Purnia news : राज्य में लागू शराबबंदी कानून के नौ वर्ष हो चुके हैं. बावजूद इसके पड़ोसी राज्य पश्चिम बंगाल से विदेशी शराब की तस्करी का धंधा जोरों पर है. ज्यादा मुनाफे के लालच में तस्कर बंगाल से मानक विहीन शराब खरीद कर सूबे के इलाके में आपूर्ति कर रहे हैं. पूर्णिया में भी शराब की होम डिलिवरी धड़ल्ले से चल रही है. वैसे तो बिहार में शराब पीना कानून जुर्म है, लेकिन जो लोग चोरी-छिपे विदेशी शराब पी रहे हैं, उन्हें यह पता नहीं चलता है कि जो शराब उनके शरीर के अंदर जा रही है, वह नकली है या असली. शराब पीने वाले लोग शराब की पहचान किये बगैर डिलिवरी ब्वॉय को भुगतान कर देते हैं.
ज्यादातर नकली शराब की हो रही तस्करी
उत्पाद विभाग की जानकारी के अनुसार, ज्यादातर नकली शराब की तस्करी की जा रही है. शराब की कई बड़े खेप पकड़े जाने के बाद यह खुलासा हुआ है. शराबबंदी कानून लागू होने के बाद पूर्णिया पुलिस ने बंगाल से बिहार आ रही विदेशी शराब की एक बड़ी खेप पकड़ीथी. तब तत्कालीन एसपी निशांत कुमार तिवारी ने खुलासा किया था कि पकड़ी गयी शराब पश्चिम बंगाल के मोहननगर में बनी थी, जो नकली बतायी गयी. आलम यह है कि हाल के दिनों में केहाट एवं मरंगा थाने की पुलिस ने अपने-अपने थाना क्षेत्र में शराब की खेप पकड़ीथी. एक शराब की खेप पार्सल गाड़ी में, तो दूसरी खेप ट्रक में बने तहखाने से बरामद की गयी थी. बरामद शराब में कई महंगे ब्रांड की थी. प्रथम दृष्टया जांच-पड़ताल से यह प्रतीत हुआ कि बरामद शराब नकली है.
पश्चिम बंगाल से पहुंचती है नकली शराब
सीमांचल और उत्तर बिहार के इलाके में अधिकांश शराब की खेप पश्चिम बंगाल से पहुंचायी जाती है. पिछले नौ वर्षों में पकड़ी गयी शराब की खेप से यह खुलासा हुआ है. बंगाल के कई इलाके जो शहरी क्षेत्र से दूर हैं, वहां बड़े पैमाने पर अवैध तरीके से नकली शराब बनायी जाती है. इनमें दालकोला, कनकी, इस्लामपुर, मोहननगर, विधाननगर और सिलीगुड़ी के कुछ इलाके शामिल हैं. यहां से ट्रकों में शराब लोड कर बिहार के पूर्णिया, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, दरभंगा, मधुबनी जिलों में भेजी जा रही है. हाल के वर्षों में पांच बड़े शराब माफियाओं को बिहार पुलिस एवं उत्पाद विभाग की टीम ने संयुक्त कार्रवाई में गिरफ्तार किया. खास कर दालकोला के मुर्शिद आलम की गिरफ्तारी के बाद यह स्पष्ट हो चुका है कि सूबे के एक दर्जन से अधिक जिलों में उसके द्वारा बड़े पैमाने पर नकली शराब की आपूर्ति की जा रही थी. 18 जनवरी, 2022 को बंगाल के दूसरे शराब माफिया समीतुल्ला को पूर्णिया पुलिस ने नाटकीय तरीके से गिरफ्तार किया था. वह नकली शराब बनाने के लिए म्यांमार से एक प्रकार का टेबलेट मंगवाता था.
बरामद अधिकतर शराब मानक के विपरीत
26 जनवरी, 2021 को पूर्णिया पुलिस ने सदर थाना क्षेत्र के बरसौनी स्थित एक गोदाम से 12 हजार लीटर विदेशी शराब बरामद कर चार लोगों को गिरफ्तार किया था. गोदाम की छापेमारी के बाद अनुसंधान में बंगाल के कई बड़े शराब माफियाओं द्वारा बिहार में नकली शराब की आपूर्ति की बात सामने आयी थी. पुलिस ने कार्रवाई कर बासू दा, मुर्शिद आलम, समीतुल्ला, विद्युत विश्वास एवं समर घोष को गिरफ्तार किया था. एक अप्रैल, 2016 में बिहार में शराबबंदी कानून लागू हुआ. बीते नौ वर्षों के दौरान अब तक पूर्णिया उत्पाद विभाग एक लाख 75 हजार 723 लीटर विदेशी शराब बरामद कर चुका है. इसके अलावा शराब मामले में 13 हजार 761 लोगों को गिरफ्तार किया गया. वर्ष 2022 में पांच महीने के दौरान उत्पाद विभाग ने 95 हजार लीटर विदेशी शराब बरामद किया. जांच के दौरान अधिकांश शराब की खेप अमानक पायी गयी थी. यह खुलासा तत्कालीन उत्पाद अधीक्षक दीनबंधु ने किया था.
जो शराब मानक के अनुरूप नहीं, वह नकली
सहायक आयुक्त उत्पाद, पूर्णिया नीरज कुमार रंजन ने कहा कि जो शराब मानक के अनुसार नहीं बनती उसे नकली शराब ही कहा जा सकता है. जब्त की गयी शराब की जांच पटना के उत्पाद रसायन परीक्षक में की जाती है. बंगाल में बड़े पैमाने पर अरुणाचल प्रदेश की शराब पहुंचती है.
शरीर पर पड़ता है बुरा प्रभाव : डॉ विकास
चिकित्सक डॉ विकास कुमार ने बताया कि नकली शराब में मिथेनॉल मिलाया जाता है. इसे मिलाने से आंख, किडनी और शरीर के नसों पर बहुत बुरा असर पड़ताहै. इसका सेवन करनेवालों को लगातार ज्वाइंट पेन होता रहता है.