खेती किसानी से जुड़ा है छठ का त्योहार, नई फसलों का बनता है प्रसाद
खेती किसानी से जुड़ा है छठ का त्योहार
पूर्णिया. छठ को खेती से जुड़ा हुआ पर्व माना जाता है. कृषि कृषि वैज्ञानिक पंकज कुमार के अनुसार छठ में नयी फसलों का प्रयोग अधिक होता है. इसलिए इसे नवान्न का पर्व भी कहा जाता है. नहाय-खाय से लेकर अर्घ्य देने तक में नयी फसलों का प्रसाद बनता है. खरना में प्रसाद के रूप में जो खीर, पीठा और रोटी बनती हैं उनमें चावल, ईख से बना गुड़ और गेहूं की नयी फसल का इस्तेमाल होता है. इसके पीछे यह धारणा है कि जो फसल सीधे खेत से निकलकर आती है, पूजा के लिए शुद्ध होती है. तीसरे दिन यानी अर्घ्य के दिन भी जो फल, पकवान ठेकुआ और लड़ुआ का इस्तेमाल किया जाता है, उनमें भी चावल, गेहूं, ईख, गुड़, आदी, पानी फल सिंघाड़ा, हल्दी, सुथनी और केला जैसे नयी फसलों का प्रयोग होता है. लोगों की कोशिश भी रहती है कि छठ व्रत में प्रसाद के रूप में नयी फसल का ही प्रयोग करें.
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