छापेमारी के दौरान 388 जिंदा कारतूस व औजार के साथ तस्कर गिरफ्तार
औजार के अलावा 3.68 लाख रुपये किया बरामदपूर्णिया. जिले के बीकोठी थाना क्षेत्र के सुखासन में चल रही एक अवैध मिनी गन फैक्ट्री का पुलिस ने भंडाफोड़ किया है. छापेमारी के दौरान पुलिस ने अर्धनिर्मित हथियार, औजार एवं जिंदा कारतूस के साथ एक तस्कर को गिरफ्तार कर लिया है. गिरफ्तार तस्कर सुखासन का शेखर प्रसाद सिंह बताया गया है. छापेमारी के दौरान 388 जिंदा कारतूस, तीन हेंड ड्रील मशीन, पांच प्रेशर पाइप, लोहार का दो छोटा एवं एक बड़ा बेरल, एक ड्रील मशीन, एक ग्रेण्डर मशीन आदि औजार के अलावा 3.68 लाख रुपये बरामद किया गया है. शुक्रवार को पुलिस कार्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता में एसपी कार्तिकेय शर्मा ने बताया कि बीकोठी के संध्या गश्ती पदाधिकारी को डीआईयू शाखा, पूर्णिया द्वारा एक गुप्त सूचना दी गयी कि अवैध हथियार तस्कर शेखर प्रसाद सिंह अपने घर में बड़े पैमाने पर कारतूस एवं देशी कट्टा बना कर बेचने का धंधा करता है. गुप्त सूचना मिलने के बाद बीकोठी थानाध्यक्ष संजय कुमार के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया गया. गठित टीम शेखर प्रसाद सिंह के घर के पास पहुंची तो पुलिस को देखते ही एक व्यक्ति घर से निकल कर भागने लगा जिसे साथ की पुलिस के सहयोग से पकड़् लिया गया. पकड़ाये व्यक्ति का नाम शेखर प्रसाद सिंह बताया गया. पकड़ाये व्यक्ति की घर की तलाशी के दौरान एक कमरे से अवैध कारतूस, हथियार बनाने का औजार, अर्धनिर्मित हथियार, रुपया एवं अन्य सामान बरामद किया गया. एसपी ने बताया कि अवैध हथियार बनाने एवं बेचने का धंधा काफी समय से चल रहा था.
मरंगा का मंटू यादव करता था हथियारों की डील
एसपी ने बताया कि गिरफ्तार तस्कर से पूछताछ में यह खुलासा हुआ है कि अवैध हथियारों की आपूर्ति मरंगा के मंटू यादव को भेजा जाता था. वह ग्राहकों से डील कर हथियारों को बेचने का काम करता था. उन्होंने बताया कि गिरफ्तार शेखर प्रसाद सिंह के दो पुत्रों की हथियारों के धंधे में संलिप्तता पायी गयी है. मंटू यादव समेत दो पुत्रों की गिरफ्तारी का प्रयास जारी है. उन्होंने बताया कि अवैध हथियारों को जिन जिन ग्राहकों को बेचा गया है, उसका डिटेल्स निकाला जा रहा है. अवैध हथियार खरीदने वालों पर भी कार्रवाई की जायेगी. गौरतलब है कि दो वर्ष पूर्व धमदाहा थाना क्षेत्र के कुकरौन गांव में मिनी गन फैक्ट्री का उद्भेदन किया गया था, जहां बड़े पैमाने पर हथियारों का निर्माण होता था. कुकरौन में निर्मित हथियारों को मुंगेर भेजा जाता था और वहां से फिनिशिंग होने के बाद कोलकाता में आपूर्ति किया जाता था.
फोटो.29 पूर्णिया 13 – प्रेस वार्ता में जानकारी देते एसपी कार्तिकेय शर्मा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है