Purnia news : शहर के गुलाबबाग और खुश्कीबाग के बीच टू लेन के फ्लाइओवर पर सिक्सलेन रोड का लोड आम लोगों के लिए मुसीबत बना हुआ है. हालांकि सामान्य दिनों में भी आवागमन में मुश्किलें होती हैं, पर पर्व-त्योहार के समय फ्लाइओवर को पार करना असहज हो जाता है. आवाजाही की सबसे ज्यादा मुश्किल स्टेशन जानेवाले टर्निंग प्वाइंट पर होती है, क्योंकि इस जगह पर वाहनों का चौतरफा दबाव बन जाता है. यही वजह है कि अब यहां सड़क के आकार वाले सिक्सलेन फ्लाइओवर की जरूरत महसूस होने लगी है. नागरिकों का मानना है कि सरकार पर सिक्सलेन फ्लाइओवर निर्माण के लिए दबाव बनाया जाना जरूरी है.
दोनों तरफ से होता है वाहनों का दबाव
गौरतलब है कि गुलाबबाग जीरोमाइल से मरंगा के बीच फोरलेन सड़क बनी हुई है. बीच में खुश्कीबाग हाट के समीप रेलवे का फ्लाइओवर बना हुआ है, जिसके नीचे से जोगबनी, कटिहार और सहरसा के लिए ट्रेनें गुजरती हैं. होता यह है कि दोनों तरफ से सिक्स लेनवाली चौड़ी सड़क से छोटी-बड़ी गाड़ियां फैल कर आती हैं और इस फ्लाइओवर के समीप सिमटना पड़ता है. चूंकि वाहनों का दबाव दोनों तरफ से होता है, इसलिए स्वाभाविक रूप से फ्लाइओवर पर दबाव बन जाता है और इससे जाम की नौबत आ जाती है. बाहर से देखने पर लोग इसे ट्रैफिक की समस्या बता जाते हैं पर गहरायी से देखने पर आने-जाने वाले लोग ही यह कहने से गुरेज नहीं करते कि यह टू लेन फ्लाइओवर सिक्सलेन रोड का लोड बर्दाश्त नहीं कर पा रहा है.
पर्व-त्योहार के दौरान होती है खूब फजीहत
खुश्कीबाग सीमांचल की फल एवं सब्जी की बड़ी मंडी है, जो ठीक फ्लाइओवर के नीचे आबाद है. यहीं पूर्णिया जंक्शन रेलवे स्टेशन भी है. पर्व-त्योहार के समय अमूमन पूरे सीमांचल के लोग यहां खरीदारी के लिए जुटते हैं. खुश्कीबाग से सटे फ्लाइओवर के पूरब गुलाबबाग की अनाज मंडी है. फ्लाइओवर के दोनों तरफ खरीदारी करनेवाले कारोबारी, आम लोग और वाहनों की आवाजाही लगातार बनी रहती है. इससे भीड़ का अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है. हालांकि फ्लाइओवर के दोनों तरफ सिक्सलेन रोड पर सौ फीट के बाद यातायात व्यवस्था सामान्य रहती है, पर फ्लाइओवर पर चढ़ना या इससे उतरने के दौरान लोगों की फजीहत हो जाती है. नागरिकों का कहना है कि सिक्सलेन रोड के निर्माण से पहले दूरदर्शिता के तहत योजना नहीं बनायी गयी, क्योंकि सिक्सलेन रोड से पहले सिक्सलेन फ्लाइओवर का निर्माण कराया जाना जरूरी था. नागरिकों का कहना है कि पूर्णिया के जनप्रतिनिधियों को इस दिशा में पहल करनी चाहिए.
फ्लाइओवर की हकीकत
बिहार राज्य पुल निर्माण निगम ने कुल 27 करोड़ की लागत से इस फ्लाईओवर का निर्माण कराया. पुल की लंबाई 60 मीटर एवं चौड़ाई 22.5 मीटर के करीब है. रिटर्निंग वाल गुलाबबाग की ओर से 184 मीटर एवं कटिहार मोड़ की तरफ से 190 मीटर है. इसके दोनों तरफ 80-80 मीटर का माइडक व डेढ मीटर का फुटपाथ बनाया गया है. इसके साथ ही 3.7 मीटर का सर्विस रोड भी है. इस फ्लाईओवर की योजना को 1977 में जनता पार्टी के शासनकाल में स्वीकृति मिली थी. इसका निर्माण तो बजट में आने के दो साल के अंदर शुरू हो गया, पर इस योजना को बजट में शामिल होने में करीब 25 सालों का लंबा सफर तय करना पड़ा.