पूर्णिया. विश्व रेबीज दिवस के मौके पर जिले के अनुमंडलीय औषधालय में रेबीज रोधी टीकाकरण सह जन जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिसमें पशु प्रेमियों के पालतू डॉग को रेबीज रोधी दवा की सुई लगाकर उन्हें वैक्सीन सूचना संबंधी कार्ड प्रदान किया गया. इस मौके पर उपस्थित लोगों को रेबीज के कारकों तथा इससे बचने के उपायों के बारे में जागरूक किया गया. मौके पर पूर्णिया प्रमंडल क्षेत्रीय निदेशक पशुपालन डॉ. सत्यनारायण यादव ने बताया कि रेबीज एक जीवाणु जनित बीमारी है जो पालतू अथवा जंगली जानवरों के काटने से होता है. यदि पीड़ित व्यक्ति डोज के अनुसार सभी टीका ले लेते हैं तो उनमें रेबीज होने का खतरा समाप्त हो जाता है. लेकिन जो लोग टीका नहीं लेकर झाड़ फूंक के चक्कर में पड़ जाते हैं उनमें किसी भी समय रेबीज के लक्षण आ सकते हैं और तब उस व्यक्ति को किसी भी सूरत में बचाया नहीं जा सकता. उन्होंने यह भी बताया कि लोगों में रेबीज के लक्षण 18 दिनों से लेकर 3 वर्षों के बाद भी प्रकट हो सकते हैं. हालांकि पशुओं को टीका लगा दिए जाने के बाद पशु सुरक्षित हो जाते हैं लेकिन उनके द्वारा भी अगर किसी व्यक्ति को दांत गड़ा दिया जाता है तो एहतियात के तौर पर चिकित्सक से संपर्क कर एंटी रेबीज टीका अवश्य ले लेनी चाहिए. इस मौके पर क्षेत्रीय निदेशक पशुपालन डॉ सत्यनारायण यादव, पशु चिकित्सक डॉ राजीव कुमार, डॉ मनोहर कुमार सहित पशु टीकाकर्मी व आम लोग उपस्थित थे. फोटो -29 पूर्णिया 5- आयोजित कार्यक्रम में पशु को टीका लगाते टीकाकर्मी.
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