16.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

राष्ट्रकवि दिनकर से पूर्णिया कॉलेज का अटूट नाता, यहीं रची गयी थी रश्मिरथी

यहीं रची गयी थी रश्मिरथी

-जयंती आज पूर्णिया. राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर से पूर्णिया कॉलेज का अटूट नाता है. बात तब की है जब राष्ट्रकवि दिनकर के मन में रश्मिरथी की परिकल्पना उमड़-घुमड़ रही थी. इस कालजयी रचना को साकार करने के लिए राष्ट्रकवि दिनकर एक ऐसे स्थान की तलाश में थे, जिसका इस प्रसंग से कहीं ना कहीं जुड़ाव हो. इसी क्रम में कर्ण की महिमा को स्थापित करने के लिए दिनकर ने अंग के बदले उस पूर्णिया का रूख किया जो महाभारतकाल में पांडवों के अज्ञातवास की भूमि रही. पांडवों की इस अज्ञातवासी भूमि में सहज ही राष्ट्रकवि दिनकर को अनुकूल परिस्थितियां मिल गयीं. पूर्णिया कॉलेज के तत्कालीन प्रधानाचार्य डॉ. जनार्दन प्रसाद झा द्विज स्वयं भी नामचीन साहित्यकार थे. द्विजजी की पहल पर पूर्णिया कॉलेज में दिनकर मेहमान बनकर आये. पूर्णिया कॉलेज के एक कक्ष में प्रवास कर रश्मिरथी की रचना प्रारंभ की. पूर्णिया कॉलेज का यह कक्ष आज कॉलेज की समृद्ध लाइब्रेरी का हिस्सा है. इसे दिनकर स्मृति कक्ष के रूप में विकसित भी किया गया है. इस संबंध में पूर्णिया कॉलेज के पूर्ववर्ती छात्र व पूर्व डीन मानविकी प्रो. गौरीकांत झा ने बताया कि बीएनएमयू के पूर्व कुलपति डॉ. अमरनाथ सिन्हा के कार्यकाल में पूर्णिया कॉलेज में दिनकर से जुड़ी स्मृतियों को सहेजने का काम किया गया. पूर्णिया कॉलेज के प्रधानाचार्य प्रो. एसएल वर्मा ने बताया कि महाविद्यालय के लिए यह अत्यंत गर्व की बात कि राष्ट्रकवि दिनकर ने पूर्णिया कॉलेज में प्रवास कर हिन्दी साहित्य की अमूल्य धरोहर रश्मिरथी की रचना की. फोटो. 22 पूर्णिया 21 परिचय- पूर्णिया कॉलेज

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें