राहत कार्यों में बरती गयी लापरवाही के विरोध में पंचायत जनप्रतिनिधियों ने किया प्रदर्शन

प्रखंड को बाढ़ प्रभावित क्षेत्र घोषित करने की मांग

By Prabhat Khabar News Desk | October 16, 2024 6:38 PM

जनप्रतिनिधियों ने की संपूर्ण प्रखंड को बाढ़ प्रभावित क्षेत्र घोषित करने की मांग प्रतिनिधि, अमौर. बाढ़ राहत कार्यों में बरती गयी लापरवाही एवं बाढ़ पीड़ितों की उपेक्षा किये जाने के विरोध में क्षेत्र के त्रिस्तरीय पंचायत राज के जनप्रतिनिधियों ने अमौर प्रखंड में प्रदर्शन किया और संपूर्ण प्रखंड को बाढ़ प्रभावित क्षेत्र घोषित करने की मांग की. मौके पर प्रमुख प्रतिनिधि अफसर नदवी ने कहा कि अमौर प्रखंड में इस वर्ष बाढ़ ने जो कहर बरपाया और उससे जो क्षति हुई है, उसकी भरपाई आने वाले कई दशकों में भी हो पायेगी. बाढ़ के दौरान व बाढ़ के बाद यहां के अंचल प्रशासन द्वारा बाढ़ पीड़ितों की जो उपेक्षा की गई उससे प्रशासनिक मानवीय संवेदन शून्यता स्पष्ट रूप से उजागर हो गई है. उन्होंने कहा कि बाढ़ पीड़ितो की सूची में भारी गड़बड़ी की गयी है जिससे बहुत सारे लोग सरकारी लाभ से वंचित रह गये हैं. प्रखंड मुखिया संघ अध्यक्ष गुलाम अजहर ने कहा कि प्रखंड में बाढ़ पीड़ितों की सूची तैयार करने में अंचल प्रशासन द्वारा न ही पंचायत अनुश्रवण समिति से सूची पारित कराया गया है और न ही प्रखंड अनुश्रवण समिति से सूची का अनुमोदन किया गया है. मनमर्जी से सूची तैयार कर क्षेत्र के बाढ़पीड़ितों की उपेक्षा की गई है. मौके पर जिला पार्षद प्रतिनिधि अफरेज आलम ने कहा कि प्रखंड के 25 पंचायतों की शत प्रतिशत आबादी बाढ़ से प्रभावित हुई है. क्षेत्र में बाढ़ का पानी लगातार दस दिनों तक सभी परिवारों के घरों में दस से बारह फुट बाढ़ का पानी घुसा होने के कारण प्रभावित परिवारों को घर छोड़कर उंचे स्थानों पर शरण लेना पड़ा है. बाढ़ में भारी संख्या में क्षेत्र में कच्ची मकान ध्वस्त हुए हैं. बाढ़ के पानी में डूबने से किसानों हजारों हेक्टेयर में लगी खरीफ व जूट की फसलें पूरी तरह नष्ट हो गई है. बाढ़ की तेज धारा में सभी पंचायतों की ग्रामीण सड़के जगह जगह कट गई हैं और इन सड़कों पर यातायात ठप हो गया है. बाढ़ व नदी कटाव से भारी संख्या में लोग बेघर विस्थापित हो चुके हैं जहां सरकारी राहत व बचाव की व्यवस्था पूर्णत: नगण्य रही है. क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों ने चेतावनी दी है कि यदि एक सप्ताह के अन्दर अमौर प्रखंड क्षेत्र को सम्पूर्ण बाढ़ प्रभावित क्षेत्र घोषित नहीं किया गया तथा सभी पंचायतों के बाढ़ प्रभावित परिवारों को निर्धारित माप दण्डों के अनुसार राहत जीआर की राशि उपलब्ध नहीं कराया गया तो क्षेत्र के सभी जिला पार्षद, पंचायत मुखिया, प्रमुख, समिति सदस्य, वार्ड सदस्य अपने अपने पंचायत के बाढ़ पीड़ितों को साथ लेकर सड़क पर उतर आयेंगे. पंचायत प्रतिनिधियों ने इस दिशा में साकारात्मक पहल करने का अनुरोध जिला पदाधिकारी पूर्णिया से की है. प्रदर्शनकारियों में त्रिस्तरीय पंचायत राज के प्रतिनिधियों में राजेश, कुमार, नैय्यर आलम, एकबाल खान, अहमद हुसेन, इनायत हुसेन, सज्जाद आलम, सनोव्वर आलम, तनवीर आलम, मुख्तार आलम, साकिर हुसेन, फैयाज आलम, मो शाबीर कुदुश आलम सहित भारी संख्या मे क्षेत्र के जनप्रतिनिधि व बाढ़ पीडित शामिल थे.

कोई सूची नहीं भेजी गयी है : अंचलाधिकारी

अमौर अंचल अधिकारी सुधांशु मधुकर के अनुसार, अमौर प्रखंड से बाढ़पीड़ितों की कोई सूची आपदा विभाग को नहीं भेजी गई है. मौखिक रूप से कुछ पंचायत का नाम आपदा विभाग को दिया गया है. प्रखंड में आयोजित प्रखंड अनुश्रवण समिति की बैठक में राजस्व कर्मचारी द्वारा तैयार की गई बाढ़ प्रभावित परिवार की सूची पर पंचायत मुखिया व समिति सदस्यों की सहमति नहीं होने के कारण सूची का अनुमोदन नहीं हो सका और बैठक स्थगित हो गई थी. इस कारण प्रखंड के बाढ़पीड़ितों को जीआर अनुदान राशि के लाभ से वंचित होना पड़ा है.

फोटो- 16 पूर्णिया 14- अमौर प्रखंड में बाढ़ आपदा को लेकर प्रदर्शन करते पंचायत जनप्रतिनिधि.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version