सीएए-एनआरसी का विरोध किया तो नीतीश कुमार ने मुझे जदयू से निकाला : प्रशांत किशोर

सीएए-एनआरसी का विरोध किया तो

By Prabhat Khabar News Desk | September 12, 2024 6:06 PM

जदयू मुसलमानों के हक की बात करती है पर संसद में वक्फ कानून का समर्थन भी करती हैपूर्णिया. जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने जदयू के मुस्लिम परस्त राजनीति पर हमला बोला. कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और जदयू आज जब मुस्लिम समाज असहज हैं, तब वह समाज के साथ नहीं खड़े हैं. बल्कि वह अपनी सत्ता बचाने के लिए भाजपा के साथ खड़े हैं. जिसका सबसे बड़ा उदाहरण जदयू का संसद में वक्फ कानून का समर्थन करना है. जदयू केवल मुस्लिम समाज को कुछ एमएलसी या बोर्ड के सदस्य बनाने का लॉलीपॉप देकर उनसे उनका वोट ले लेती है, पर जब जरूरत होती है तब समाज के साथ खड़ी नहीं होती है. मैंने सीएए, एनआरसी का विरोध किया तो नीतीश कुमार ने मुझे जदयू से निकाल दिया. एक दिवसीय दौरे पर पहुंचे श्री किशोर गुरुवार को यहां पत्रकारों से बात कर रहे थे. उन्होंने जदयू के मुस्लिम नेताओं से भी सवाल किया कि वह किस आधार पर जदयू का साथ दे रहे हैं, जबकि जदयू संसद में वक्फ जैसा कानून का समर्थन कर रही है. इससे पूरा मुस्लिम समाज आज असहज महसूस कर रहा है.

बिहार की बदहाली के असली गुनहगार कांग्रेस व भाजपा

उन्होंने कहा कि राजद और भाजपा को छोड़कर बिहार में कुछ नया होना चाहिए. इसको लेकर बिहार के लोग तैयार बैठे हुए हैं. उन्होंने कहा कि पिछले तीन दशक से अधिक समय से बिहार में लालू जी और नीतीश कुमार का शासन रहा है. बिहार की बदहाली का जिम्मेवार लालू जी और नीतीश कुमार हैं. लेकिन असली गुनाहगार कांग्रेस और भाजपा है. उन्होंने कहा कि अगर जनसुराज की व्यवस्था बनी तो सबसे पहले बिहार से मजदूरों का पलायन रोका जायेगा. उन्होंने कहा कि बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर जनसुराज के दो तिहाई से अधिक वैसे उम्मीदवार होंगे जो चुनाव कभी नहीं लड़े. संभावित उम्मीदवारों की घोषणा विधानसभा वाइज की जायेगी. प्रत्येक विधानसभा में चार से पांच संभावित उम्मीदवारों की घोषणा की जायेगी. उनके क्षेत्र में किये गये काम के रिपोर्ट के आधार पर अंतिम निर्णय लिया जायेगा.

उनकी सरकार बनी तो एक घंटे के अंदर शराबबंदी खत्म

प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार में जन सुराज की सरकार बनी तो एक घंटे के अंदर शराबबंदी को उठाकर बाहर फैंक देंगे. इससे गलत कोई कानून यहां कभी नहीं बना. शराबबंदी के नाम पर दुकानें बंद हैं और होम डिलेवरी हो रही है. एक लाख लोग सूबे के जेल में बंद हैं. शराबबंदी के कारण हर वर्ष राज्य की गरीब जनता का 20 हजार करोड़ का नुकसान हो रहा है. यह पैसा जा रहा है भ्रष्ट अफसरों के पास, नेताओं के पास और शराब माफियाओं के पास. लोगों ने मुझसे कहा कि शराबबंदी के खिलाफ बोलेंगे तो महिला वोट नहीं देंगी. उन्होंने कहा कि वोट मिले या नहीं मिले, शराबबंदी गलत है, इसके खिलाफ बोलेंगे ही.

फोटो-12 पूर्णिया 15- संबोधित करते प्रशांत किशोर

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