रामनगर में 150 वर्षों से सज रहा पौष पूर्णिमा का मेला
नगर पंचायत चंपानगर के रामनगर गांव के कारी कोसी नदी के किनारे स्थित डेढ़ सौ वर्षों से अधिक प्राचीन चितेश्वर शिव मंदिर परिसर में हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी पौष पूर्णिमा पर एक दिवसीय मेले का आयोजन किया गया.
केनगर. नगर पंचायत चंपानगर के रामनगर गांव के कारी कोसी नदी के किनारे स्थित डेढ़ सौ वर्षों से अधिक प्राचीन चितेश्वर शिव मंदिर परिसर में हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी पौष पूर्णिमा पर एक दिवसीय मेले का आयोजन किया गया. इस मौके पर तीन दिवसीय अष्टयाम संकीर्तन का भी आयोजन रविवार से आरंभ कर दिया गया है. बताया जाता है कि प्राचीन चितेश्वर शिव मंदिर की स्थापना इस क्षेत्र के लोगों को कारी कोसी के तांडव से बचाने के लिए तत्कालीन स्थानीय राजा के द्वारा की गयी थी. तभी से ही पौष पूर्णिमा पर इस मंदिर परिसर में मेले का आयोजन होता आ रहा है. मंदिर के स्थापना काल से ही लोग पौष पूर्णिमा में कारी कोसी में स्नान कर चितेश्वर शिव मंदिर में स्थापित शिवलिंग पर जलाभिषेक करते आ रहे हैं. 1980 में मंदिर जीर्णोद्धार कमेटी के आपसी सहयोग से मंदिर का जीर्णोद्धार कर एक भव्य बजरंगबली मंदिर का निर्माण करवाया. साथ ही एक माता पार्वती मंदिर की भी नींव रखी, जो लगभग बनकर तैयार है. उल्लेखनीय है कि एक दिवसीय मेले में काठ के बने ओखली-समाठ व बच्चों के खेलने वाले काठ के खिलौने, मिट्टी से बने खिलौने की दुकान वर्षों से सजायी जा रही है. इस मेले में बेर, नारंगी व तेजपत्ता की बड़ी संख्या में दुकान सजती है. जहां लोग जमकर इसकी खरीदारी करते हैं. फोटो. 13 पूर्णिया 22- मंदिर परिसर में जुटे श्रद्धालु.
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