मखाना की ब्रांडिग के लिए राष्ट्रीय सेमिनार अगले माह
सेमिनार में राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर ने सम्मिलित होने की दी सहमति
सेमिनार में राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर ने सम्मिलित होने की दी सहमतिपूर्णिया. मखाना को वैश्विक स्तर पर मार्केटिंग एवं ब्रांडिग को बढ़ावा देने के लिए पूर्णिया के भोला पासवान शास्त्री कृषि महाविद्यालय में आगामी आठ जून से तीन दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया जायेगा. इस सेमिनार में मुख्य अतिथि के रूप में बिहार कृषि विश्वविद्याल, सबौर, भागलपुर के कुलाधिपति सह राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर ने सम्मिलित होने के लिए अपनी सहमति प्रदान की है. यह जानकारी बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर, भागलपुर के कुलपति प्रो (डॉ) डीआर सिंह ने दी. उन्होंने बताया कि इस अवसर पर राज्यपाल द्वारा महाविद्यालय के नवनिर्मित सभागार का उद्धाटन भी किया जायेगा. इस सभागार की क्षमता कुल 300 व्यक्तियों के बैठने की है. कुलपति ने बताया कि भोला पासवान शास्त्री कृषि महाविद्यालय, पूर्णिय के मखाना वैज्ञानिकों की टीम ने विगत 12 वर्षों से लगातार मखाना के समुचित विकास के लिए कार्य कर रही है. इस कार्य को राष्ट्रीय स्तर पर पहुंचाने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर सेमिनार का आयोजन किया जा रहा है. इस सेमिनार में भारत के विभिन्न राज्यों के वैज्ञानिकों, उद्यमियो, प्रसार कार्यकर्ताओं के साथ-साथ मखाना की खेती के प्रगतिशील किसानों की सक्रिय सहभागिता होगी.
मखाना की 90 फीसदी उत्पादन बिहार में
मखाना बिहार की मूल फसल है और भारत के कुल मखाना उत्पादन का 85 से 90 प्रतिशत उत्पादन बिहार राज्य में ही होता है. बिहार राज्य के जलजमाव से प्रभावित क्षेत्रों के किसानों की आर्थिक एवं सामाजिक समृद्धि हेतु इस प्रकार के कार्यक्रम से वे बातें निकल कर के आयेगी कि किस प्रकार किसानों की मखाना फसल के गुर्री से लावा बनाने तक एवं लावा से वेलू आधारित उत्पाद का निर्माण एवं व्यापार किस प्रकार किया जाये. साथ ही साथ मखाना के औषधीय एवं पोषक तत्वों के गुणों को जनसाधारण तक पहुंचाने की आवश्यकता है, तभी मखाना देश ही नहीं वैश्विक स्तर पर कुपोषण को दूर करने में अपनी अहम भागीदारी सुनिश्चित हो पायेगी.विकास के लिए बनी मखाना विकास योजना
ज्ञांत हो कि बिहार सरकार के कृषि विभाग, उद्यान निदेशालय, पटना के राज्य बागवानी मिशन अंतर्गत मखाना फसल के समुचित विकास हेतु भोला पासवान शास्त्री कृषि महाविद्यालय, पूर्णिया को वर्ष 2019 में बिहार के 9.12 लाख हेक्टेयर जलजमाव क्षेत्रों के उत्पादन, उत्पादकता एवं लाभप्रदता में वृद्धि हेतु मखाना विकास योजना के नाम से एक परियोजना को संस्तुत किया गया था जिसमें किसानों को मखाना फसल पर कुल लागत का 75 प्रतिशत राशि अनुदान के रूप में उनके बैंक खाते में प्रदान की गई. इस परियोजना में बिहार के मखाना उत्पादक किसानों को सबौर मखाना-1 का बीज का वितरण भोला पासवान शास्त्री कृषि महाविद्यालय, पूर्णिय से किया गया. इस प्रकार कोसी एवं सीमांचल क्षेत्रों में मखाना के उन्नतशील प्रजाति के प्रचार-प्रसार के साथ साथ मखाना खेती का क्षेत्र विस्तार भी हुआ.
फोटो. 29 पूर्णिया 9- कुलपति प्रो (डॉ.) डीआर सिंहडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है