टास्क फोर्स की बैठक में डीएम ने कृषि पदाधिकारी को दिया निर्देश
पूर्णिया. जिलाधिकारी कुंदन कुमार ने कृषि से जुड़े अधिकारियों से कहा है कि वे वैकल्पिक खेती को बढ़ावा देने की दिशा में लगातार कार्य करें. ड्रैगन फ्रूट, स्वीट कॉर्न, बेबी कॉर्न आदि की खेती के लिए किसानों को प्रोत्साहित करें. इसकी खेती करने से जहां किसानों की आय में वृद्धि होगी वहीं सरकारी अनुदान की राशि भी मिलेगी. डीएम बुधवार को सबंधित पदाधिकारियों के साथ कृषि टास्क फोर्स की समीक्षा बैठक में बोल रहे थे. इससे पहले बैठक में जिला कृषि पदाधिकारी ने बताया कि जिला पदाधिकारी के मार्गदर्शन में धमदाहा अनुमंडल अंतर्गत बसंतपुर पंचायत में 12 एकड़ के क्लस्टर में बेबी कॉर्न की खेती किसानों द्वारा की गयी है. इसके बिक्रय के लिए नालंदा स्थित अनंतजीत फूड प्राइवेट लिमिटेड को भेजा जा रहा है. मार्केटिंग की व्यवस्था हो जाने के कारण किसानों को अब उचित दर प्राप्त होगा, जिससे उनकी आय में इजाफा होगा. आत्मा पूर्णिया द्वारा स्वीट कॉर्न प्रशिक्षण के लिए क्लस्टर में चयनित किसानों को मदर डेयरी रांची भेजने की तैयारी कर ली गयी है. प्रशिक्षित किसान पूर्णिया जिला अंतर्गत सभी प्रखंडों में मास्टर ट्रेनर के रूप में अन्य किसानों को प्रशिक्षित एवं प्रोत्साहित करेंगे. बैठक में सहायक समाहर्ता, अपर समाहर्ता, आयुक्त नगर निगम पूर्णिया, अपर समाहर्ता विधि व्यवस्था, जिला कृषि पदाधिकारी, सहायक निदेशक उद्यान एवं संबंधित पदाधिकारी मौजूद थे.ड्रैगन फ्रूट की खेती का बढ़ा रकवा
सहायक निदेशक उद्यान द्वारा बताया गया कि ड्रैगन फ्रूट की खेती में लगातार विस्तार हो रहा है. 45 एकड़ से बढ़कर अब 70 एकड़ में किसान ड्रैगन फ्रूट की खेती करने वाले हैं.सरकार की योजनाओं में भी ड्रैगन फ्रूट की खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है. राज्य सरकार द्वारा किसानों को ड्रैगन फ्रूट की खेती के लिए 40 फीसदी अनुदान देने का प्रावधान किया गया है.किसानों को वर्तमान में ड्रैगन फ्रूट की खेती के लिए बनने वाली एक यूनिट पर 7,50,000 का खर्च आता है.एकल किसान को इसकी खेती पर सरकार जहां 3 लाख अनुदान देगी वही क्लस्टर में खेती करने पर यह अनुदान की राशि बढ़कर 5 लाख मिलेगी.
डीएपी 11000 एम टी की आवश्यकता
समीक्षा के क्रम में जिला कृषि पदाधिकारी ने बताया कि खरीफ 2024 में कुल आच्छादित रकवा 113968 हे.में है. इसमें धान108218 हे. में, खरीफ मक्का-3894 हे. में दलहन-935 हे., तेलहन-178 हे० में तथा बाजरा एवं अन्य मिलेट्स 743 हे. में लगाया गया है. इन फसलों केआच्छादन के लिए यूरिया पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है परन्तु डीएपी 11000 एम टी की आवश्यकता है जिसमें 4145 एमटी जिला को प्राप्त हुआ है. डीएम ने रबी में मक्का फसल के लिए अतिरिक्त डीएपी की व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए जिला कृषि पदाधिकारी को निर्देश दिया है.
फसल क्षतिपूर्ति की जांच कर करें कार्रवाई
डीएम ने आगामी रबी 2024-25 हेतु उर्वरक की आवश्यकता के अनुरूप उपलब्धता प्राप्त करने हेतु विभागीय पत्राचार करने का निर्देश दिया है ताकि जिले में उर्वरक को लेकर किसानों के बीच किसी प्रकार की दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़े.जिला पदाधिकारी ने कहा है कि प्रखंड एवं पंचायत स्तर पर कैम्प लगाकर नैनो यूरिया, नैनों डीएपी, एनपीके और कृषि विभाग की सभी योजनाओं के बारे में प्रचार-प्रसार करने का निर्देश दिया है. फसल क्षतिपूर्ति की समीक्षा के क्रम में जिलाधिकारी ने कहा कि कृषि विभाग के पदाधिकारी स्वयं स्थल पर जाकर फसल क्षतिपूर्ति की जांच कर अग्रेत्तर कार्रवाई सुनिश्चित करें.फोटो- 4 पूर्णिया 14- समीक्षा बैठक में डीएम एवं अन्य अधिकारी
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