तनिष्क शोरूम लूट मामले में पुलिस कर रही ताबड़तोड़ छापेमारी

तनिष्क शोरूम लूट मामले

By Prabhat Khabar News Desk | July 28, 2024 7:44 PM

एसपी ने कहा- पुलिस की पांच टीम और एसटीएफ की पांच टीम अलग-अलग दिशा में कर रही काम पूर्णिया. बीते 26 जुलाई को पूर्णिया शहर के डाकबंगला चौक के समीप तनिष्क शोरूम से 3.70 करोड़ के डायमंड-गोल्ड की लूट मामले में रविवार को राज्य के अंदर और राज्य के बाहर कई ठिकानों पर पुलिस ने छापेमारी की है. इन ठिकानों पर पूर्णिया पुलिस की पांच टीम और एसटीएफ की पांच टीम ने धावा बोला है. जबकि निकटवर्ती जिलों और सीमा से सटे दूसरे राज्य की पुलिस भी छापेमारी में मदद कर रही है. छापेमारी से मिले लीड को पुलिस ने फिलहाल गोपनीय रखा है. पूर्णिया के एसपी उपेन्द्रनाथ वर्मा ने बताया कि पुलिस की पांच टीम और एसटीएफ की पांच राज्य के अंदर एवं राज्य के बाहर अलग-अलग दिशा में काम कर रही है. अपराधियों के भागने के रास्ते की पहचान करने के दौरान कई सबूत मिले हैं. इसके आधार पर संलिप्त कई अपराधियों की पहचान कर ली गयी है. अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी चल रही है. कर्मी का मोबाइल साथ ले जाना लुटरों की चूक या फिर सोची-समझी चाल! पूर्णिया. बीते 26 जुलाई को पूर्णिया शहर के डाकबंगला चौक के समीप तनिष्क शोरूम से 3.70 करोड़ के डायमंड-गोल्ड की लूट मामले के उद्भेदन में पूर्णिया पुलिस ने अपनी पूरी ऊर्जा लगा दी है. फिलहाल पुलिस तनिष्क शोरूम के कर्मी के उस मोबाइल के जरिये अपने अनुसंधान का आगे बढ़ा रही है, जो लुटेरे अपने साथ ले गये हैं. इस मोबाइल को ऑन-ऑफ भी किया गया है. इस बीच, यह चर्चा का विषय है कि तनिष्क शोरूम के कर्मी का मोबाइल अपने साथ ले जाना लुटरों की चूक है या फिर उनकी सोची-समझी चाल! दरअसल, तनिष्क शोरूम में लूटपाट शुरू करने से पहले अपराधियों ने गार्ड समेत कुल 25 स्टाफ और पहले से मौजूद दो ग्राहक को हथियार के बल पर बंधक बना लिया था. बंधक बनाने के बाद सभी के मोबाइल फोन छीन लिये थे. ऐसे में यह सवाल है कि लूटपाट के बाद भागने के क्रम में लुटरे एक एक ही मोबाइल क्यों साथ ले गये. उनके पास तो सभी कर्मियों के मोबाइल थे. वे चाहते तो और भी मोबाइल ले जा सकते थे क्योंकि लुटेरे खुद भी सात की संख्या में थे. सवाल यह भी है कि क्या अपराधियों के पास अपना एक भी मोबाइल नहीं था जो उन्हें शोरूम के स्टाफ के मोबाइल की जरूरत पड़ गयी. गर अपराधियों के पास एक भी मोबाइल नहीं था तो वे सात की संख्या में एक साथ किस प्रकार के माध्यम या को-ऑर्डिनेशन के तनिष्क शोरूम पहुंचे थे. वैसे इन सवालों से इतर तनिष्क शोरूम के स्टाफ के मोबाइल को लुटरों द्वारा साथ ले जाने को पुलिस अपने लिए अंधेरे में किरण मान रही है. यह देखना दिलचस्प होगा कि इस दिशा में पुलिस का अनुसंधान किस निष्कर्ष पर पहुंचता है. लुटरों ने आधे घंटे बाद ऑफ किया था मोबाइल पुलिस के अनुसार, तनिष्क शोरूम में लूट की घटना को अंजाम देकर अपराधी एक स्टाफ का मोबाइल अपने साथ ले गये. भागने के दौरान अपराधी स्टाफ के मोबाइल को घटना के आधे घंटे बाद बंद किया. कयास लगाया जा रहा है कि लुटरों ने तबतक मोबाइल को ऑन रखा जबतक कि वे शहर से बाहर नहीं निकल जायें. मगर मगजमारी इस बात की है कि आखिर आधे घंटे ही मोबाइल क्यों ऑन रखा गया. ———————- उलझा रहा एक दिन बाद मोबाइल ऑन करना पुन: एक दिन बाद 27 जुलाई को दोपहर में अपराधियों ने तनिष्क शोरूम के स्टाफ के मोबाइल को ऑन किया था. एक बार मोबाइल बंद करने के बाद आखिर उसे ऑन करने की लुटरों को क्या जरूरत पड़ गयी. क्या वे इतने नौसिखुए हैं कि खुद ही पुलिस को अपना लोकेशन दे रहे थे. हालांकि जिस प्रकार से उन्होंने लूट को अंजाम दिया है उससे तो सारे अपराधी पेशेवर मालूम पड़ते हैं. कहीं ऐसा इसलिए तो नहीं कि पुलिस यह समझे कि सभी अपराधी मालदा क्षेत्र में हैं. क्या एक अपराधी को स्टाफ का मोबाइल देकर सभी अपराधी दूसरे इलाके में निकल गये ताकि पुलिस उन्हें मालदा में ढूंढे और ये लोग सुरक्षित अन्य इलाके में रहें. इससे पहले पुलिस ने बताया था कि 27 जुलाई को अपराधियों ने तनिष्क शोरूम के स्टाफ के छीने गये मोबाइल को ऑन किया था. इस आधार पर यह पता चला कि अपराधी पश्चिम बंगाल के मालदा में हैं. लूटपाट के बाद कपड़े जलाने की पहली घटना तकनीकी अनुसंधान से पुलिस को पता चला कि अपराधियों ने मेन रोड छोड़ कर शहर के साइड रोड को पकड़ा और बेलौरी के आगे पहुंच कर कुछ देर के लिए रूके. जहां सभी ने अपने अपने कपड़े जलाये और महेन्द्रपुर, सपनी, सुनौली होते हुए पश्चिम बंगाल की सीमा में प्रवेश कर गये. हालांकि यह भी अपने आप में अनूठी घटना में है जिसमें लूटपाट के बाद अपराधियों ने कहीं बैठकर अपने कपड़े जलाये हों. मालदा पुलिस कर रही जांच में मदद अपराधियों को पकड़ने के लिए पूर्णिया पुलिस की टीम और पटना से पहुंची एसटीएफ की टीम मालदा के लिये 27 जुलाई की दोपहर बाद गयी थी. इसके अलावा पूर्णिया एसपी ने मालदा के एसपी से फोन पर बात कर वस्तुस्थिति से अवगत कराया. इस मामले में मालदा के एसपी ने पूरा सहयोग का भरोसा भी दिया . लूट के बाद भागने की सुनियोजित योजना रची घटना के बाद अपराधियों के निकलने का तरीका अलग अलग जगह पर बाइक खड़ी करना और रामबाग मोहल्ले के गलियों से कप्तानपुल बांध पहुंचना. इसके बाद मेन रोड छोड़ कर बेलौरी के रास्ते जाने, यह पूरी तरह योजनाबद्ध थी. अपराधियों के शर्ट के अंदर सफेद रंग के गोल गला की गंजी पहनना, प्रत्येक का दो दो पिस्टल रखना, हिन्दी के साथ बंग्ला बोलना, ग्राहक बन कर शोरूम में बारी बारी से आना यह पूर्ववत योजना थी, जिसे 26 जुलाई की दोपहर 12 बजे एक्शन का रूप दिया गया. मास्क लगाये दो लुटेरों को पुलिस मान रही लोकल तनिष्क शोरूम में लूटपाट के दौरान मास्क लगाये दो अपराधियों को पुलिस लोकल मान रही है. पुलिस का मानना है कि ये दो अपराधी लाइनर की भूमिका में हो सकते हैं. इस बीच, पुलिस ने दो संदिग्धों को शहर के अलग-अलग हिस्से से उठाया था. दोनों को शहर से बाहर के थाने में रखकर सघन पूछताछ भी की गयी है. हालांकि अभी स्पष्ट नहीं हुआ है कि दोनों संदिग्धों से पुलिस को क्या लीड मिली है. तनिष्क लूटकांड को लेकर डीजीपी से मिलेंगे: मंत्री पूर्णिया. सूबे के मंत्री नीरज कुमार सिंह बबलू ने रविवार को पूर्णिया दौरे के क्रम में तनिष्क ज्वेलरी शोरूम में पहुंच लूटकांड का जायजा लिया. उन्होंने कहा कि तनिष्क ज्वेलरी शोरूम में जो घटना घटी है काफी दुखद और बड़ी घटना है. मेन रोड पर इस प्रकार की घटना चिंताजनक है. इस संबंध में एसपी से और पटना जाकर डीजीपी से बात करेंगे. मुझे विश्वास है कि पुलिस की कार्रवाई होगी और अपराधी पकड़े जायेंगे. मंत्री ने कहा कि हर व्यवसायिक प्रतिष्ठान को विशेष सुरक्षा देना कठिन है. सुरक्षा के दृष्टिकोण से नगर विकास की ओर से शहर में जगह जगह सीसीटीवी कैमरा लगाया गया है. किसी का नाम लिये बगैर मंत्री नीरज कुमार सिंह बबलू ने कहा कि लोकसभा चुनाव के बाद पूर्णिया में अपराधी सर उठा रहे हैं. जब से लोकसभा चुनाव हुआ है ,नियमित रूप से अपराधियों का मनोबल बढ़ा है. पुलिस को अपनी कार्यशैली को बदलने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि अपराधियों के दिल में दहशत हो, इस तरह का काम पुलिस करे. जिस प्रकार से अपराधी सर उठा रहे हैं, इनका सफाया जरूरी है. ऐसे अपराधियों का सीधा इनकाउंटर कर देना चाहिए. राज्य सरकार सुरक्षा पर विशेष ध्यान दे रही है. बावजूद इसके अपराधी कहीं न कहीं सर उठा रहे हैं. ऐसे अपराधियों का सर कुचलना आवश्यक हो गया है ताकि अपराधी अपराध करने से पहले सौ बार सोचे कि बचेंगे या फिर उपर जायेंगे. पुलिस का भय आवश्यक हो गया है. इस मौके पर तनिष्क ज्वेलरी शोरूम के प्रोपराइटर रामनारायण सिंह भी मौजूद थे. —————– घटनाक्रम – 26 जुलाई को दोपहर 12:10 बजे सात अपराधी ने तनिष्क शोरूम में की लूटपाट – 20 मिनट के अंदर 3 करोड़ 70 लाख के डायमंड गोल्ड के आभूषण लूटे – घटना के बाद डीआइजी व एसपी ने खुद संभाला मोर्चा – 27 जुलाई को एसटीएफ के एडीजी अमृत राज जांच में पहुंचे – 27 जुलाई को पुलिस व एसटीएफ की 10 टीम हुई गठित —————– पुलिस जांच में लुटरों के भागने का रूट ( नोट: कृपया ग्राफिक्स बना दीजिए ) पूर्णिया शहर के डाकबंगला चौक स्थित तनिष्क शोरूम— पंचमुखी मंदिर— डोनर चौक- रामबाग चौक- प्रोफेसर कॉलोनी- कप्तानपुल बांध रोड- माधोपाड़ा- बायपास रोड– बेलौरी–मंझेली- महेन्द्रपुर-सपनी- सोनौली- हरिश्चंदरपुर-मालदा. फोटो.28 पूर्णिया 31- शोकेस का टूटा शीशा और गायब आभूषण 32-तनिष्क शोरूम पहुंचे एसटीएफ के जवान 33- बंंगाल के रास्ते कच्ची सड़क पर जांच करती पुलिस 34-बिहार सरकार के मंत्री नीरज सिंह बबलू पहुंचे तनिष्क शोरूम

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