आदिवासी नृत्य व गाने से झूमते रहे समाज के लोग
सोहराय मेला के दूसरे दिन एक शाम अमर शहीद बिरसा मुण्डा के नाम कार्यक्रम
धमदाहा. प्रखंड के हरिणकोल में आयोजित सोहराय मेला के दूसरा दिन भी आदिवासी समाज का सैलाब उमड़ पड़ा. आदिवासी समाज के प्रसिद्ध कलाकार रथिन किस्कू द्वारा एक शाम अमर शहीद बिरसा मुण्डा के नाम कार्यक्रम में आदिवासी नृत्य एवं गाने से झूमते हुए दिखाई दिये. बिहार सरकार द्वारा आयोजित सोहराय मेला के दूसरे दिन आदिवासी समुदाय के महिलाओं, बुजुर्गों द्वारा पारंपरिक तरीके से प्रकृति की पूजा की गयी. पूरे हरिणकोल समेत धमदाहा विधानसभा के आदिवासी बाहुल्य इलाका उत्सवी माहौल में परिवर्तित हो गया है. बिहार से झारखंड अलग होने के बाद राज्य सरकार द्वारा आदिवासी समाज का पवित्र पर्व सोहराय धमदाहा में मनाया जा रहा है. आदिवासी समुदाय के मांझी बाबा यानी ग्राम प्रधान समेत बड़े -बुजुर्ग मंत्री लेशी सिंह की भूरि-भूरि प्रशंसा करते दिख रहे थे. प्रसिद्ध कलाकार रथिन किस्कू ने कहा कि मंत्री लेशी सिंह के आमंत्रण पर धमदाहा बिहार आकर गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं. पहली बार मंत्री लेशी सिंह के प्रयास से बिहार से झारखण्ड अलग होने के बाद राज्य सरकार द्वारा आदिवासी समाज का पवित्र पर्व सोहराय धमदाहा में मनाया जा रहा है. ये आदिवासियों के लिए गौरव का विषय है. झारखंड से आये गायक रथिन किस्कू एवं टीना हेम्ब्रम की टीम ने एक शाम अमर शहीद बिरसा मुंडा के नाम कार्यक्रम में प्रस्तुति दी. इस कार्यक्रम को सफल बनाने में रजनीश टूड्डू, संजय मरांडी, बोनी सागर,राजेन्द्र बेसरा, मुन्ना मुर्मू, शैलेन्द्र हांसदा, सुरेन्द्र मुर्मू, भगवान हांसदा, अनंतलाल मुर्मू जेम्स हेम्ब्रम की सक्रिय भूमिका रही.
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