Purnia news : तनिष्क लूटकांड : बिट्टू सिंह के प्रभात कॉलोनी स्थित घर के पास लॉज में पुलिस व एसटीएफ ने की छापेमारी
Purnia news : जानकारी मिली थी कि तनिष्क ज्वेलरी लूटकांड से पूर्व कुछ अपराधी यहां आते थे और बैठक करते थे.
Purnia news : तनिष्क ज्वेलरी लूट कांड के आरोपित अनिकेत सिंह उर्फ बिट्टू सिंह के प्रभात कॉलोनी स्थित घर के पास एक लॉज में पूर्णिया पुलिस एवं एसटीएफ की टीम ने संयुक्त रूप से छापेमारी की. शनिवार को दोपहर बाद करीब चार बजे शुरू हुई छापेमारी एक घंटे तक चली. इस दौरान लॉज के एक एक कमरे की तलाशी ली गयी. एक कमरा बंद था, उसकी चाबी मंगवाकर दरवाजा खुलवाया गया और बिस्तर एवं कागजात की बारीकी से जांच की गयी. छापेमारी का नेतृत्व सदर एसडीपीओ पुष्कर कुमार एवं एसटीएफ के डीएसपी एसके सुधांशु कर रहे थे. इस दौरान लॉज के सभी कमरों की तलाशी के बाद एसडीपीओ ने पड़ोस में रहनेवाले कई लोगों से इस संबंध में पूछताछ की. लॉज में रहनेवाले लोगों से भी पूरी जानकारी ली गयी. तलाशी के दौरान पुलिस को किसी प्रकार का आपत्तिजनक सामान नहीं मिला. मामले को लेकर सदर एसडीपीओ पुष्कर कुमार ने बताया कि तनिष्क लूट कांड को लेकर प्रभात कॉलोनी स्थित बिट्टू सिंह के घर के पास स्थित एक लॉज की तलाशी ली गयी. जानकारी मिली थी कि तनिष्क ज्वेलरी लूटकांड से पूर्व कुछ अपराधी यहां आते थे और बैठक करते थे. लॉज का एक कमरा जो बंद था, उसकी भी तलाशी ली गयी. लूटकांड का एक फरार अभियुक्त चुनमुन झा के गिरफ्तार हुए भाई के भी लॉज में आने की सूचना मिली थी. उन्होंने बताया कि लॉज बिट्टू सिंह के ससुर भोला सिंह के नाम से है, जो चंदवा के रहनेवाले हैं.
पुलिस के रडार पर चुनमुन झा
पिछले दिनों पूर्णिया के तनिष्क शोरूम से 3.70 करोड़ रुपये के आभूषण की लूट में शामिल सभी छह अपराधियों को पकड़ना पुलिस के लिए चुनौती बनी हुई है. एक हफ्ते से बिहार और पश्चिम बंगाल में खाक छानने के बाद भी पुलिस को उन छह अपराधियों का न तो कोई सुराग मिल पाया है और न कोई ठिकाना. जांच टीम के समक्ष संकट यह है कि लूट में शामिल छह में से पांच के बारे में कोई खास जानकारी उपलब्ध नहीं हो पायीहै. सिवाय यह कि वे पांचों बंगाल के हैं. बंगाल में कहां के हैं, क्या नाम और पता है और लूटे गये हीरे के जेवरात कहां रखे हैं, इसकी कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है.
चुनमुन झा के नेपाल में छिपे होने की संभावना
इन पांच के अलावा छठा बदमाश चुनमुन झा है, जिसे पुलिस पहचान पायी है.इसलिये पुलिस के रडार पर चुनमुन झा है. उसकी गिरफ्तारी के बाद ही पुलिस उन पांच बदमाशों तक पहुंच सकती है. चुनमुन झा की पहचान होने के बाद से ही पुलिस ने बंगाल, झारखंड के साथ-साथ पड़ोसी देश नेपाल में भी जाल बिछा दिया है. अब तक पुलिस को जो इनपुट मिले हैं, उसमें चुनमुन झा के नेपाल में छिपे होने की संभावना है. अब तक जिन छह लोगों को पुलिस ने पूर्णिया, पटना और बंगाल के कलियाचक से पकड़ा है, वे सभी लूटकांड में सहयोगी की भूमिका में थे.कलियाचक से गिरफ्तार सनिउल शेख पुलिस के समक्ष यह खुलासा कर चुका है कि उसके पास चुनमुन झा अपने पांच साथियों के साथ पहुंचा था. वह चुनमुन झा को पूर्व से जानता है और यहां पहुंचने से पूर्व उसने उसे फोन भी किया था. ऐसे में चुनमुन झा ही अन्य पांच अपराधियों और लूटे गये हीरे के जेवर तक पहुंचने का एक मात्र जरिया है. फिलहाल पुलिस की टीम चुनमुन झा को पकड़ने में सारी ताकत लगा दी है.
रायगंज पहुंच दो ग्रुप में बंटे अपराधी, अलग-अलग दिशा में निकले
कलियाचक से गिरफ्तार सनिउल शेख के अनुसार, सभी अपराधी बस पकड़कररायगंज चले गये थे.रायगंज से ये सभी कहां गये, उसे नहीं पता. इधर पुलिस को जो इनपुट मिले हैं, उसके अनुसार रायगंज पहुंचने के बाद सभी छह अपराधी तीन-तीन के ग्रुप में अलग-अलग दिशा की ओर निकल पड़े़. ऐसे में लूटे गये हीरे के जेवर किस ग्रुप के पास हैं, यह पहेली बन गयी है. यही वजह है कि पुलिस का फोकस चुनमुन झा को पकड़ने में है.
पुलिस को गुमराह करने के लिए छोड़ते हैं साक्ष्य
पुलिसिया अनुसंधान में यह स्पष्ट हुआ है कि तनिष्क ज्वेलरी शोरूम में हुए लूटकांड का सरगना पटना के बेउर जेल में बंद सुबोध सिंह है, जो फिलहाल रिमांड पर बंगाल जेल में है. यह गिरोह चेन बना कर घटनाओं को अंजाम देता है और पुलिस को गुमराह करने में इनका कोई सानी नहीं है. गिरोह के सदस्यों को जिस काम में जितना खतरा रहता है, उतना ही ज्यादा हिस्सा देने के साथ ही उनके ठहरने समेत अन्य प्रबंधों में लाखों रुपये खर्च कर दिये जाते हैं. गिरोह का सरगना इतना शातिर है कि घटना के बाद भागने एवं जेवर छिपाने के लिए ऐसे साक्ष्य छोड़ता है, जिससे पुलिस गुमराह हो सके. उन साक्ष्यों के जरिये जब तक पुलिस लुटेरों का सुराग ढूंढने में लगी रहती है, तब तक जेवर उस राज्य की सीमा से बाहर निकल जाता है.