Purnia news : जीएमसीएच के सेंट्रल पैथोलॉजी में अबतक थायराइड संबंधी जांच की सुविधा बहाल नहीं हो पायी है. इस वजह से थायराइड की समस्या से जूझ रहे लोगों को मजबूरन अस्पताल के बाहर निजी पैथोलॉजी की शरण में जाना पड़ता है. चिकित्सकों के अनुसार, इस इलाके में बड़ी संख्या में थायराइड के मरीज आते हैं. ये एक प्रकार से मानव शरीर में गले के पास की ग्रंथि है, जिससे दो तरह के हार्मोंस पैदा होते हैं. इनमें आनुपातिक गड़बड़ी की वजह से मानव शरीर प्रभावित होता है और कई तरह की समस्याएं पैदा होने लगती हैं. महिलाओं में ये मामले बहुत ज्यादा हैं. इनमें कुछ हाइपो, तो कुछ हाइपर थायराइड केस वाले मरीज होते हैं.
निजी पैथोलॉजी में लगते हैं 300 से 700 रुपये
चिकित्सकों के अनुसार थायराइड केस की पहचान के लिए थायराइड प्रोफाइल टेस्ट में टीएसएच, टी 3, टी 4 के स्तर को मापने की सलाह मरीज को दी जाती है. इससे स्थिति स्पष्ट हो जाती है कि मरीज में हार्मोंस की स्थिति क्या है. बाहर के पैथोलॉजी में इसके लिए शुल्क भी ज्यादा लगता है. इन जांचों में तकरीबन 300 से 700 रुपये तक शुल्क लगता है. दूसरी ओर शुरुआती समय में मरीज द्वारा थायराइड की समस्या सीधे तौर पर नहीं समझ पाने की वजह से वे इस जांच की अहमियत को नहीं समझते और नजरअंदाज कर देते हैं. जब समस्या हद से ज्यादा बढ़ जाती है तभी मजबूरन निजी पैथोलॉजी की ओर रुख करते हैं.
सेंट्रल पैथोलॉजी में थायराइड जांच को लेकर असमंजस
अस्पताल प्रबंधन के अनुसार, सेंट्रल पैथोलॉजी में रूटीन टेस्ट के साथ-साथ यहां के मरीजों को लगभग सौ प्रकार से भी ज्यादा तरह की जांच सुविधा उपलब्ध हो रही है. इनमें मुख्य रूप से एल्बोमिन, टोटल प्रोटीन, क्रिटनिन, यूरिया, यूरिक एसिड, एसजीपीटी, एसजीओटी, एलपी, बिलरुबिन, कोलेस्ट्रोल, कैल्सियम, शुगर, हेपेटाईटिस, डेंगू, सीपीसी, यूरिन सहित अनेक जांच शामिल हैं. इनसे लगभग ज्यादातर लोगों की समस्या का पता चल जाता है, लेकिन थायराइड जांच को लेकर असमंजस अब भी बरकरार है. एक ओर सेंट्रल पैथोलॉजी प्रबंधन का कहना है कि बहुत जल्द यहां मरीजों के लिए थायराइड प्रोफाइल टेस्ट का कार्य भी शुरू होनेवाला है. थायराइड से संबंधित जांच के लिए मशीन भी लग गयीं हैं, उनका टेस्ट भी किया जा चुका है सिर्फ किट का इंतजार किया जा रहा है. दूसरी ओर सेंट्रल पैथोलॉजी में इंस्टाल किये गये एडवांस्ड मशीनों पर काम करनेवाले तकनीशियनों के प्रशिक्षण से भी जुड़ा मसला सामने है. फिलहाल थायराइड की जांच शुरू नहीं होने से बड़ी संख्या में लोग पूर्णिया के निजी पैथोलॉजी की शरण में जाने को मजबूर हैं.
प्रशिक्षण मिलने के बाद शुरू होगी जांच
जीएमसीएच के उपाधीक्षक डॉ भरत कुमार ने कहा कि यहां एक ही मशीन पर कई तरह की जांच सुविधा उपलब्ध है. थायराइड से संबंधित जांच के लिए भी मशीन लग गयी है. इसका सफलतापूर्वक परीक्षण भी किया जा चुका है. री एजेंट की आपूर्ति अस्पताल स्टोर तक की जा चुकी है. जल्द ही इंजीनियर यहां के पैथ कर्मियों को प्रशिक्षण देंगे और थायराइड के साथ-साथ कई विटामिन्स, प्रोलेक्टिन हार्मोन जैसे महंगे जांच निःशुल्क उपलब्ध हो जाएगी.