के द्वारा पत्र भी दिया जा चुका है लेकिन मामला ढाक के तीन पात जैसा ही रहा. सिवाय आश्वासन के उनसब को कुछ भी हासिल नहीं हुआ. कई बार अखबारों की भी खबर बन चुका भट्ठा बाजार का यह मार्केट अपने किसी ताड़नहार की राह देखने को विवश है.कभी भी गिर सकती है सीढ़ीघर की ऊपरी दीवार
इस मार्केट में सीढ़ी को लेकर भी लोगों की शिकायतें शुरू से ही रही हैं. लोगों का कहना है कि सीढ़ी घर का इस तरह से निर्माण कराया गया कि ग्राहकों के साथ साथ दुकानदारों को भी आज तक परेशानियां उठानी पड़ रही है. कुछ दुकानदारों का कहना था कि सीढ़ी की ही वजह से ऊपर के कारोबारियों का कारोबार नहीं चल पाया. दूसरी ओर देखरेख के अभाव में इसकी दीवारें इतनी कमजोर हो गयी हैं कि हवा के झोंके में कभी भी पलट जा सकती है. हालांकि ऊपर का कुछ भाग नष्ट भी हो चुका है. लोगों ने बताया कि वर्ष 2014 में आयी भूकंप से सीढ़ीघर का एक पाया टूटकर नीचे गिर पडा था. हालांकि इसमें कोई नुकसान तो नहीं हुआ था लेकिन बिल्डिंग की हालत देख यहां के लोग भूकंप के नाम से ही दहशत में आ जाते हैं.ऊपरी छत की रेलिंग पूरी तरह से हो चुकी है डैमेज
इस मार्केट में अवस्थित ऊपर की दुकानों के सामने ग्राहकों के आनेजाने के लिए बने कोरीडोर में लगायी गयी लोहे की रेलिंग कई स्थानों पर जंग लगकर टूट चुकी हैं. वहीँ कई स्थानों पर से वो गायब भी हैं जहां दुकानदारों ने बचाव के लिए होर्डिंग्स लगा दिए हैं. लेकिन कोई भी अनजान व्यक्ति धोखे में वहां से नीचे गिर पड़े तो इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं. जबकि ऊपरी छत की रेलिंग भी इतनी कमजोर हो गयीं हैं कि कभी भी नीचे गिरकर किसी बड़ी दुर्घटना को अंजाम दे सकती है.शुरू से ही शौचालय और पेयजल की रही है भारी दिक्कत
भट्ठा बाजार स्थित नगरपालिका बाजार में शुरू से ही शौचालय तथा पेयजल की समस्या बनी रही. कुछ पुराने दुकानदारों ने बताया कि इसके निर्माण के समय यहां शौचालय और पेयजल की व्यवस्था की भी बात हुई थी लेकिन बाद के दिनों में इस दिशा में कोई काम नहीं हुआ. नतीजतन पहले लोगों को इसके लिए रजनी चौक पर अवस्थित सुलभ शौचालय जाना पड़ता था और अब थोड़ा नजदीक जिला स्कूल के निकट जाना पड़ता है वहां भी साफ-सफाई का अभाव रहता है और ज्यादा समय ताले ही लटके रहते हैं. कई लोगों ने तो यह भी बताया कि बिल्डिंग की सबसे उपरी छत पर भी अक्सर लोग पेशाब करने चले जाते हैं.
कहते हैं दुकानदार
1. जब से यह बना है तब से रंगरोगन और मरम्मती का काम दुकानदारों ने खुद करवाया है. सीढ़ी घर के बगल में शौचालय के लिए भी शायद प्लान किया गया था लेकिन बाद में वहां भी दुकाने बन गयीं. पार्किंग, शौचालय और ट्यूबबेल की भी समस्या है.अशोक कुमार, दुकानदार
फोटो. 27 पूर्णिया 8- अशोक कुमार2. प्रथम तल पर शुरू से ही कारोबार कर रहा हूं. फिलहाल कंप्यूटर का कारोबार है. बरसात में छत टपकने की समस्या को लेकर खुद मरम्मती करवा चुका हूं. किसी का भी ध्यान इस ओर नहीं जा रहा यहां तक कि प्रत्येक दिन निगमकर्मी जो सफाई के लिए आते हैं वे नीचे ही साफ़ सफाई करके चले जाते हैं ऊपर नहीं आते.
वजी अहमद, दुकानदारफोटो. 27 पूर्णिया 9- वजी अहमद
3. पहले राशन किराना स्टोर चलाता था बाद में उसे श्रृंगार की दूकान में बदला. जब भी कुछ रिपेयर या निर्माण का कार्य किया खुद करने पड़े. हालांकि सडक चौड़ीकरण और नाला के निर्माण का कार्य हुआ था जिससे थोड़ी राहत यहां के लोगों को मिली थी लेकिन अभी भी कुछ समस्याएं हैं जिनसे छुटकारा जरुरी है.भोला जायसवाल, दुकानदार
फोटो. 27 पूर्णिया 10-भोला जायसवाल4. यहां लगभग सभी दुकानदार दिन के दस बजे से लेकर रात दस बजे तक समय बिताते हैं. इस दौरान टॉयलेट भी जाने की जरुरत होती है. इसके लिए या तो रजनी चौक या जिला स्कूल तक जाना पड़ता है नजदीक में कहीं व्यवस्था नहीं है अब दूकान को छोड़कर हर दिन वहां जाना संभव ही नहीं है.
रितेश कुमार, दुकानदारफोटो. 27 पूर्णिया 11- रितेश कुमार
फोटो. 27 पूर्णिया 12- भट्ठटा बाजार स्थित नगरपालिका मार्केट13-जंग लग कर नष्ट हो चुकी रेलिंग
14- सीढ़ी घर के बीम से झांकता सरिया15- सीढ़ी घर की कमजोर दीवार
16, 17-नगरपालिका मार्केट कॉम्प्लेक्सडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है