अतिक्रमण हटाने के लिए गये अधिकारियों को बैरंग वापस लौटना पड़ा

किसानों ने कोर्ट की ओर से निर्धारित की गयी दर से मुआवजा देने की मांग की

By Prabhat Khabar News Desk | June 10, 2024 10:27 PM

पूर्णिया. सोमवार को मरंगा बायपास में अधिकृत जमीन से अतिक्रमण हटाने के लिए गये अधिकारियों को बैरंग वापस लौटना पड़ा. दरअसल, जिस जमीन को अधिग्रहण किया गया है, वह एनएच से सटा हुआ व्यवसायिक मृल्य की जमीन है. किसानों के शिकायत है कि व्यवसायिक मूल्य की जमीन को कृषि योग्य भूमि बताकर मुआबजा दिया जा रहा है. इसके खिलाफ किसानों ने पूर्णिया कमिश्नर के न्यायालय में मुकदमा किया है. किसानों का कहना है कि कोर्ट ने सरकार द्वारा निर्धारित दर के मुताबिक अधिग्रहित जमीन का भुगतान करने का आदेश भू अधिग्रहण विभाग को दिया है लेकिन इसके बावजूद कमिश्नर के आदेश का अवहेलना करते हुए जमीन पर कब्जा करने की कोशिश की जा रही है. पीड़ित पक्षों का आरोप था कि उन्हें सड़क बनाने से कोई दिक्कत नहीं है. उन्हें कोर्ट ने जो दर निर्धारित किया है, उसके हिसाब से उन्हें मुआवजा मिलना चाहिए. इसी बात को लेकर किसानों ने विरोध जताया. बाद में अधिकारी वापस लौट गये. गौरतलब है कि जिला पदाधिकारी कुंदन कुमार ने शहर को एनएच-107 से जोड़नेवाली वनभाग-मरंगा बायपास के निर्माण में में बाधा बने अतिक्रमण को जल्द हटाने का निर्देश दिया था. यह निर्देश बिहार के मुख्य सचिव के आदेश के आलोक में दिया गया था. मुख्य सचिव ने महेशखुंट-सहरसा- पूर्णिया एनएच 107 परियोजना की समीक्षा के दौरान यह बात सामने आयी कि एनएच107 बायपास रोड में मरंगा के पास 300 मीटर भूमि के अतिक्रमण के कारण सड़क निर्माण कार्य अवरुद्ध है. वीडियो कांफ्रेंसिंग में मुख्य सचिव ने पूर्णिया जिला प्रशासन को अविलंब अतिक्रमित भूमि को खाली कराने का आदेश दिया है.

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