Purnia news : पिछले कुछ महीनों से सब्जियों की आसमान छूती कीमतों के बाद अब लगभग सारी की सारी सब्जियां औंधे मुंह गिरी हैं. कुछ सप्ताह पूर्व तक कोई भी सब्जी 40-60 रुपये प्रति किलो से कम नहीं थी, लेकिन अब वही सब्जियां 30 से लेकर 10 रुपये प्रति किलो तक बिक रही हैं. सबसे ज्यादा भाव फूलगोभी के गिरे हैं. बगैर पत्तों और डंठलों के फूल गोभी की खुदरा कीमत 10 रुपये प्रतिकिलो तक पहुंच गयी है. दूसरी ओर आलू, प्याज, बैगन, टमाटर, मूली, गाजर, पत्ता गोभी, ब्रोकली, धनिया पत्ता, सेम, शिमला मिर्च आदि के भाव में भी अच्छी गिरावट आयी है. इससे मध्यम और निम्न आयवर्ग के लोगों में खुशी छायी है और हरी सब्जियों की बिक्री में भी तेजी देखी जा रही है. गृहणियों ने भी राहत की सांस ली है, लेकिन उनका किचेन में काम बढ़ गया है. कहीं गाजर के हलवे की खुशबू आ रही है, तो कहीं से गोभी के पकौड़े तलने की महक. लोग इस ठंड में सब्जियों के गिरे भाव का जमकर आनंद उठा रहे हैं.
लोकल सब्जियों के उतरने से नियंत्रित हुईं कीमतें
पूर्णिया के सब्जी विक्रेताओं की मानें, तो रबी मौसम की आगत सब्जियों के भाव ऊपर चल रहे थे. दूसरी ओर पर्व त्योहार और शादी-ब्याह को लेकर भी सब्जियों की आवक से ज्यादा बिक्री पर जोर था. इस वजह से भाव में तेजी रही. पर, अब मौसम की सभी सब्जियां चारों ओर से बाजार में पहुंचने लगी हैं. इस वजह से भाव में कमी आयी है. वहीं अन्य बेमौसमी सब्जियां जो अन्य क्षेत्रों से आ रही हैं, उनके भाव में हल्की सी गिरावट देखी जा रही है.
भोजन की थाली में विविध रंगों का समावेश जरूरी
डाइटिशियंस बताते हैं कि हमारे दैनिक भोजन में कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन के साथ-साथ विटामिन और मिनरल्स का शामिल होना बेहद जरूरी है. इसलिए इसके सबसे सुलभ श्रोत के रूप में विभिन्न प्रकार की मौसमी सब्जियां तथा फल का सेवन स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हो जाता है. सब्जियों और फलों में खास तौर पर विविध प्रकार के प्राकृतिक रंगों का समावेश होता है. इस वजह से भी चिकित्सक भोजन की थाली को रंग-बिरंगी खाद्य सामग्रियों से परिपूर्ण रखने की सलाह देते हैं. विभिन्न सब्जियों में फाइवर की मौजूदगी कब्ज को भी दूर करती है. इससे पेट साफ रहता है. सब्जियों को पानी में अच्छी तरह से धोने के बाद ही सब्जियों की कटिंग करनी चाहिए. सब्जियों को ढक कर पकाना चाहिए, ताकि उनके पोषक तत्वों को नष्ट होने से बचाया जा सके.
रोग प्रतिरोधी क्षमता का होता है विकास
पोषण और पुनर्वास केंद्र, जीएमसीएच की डाइटिशियन स्मृति राज ने कहा कि हरी सब्जियों में खास तौर पर रंगों के साथ-साथ विटामिन्स और मिनरल्स की प्रचुरता होती है. विभिन्न मौसमी सब्जियों और विभिन्न प्रकार के फलों से शरीर में रोगरोधी क्षमता का विकास होता है. इस वजह से हर उम्रवर्ग के लोगों के लिए इनका सेवन बेहद जरूरी है. बच्चे हों या बुजुर्ग उनकी थाली में कुल भोज्य पदार्थ का 30 से 40 प्रतिशत भाग हरी सब्जियों का होना चाहिए. सब्जियों में विविधता भी जरूरी है.