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आफत की बारिश से मार्केट व मॉल के बेसमेंट में घुसा पानी, कई घरों में नहीं जला चूल्हा

पूर्णिया : करीब दस घंटे के बाद रविवार को दोपहर बाद लोगों ने बारिश से राहत की सांस ली पर इस दौरान बारिश ने पूरे पूर्णिया शहर को जलमग्न कर दिया. मुख्य सड़क को छोड़ दें तो अमूमन सभी इलाकों में पानी भर गया. हालात इतने खराब हो गये कि लोगों के घरों में ही नहीं, मार्केट और मॉल के बेसमेंट में भी पानी घुस गया.

By Prabhat Khabar News Desk | September 14, 2020 3:48 AM

पूर्णिया : करीब दस घंटे के बाद रविवार को दोपहर बाद लोगों ने बारिश से राहत की सांस ली पर इस दौरान बारिश ने पूरे पूर्णिया शहर को जलमग्न कर दिया. मुख्य सड़क को छोड़ दें तो अमूमन सभी इलाकों में पानी भर गया. हालात इतने खराब हो गये कि लोगों के घरों में ही नहीं, मार्केट और मॉल के बेसमेंट में भी पानी घुस गया. आलम यहा रहा कि बेसमेंट मालिक द्वारा निगम से टैंकर बुलाकर मशीन से पानी खिंचवाया गया. इस झमाझम बारिश से हर मुहल्ले का हाल बुरा हो गया. लोगों के घरों में पानी भर गया.

इस साल हुई रिकार्ड बारिश

दरअसल, इस साल जिस तरह रिकार्ड बारिश हुई है उससे शहर में तो जलजमाव हो ही रहा है पर मार्केट कांपलेक्स के बेसमेंट, व्यापारियों के गोदाम और बेसमेंट वाले मकानों के लिए यह बारिश आफत बन गयी है. रविवार को शहर के रामबाग स्थित एक कांपलेक्स और निजी अस्पताल के बेसमेंट से पानी निकालने में दिन भर निगम का टैंकर लगा रहा जबकि अन्य जगहों से भी बुलावा आता रहा. बेसमेंट में दुकान और दफ्तर चलाने वाले कई लोगों ने बताया कि यह स्थिति सिर्फ इस बारिश से नहीं हुई है. इस साल बारिश का मौसम शुरू होने के बाद से ही वे सब परेशान हैं. लोगों ने बताया कि पिछले महीने लगातार बारिश के दौर में बेसमेंट में पानी घुस गया था. बेसमेंट वालों का कहना है कि उपर से तो पानी घुसता ही है साथ-साथ दीवारों व जमीन से भी रिस रिसकर पानी भर जाता है.

झमाझम बारिश से पानी-पानी हुआ पूर्णिया, सड़कें लबालब

पूर्णिया. शनिवार की रात से रविवार की दोपहर तक हुई झमाझम बारिश के कारण पूरा पूर्णिया पानी-पानी हो गया है. सड़क हो या फिर घर, हर जगह पानी ही पानी है. कहीं किसी के आंगन में तो कहीं किसी के घर में जलजमाव हो गया है. सड़कें कहीं तालाब तो कहीं नदी में तब्दील हो गईं हैं. मुसीबत बन कर आयी इस बारिश से कोई नहीं बचा है. शहर का पूरा जन जीवन अस्त-व्यस्त होकर रह गया है. बारिश काफी तेज थी पर अधिकांश लोगों को इसका अंदाजा सुबह उस समय हुआ जब उनकी नींद टूटी और उनके चप्पल बिछावन के नीचे तैरते नजर आए. हड़बड़ा कर लोग बाहर निकले तो आंगन और घरों में बारिश का पानी घुसा हुआ पाया. लोग बाहर निकले तो सड़क की जगह नदी नजर आयी और और गलियों में जलजमाव का नजारा दिखा. परेशानी यह बढ गई कि घरों का पानी वे बाहर कैसे फेंके क्योंकि वही पानी फिर अंदर चला आ रहा था. कई लोगों ने नगर निगम को इसकी सूचना दी और तुरंत जल निकासी करने की मांग उठाई. शहर का हाल देख निगम ने भी पहल शुरू कर दी. यह अलग बात है कि शहर का हर तबका इस बारिश से बेहाल और परेशान है. नगर निगम के समी वार्डो का हाल लगभग एक जैसा ही है. खुश्कीबाग, मिलनपाड़ा, नागेश्वर बाग, गुलाबबाग, माधोपाड़ा, शिवपुरी, ततमा टोली, हाउसिग कालोनी, जेपी नगर, आदि समेत सभी मोहल्लो में बारिश ने बड़ी परेशानी खड़ी कर दी है.सर्वाधिक परेशानी उन लोगो को है जिनके घरों और आँगन मे जल भराव हो गया है.

बारिश से अभी राहत नहीं, 24 घंटे का अलर्ट

पूर्णिया. बारिश से अभी राहत मिलने वाली नहीं है. मौसम विभाग ने 24 घंटे का अलर्ट जारी किया है. इस दौरान तेज हवा के साथ न केवल भीषण बारिश हो सकती है बल्कि वज्रपात की भी संभावना बनी हुई है. मौसम विभाग की मानें तो शनिवार की रात से रविवार की दोपहर तक कुल 99 मिमी. बारिश हुई है. विशेषज्ञों ने बताया कि रिववार की रात को बारिश की संभावना बनी हुई है जबकि सोमवार को भी हैवी रैन की गुंजाइश दिख रही है. इस दौरान ठनका गिरने की भी संभावना बनी हुई है.

घरों में पानी घुसने से नहीं जला चूल्हा

पूर्णिया. शहर के बीचों बीच स्थित हाउसिंग कॉलोनी में रहने वाली बड़ी आबादी झमाझम बारिश से सर्वाधिक परेशान रही. बारिश का पानी कालोनी में ही नहीं यहां के घरों में भी घुस गया. घरों में पानी घुस जाने से रात भर लोग जगे रहे. झुग्गी झोपड़ी में रहने वालों लोग अपने-अपने बच्चों को गोद में लेकर पूरी रात खड़े रहे. बारिश की पानी घुसने से रविवार को सैकड़ों घरों में चूल्हा नहीं जल सका. लोगों ने चूड़ा-मुढ़ी फांक कर किसी तरह पेट की भूख मिटायी. बारिश की पानी से पूरी कॉलोनी लबालब हो गई है. कॉलोनी की कई सड़क पर घुटने तक पानी है. इससे आवाजाही में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. कॉलोनी के निचले स्तर की स्थिति तो नारकीय बनी हुई है. जल निकासी की समुचित व्यवस्था नहीं होने के कारण अगले कई दिनों तक लोगों को जलजमाव झेलना पड़ सकता है.

posted by ashish jha

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