निजी स्कूल संचालक अड़े, आरटीई फंड नहीं मिला तो नहीं भरेंगे शिक्षा विभाग का डाटा
आरटीई फंड नहीं मिला तो नहीं भरेंगे शिक्षा विभाग का डाटा
पूर्णिया. निजी स्कूलों का पिछले पांच सालों से आ रहा बकाया आखिरकार मुद्दा बन गया. प्राइवेट स्कूल्स एंड चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोसिएशन ने शिक्षा विभाग को अगाह कर दिया कि जब तक आरटीई मद का बकाया नहीं मिलेगा तब तक शिक्षा विभाग का कोई डाटा नहीं भरा जाएगा. एसोसिएशन ने सरकार और उनके विभाग की पेचीदगियों पर आपत्ति जतायी और कहा कि वे यह मांग सरकार तक पहुंचाएं क्योंकि बकाया नहीं मिलने के कारण सभी स्कूल वित्तीय संकट से जूझ रहे हैं. दरअसल, गुरुवार को जिला स्कूल में शिक्षा विभाग की ओर से नये नियमों के तहत डाटा इन्ट्री को लेकर प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया था. इस कार्यशाला में दो सौ 200 से अधिक निजी स्कूलों के निदेशक पहुंचे थे. प्रशिक्षण के दौरान ही एसोसिएशन के संगठन सचिव निकेश गिलगाल ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों के समक्ष इस मुद्दे को मुखर रुप से उठाया और स्पष्ट रुप से कहा कि जब तक आरटीई मद का बकाया नहीं मिलेगा तबतक वे सब शिक्षा विभाग का डाटा नहीं भरेंगे. एसोसिएशन के जिला प्रवक्ता राजेश कुमार झा ने बिहार शिक्षा परियोजना के साधन सेवी सैफुल अंसारी को मौजूदा स्थिति से अवगत कराया और कहा कि वर्ष 2019 से लेकर 2023 तक आरटीई मद का बकाया पड़ा हुआ है जिसे निर्गत किए जाने में हर तरफ से उदासीनता बनी हुई है. झा ने संबंधित अधिकारी और सरकार तक बात पहुंचाने को कहा ताकि राशि निर्गत हो जाए. एसोसिएशन के संयुक्त सचिव विनीत सिंह ने इस बाबत कई सवाल खड़े किए. काफी बहस के बाद प्रवक्ता सह कोषाध्यक्ष राजेश झा के समझाने पर प्रशिक्षण लेने के लिए सभी तैयार हुआ. पूर्णिया प्राइवेट स्कूल से आए हुए डाटा ऑपरेटर निदेशक एवं प्राचार्यों ने प्रशिक्षण लेना प्रारंभ किया. प्रशिक्षण देने वाले में मुख्य रूप से सैफुल अंसारी, दीपक तिवारी,आलोक सिंह, ने एक-एक डाटा पर अपनी बात समझायी. उन्होंने भरोसा दिलाया कि एक महीने के अंदर में विभाग से बात कर आरटीई राशि मामले का समाधान निकाल लिया जाएगा. फोटो- 28 पूर्णिया 10- प्रशिक्षण कार्यशाला में उपस्थित एसोसिएशन के सदस्य गण
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है