पूर्णिया लूटकांड: बेउर जेल में दो महीने पहले रची गई साजिश, एक हफ्ते पहले शोरूम की हुई थी रेकी
पूर्णिया में तनिष्क शोरूम में करोड़ों रुपये की डकैती की साजिश पटना के बेउर जेल में बंद शातिर अपराधी बिट्टू सिंह ने ज्वेलरी लूटकांड के मास्टरमाइंड सुबोध सिंह के साथ मिलकर रची थी. वारदात को अंजाम देने से पहले अपराधी अररिया के एक गेस्ट हाउस में रुके थे और वहीं से वारदात से एक हफ्ते पहले शोरूम की रेकी करने गए थे. इस पूरे वारदात के दौरान लूटेरे बेउर जेल में बंद अपराधियों के संपर्क में थे.
पूर्णिया लूटकांड: पूर्णिया के तनिष्क शोरूम से 26 जुलाई को हुई 3.70 करोड़ की ज्वेलरी लूट की पटकथा दो महीने पहले पटना के बेउर जेल में लिखी गई थी. इस घटना को अंजाम देने की योजना पूर्णिया के कुख्यात अपराधी बिट्टू सिंह ने बेउर जेल में बंद अंतरराज्यीय ज्वेलरी लूट गिरोह के सरगना सुबोध सिंह और उसके अन्य साथियों के साथ मिलकर बनाई थी. पूरे घटनाक्रम का खुलासा करते हुए पूर्णिया एसपी उपेंद्र नाथ वर्मा ने बताया कि इस सिलसिले में चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है. इन चारों ने रेकी से लेकर अपराधियों को पनाह देने तक में अहम भूमिका निभाई है.
इन चार अभियुक्तों को किया गिरफ्तार
एसपी ने बताया कि घटना में प्रयुक्त तीन बाइक को पुलिस ने बंगाल से बरामद कर लिया है. जिन चार अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया है, उनमें राहुल श्रीवास्तव पिता स्व. भोला प्रसाद श्रीवास्तव साकिन आगापुर थाना मंसूरचक जिला बेगूसराय, अभिमन्यु सिंह पिता अरविंद कुमार सिंह साकिन जयप्रकाश कॉलोनी थाना मधुबनी जिला, पूर्णिया, आनंद झा पिता विनोद झा साकिन मजलीसपुर थाना पलासी जिला अररिया तथा बमबम यादव पिता मुकेश यादव साकिन सरसी मिल्की वार्ड नं0 11 थाना सरसी जिला पूर्णिया शामिल हैं. इनके पास से दो कट्टा, 03 कारतूस, घटना में प्रयुक्त मोबाइल का जला हुआ अवशेष एवं विभिन्न कंपनियों के 04 मोबाइल बरामद किये गये हैं.
बेउर जेल से संपर्क में थे सभी लुटेरे
एसपी ने बताया कि दो माह पूर्व सुबोध सिंह बेउर जेल में बंद था. उसी समय बिट्टू सिंह भी भागलपुर जेल से रिमांड पर बेउर जेल आया था. तभी दोनों के बीच पूर्णिया के तनिष्क शोरूम में डकैती की योजना बनी. बिट्टू ने ही स्थानीय स्तर पर अपने अन्य सहयोगियों को इस कार्य में लगाया. योजना बनाने के बाद बिट्टू भागलपुर जेल वापस चला गया, जबकि सुबोध सिंह अभी बंगाल के वर्धमान जेल में बंद है.
एसपी ने बताया कि गिरफ्तार अपराधियों ने बताया कि शहर के प्रभात कॉलोनी एवं हाउसिंग बोर्ड स्थित बिट्टू सिंह, अभिमन्यु सिंह एवं चुनमुन झा के विभिन्न ठिकानों पर स्थानीय एवं बाहरी अपराधियों के साथ आभूषण लूट की स्थानीय स्तर पर योजना बनायी गयी. इसका निर्देशन बेउर जेल में बंद अपराधी सुबोध सिंह ने अपने अन्य सहयोगियों के साथ किया. घटनास्थल पर उपस्थित अपराधियों का संपर्क बेउर जेल के अपराधियों के साथ था और उनके निर्देश पर ही अपराधी घटना को अंजाम दिये.
घटना से पूर्व अररिया के लॉज में बाहर के अपराधियों ने ली पनाह
एसपी उपेंद्र नाथ वर्मा ने बताया कि इस घटना को अंजाम तक पहुंचाने के लिए बाहर से आये अपराधियों को अररिया के शिवपुरी स्थित लॉज में रखा गया. फिर अररिया में ही स्थानीय एवं बाहरी अपराधियों की मीटिंग हुई. इसके बाद लूट को अंजाम देने के लिए अररिया एवं पूर्णिया के विभिन्न दुकानों मैक्स शापिंग मॉल, पॉलिटेक्निक चौराहा पूर्णिया, रिलायंस ट्रेंड अररिया से घटना के समय पहने कपड़े एवं अन्य सामान की खरीदारी की गयी. घटना से एक सप्ताह पूर्व तनिष्क शोरूम की रेकी की गयी थी.
मास्क लगाया युवक चुनमुन झा ही था
एसपी ने बताया कि तनिष्क शोरूम के सीसीटीवी फुटेज में जिन अपराधियों की तस्वीर सामने आयी है, उनमें सभी अपराधियों की पहचान कर ली गयी है. इनमें एक मास्क पहने चुनमुन झा है. वह अररिया जिले के पलासी थाना अंतर्गत मजलीशपुर का रहनेवाला है. स्थानीय होने के नाते उसने मास्क पहन रखा था. चुनमुन झा के भाई आनंद झा ने घटना को अंजाम देने में सहयोग करने के अलावा चुनमुन झा के मोबाइल को भी घटना के बाद जलाने में सहयोग किया था. जले मोबाइल का अवशेष भी बरामद कर लिया गया है.
घटना में प्रयुक्त तीन बाइक बरामद
एसपी वर्मा ने बताया कि इस कांड के खुलासे के लिए जिला पुलिस एवं पुलिस मुख्यालय के स्तर से एसटीएफ की 10 अलग-अलग टीमें बिहार एवं पश्चिम बंगाल के कई जिलों में छापेमारी कीं. इसी क्रम में टीम ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर भागने का रूट पता किया तथा मालदा पुलिस के सहयोग से घटना में प्रयुक्त तीन मोटरसाइकिल को बरामद कर लिया. उन्होंने बताया कि तीनों बाइक के नंबर फर्जी पाये गये. इन तीनों के गोपालगंज, मोतिहारी और भागलपुर के कागजात थे. एसपी ने बताया कि अपराधी इतने शातिर थे कि तीनों बाइक के फर्जी नंबर के कागजात इस प्रकार बनवाये थे, जिसमें गाड़ी के रंग और मॉडल एक जैसे थे.
गिरफ्तार अपराधियों की रही अहम भूमिका
एसपी वर्मा ने बताया कि गिरफ्तार राहुल श्रीवास्तव, अभिमन्यु सिंह,आनन्द झा और बमबम यादव की इस घटना में अहम भूमिका रही. इन अपराधियों ने स्थानीय स्तर पर बाहर से आये बदमाशों को न केवल पनाह दी, बल्कि शोरूम की रेकी से लेकर अन्य सुविधा भी मुहैया कराने में सहयोग किया. राहुल श्रीवास्तव बेगूसराय का रहनेवाला है, लेकिन वर्तमान में वह पूर्णिया के लाइन बाजार पोस्टमार्टम रोड में श्रीवास्तव इमरजेंसी के नाम से क्लीनिक चलाता है. पुलिस ने सबसे पहले राहुल को दबोचा. उसकी निशानदेही पर अन्य अपराधी भी पकड़े गये.
घटना से पूर्व तैयारी के दौरान चुनमुन झा को लगी थी गोली
अगर सबकुछ योजनाबद्ध तरीक से होता तो इस घटना को अंजाम दो माह पूर्व ही दे दिया जाता. लूट की पूरी योजना दो माह पूर्व ही बन गयी थी. सिर्फ घटना को अंजाम देना था. इसी बीच घटना से पूर्व तैयारी के दौरान चुनमुन झा को गोली लग गयी, जिससे वह घायल हो गया. इसके चलते इस योजना को कुछ दिनों के लिए टाल दिया गया. घायल चुनमुन के इलाज में राहुल श्रीवास्तव ने महत्वपूर्ण भूमिका निभायी.
घटना में शामिल अपराधियों की गिरफ्तारी होनी बाकी
एसपी ने बताया कि घटना में शामिल सभी छह अपराधियों की अभी गिरफ्तारी नहीं हुई है. अनुसंधान अभी जारी है. पुलिस और एसटीएफ की टीमें अभी भी जांच और छापेमारी में जुटी हुई हैं. इस कांड का लगभग उद्भेदन कर लिया गया है. केवल अपराधियों की गिरफ्तारी और लूटे गये आभूषण की बरामदगी शेष रह गयी है. इसके लिए पुलिस और एसटीएफ के जवान लगातार प्रयास कर रहे हैं.
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अपराधियों के शातिराना अंदाज से पुलिस भी अचंभित
तनिष्क लूटकांड में शामिल अपराधियों के शातिराना अंदाज से पुलिस भी अचंभित है. उन्होंने हर चाल बहुत ही बारीकी से चली. एसपी ने बताया कि पहले तो पुलिस को झांसा देने के लिए टीशर्ट को जलाया, ताकि उनकी पहचान न हो सके. इसके बाद अपराधियों ने जिस रूट का इस्तेमाल किया वह भी कम चौंकानेवाला नहीं है. घटना को अंजाम देने के बाद बदमाशों ने भागने के क्रम में सीधे रास्ते के बजाय कट रूट का ज्यादा इस्तेमाल किया, ताकि पुलिस की नजर न पड़े.
एसपी ने बताया कि जिस सिम का बदमाशों ने इस्तेमाल किया वह भी फेक था. इसमें एक अपराधी का आधार कार्ड मिला, वह भी फेक ही था. कुल मिलाकर बदमाश योजना बद्ध तरीके से आये थे. अपराधियों को लोकेट करना आसान नहीं था, लेकिन तकनीकी आधार पर पुलिस उन बदमाशों तक पहुंचने में कामयाब हुई. इस दौरान हर बार पुलिस को लगता था कि अब अपराधियों के बिल्कुल करीब पहुंच चुके हैं, लेकिन थोड़ी देर बाद निराशा हाथ लगती थी.
सुबोध सिंह एवं बिट्टू सिंह को रिमांड पर लिया जायेगा: एसपी
तनिष्क लूटकांड का खुलासा करते हुए एसपी उपेंद्रनाथ वर्मा ने बताया कि सोना लूटकांड का सरगना सुबोध सिंह एवं पूर्णिया के कुख्यात अपराधी बिट्टू सिंह को रिमांड पर लेकर पूछताछ की जायेगी. वर्तमान में सुबोध सिंह पश्चिम बंगाल के वर्धमान जेल में बंद है, जबकि बिट्टू सिंह भागलपुर के सेंट्रल जेल में है. बिट्टू सिंह जब रिमांड पर भागलपुर से बेऊर जेल पहुंचा, तो उसकी मुलाकात सुबोध सिंह से हुई. बिट्टू ने सुबोध सिंह को पूर्णिया में तनिष्क ज्वेलरी लूट का आइडिया दिया था और इसमें पूरी तरह मदद देने का भी भरोसा दिलाया था. पूरी प्लानिंग के बाद ही बिट्टू के गुर्गों ने सुबोध सिंह के भेजे गये छह अपराधियों को तनिष्क लूटकांड में मदद की.
एसपी ने बताया कि इसी सिलसिले में सुबोध सिंह और बिट्टू सिंह को रिमांड पर पूर्णिया लाकर पूछताछ की जाएगी. एसपी ने बताया कि सुबोध सिंह देश का सबसे बड़ा सोना लूटकांड का सरगना है. उसने महाराष्ट्र, राजस्थान, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड, बिहार एवं पश्चिम बंगाल के कई बड़े शहरों में करोड़ों रुपये मूल्य के सोने की लूट की है. वह सात साल से पटना के बेउर जेल में बंद है और वर्तमान में रिमांड पर पश्चिम बंगाल भेजा गया है.
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बिट्टू सिंह पर विभिन्न थानों में दर्ज हैं एक दर्जन मामले, एके-47 के साथ हुआ था गिरफ्तार
सरसी का कुख्यात अपराधी अनिकेत सिंह उर्फ बिट्टू सिंह का आपराधिक इतिहास रहा है. बिट्टू सिंह के विरुद्ध हत्या, रंगदारी और आर्म्स एक्ट के एक दर्जन मामले विभिन्न थानों में दर्ज हैं. फिलहाल वह भागलपुर सेंट्रल जेल में बंद है. बिट्टू सिंह पर सरसी के मलय सिंह एवं नवगछिया के अमन सिंह की हत्या का आरोप है. छह वर्ष पहले बस स्टैंड में ताबड़तोड़ गोलीबारी कांड में बिट्टू सिंह का नाम चर्चा में आया था. उसने फोर्ड कंपनी चौक स्थित एक फर्नीचर व्यवसायी से रंगदारी की मांग को लेकर गोलीबारी की थी. वर्ष 2019 में चर्चित बाड़ीहाट कांड में बिट्टू सिंह काफी चर्चा में रहा था. पांच वर्ष पूर्व बिट्टू सिंह को पटना से पहुंची एसटीएफ की टीम ने एक-47 के साथ गिरफ्तार किया था.
जुलाई 2023 में एक बार फिर पटना की एसटीएफ एवं पूर्णिया पुलिस की टीम बिट्टू सिंह के स्थानीय प्रभात कॉलोनी स्थित घर पर छापेमारी की थी. उसके घर से 315 बोर का एक राइफल, 9 एमएम के दो पिस्टल, एक-47 के 10 कारतूस एवं मैगजीन समेत कुल 25 कारतूस बरामद किया गया था. पुलिस ने बिट्टू सिंह समेत आठ अपराधियों को गिरफ्तार किया था. पुलिस और एसटीएफ को जानकारी मिली थी कि बिट्टू सिंह अपने गुर्गों के साथ मिलकर अररिया जिले में किसी ज्वेलर के साथ बड़ी घटना को अंजाम देने की तैयारी कर रहा है.
पूर्णिया में टल गयी एक बड़ी घटना : एसपी
लोकसभा चुनाव के तुरंत बाद पूर्णिया में एक बड़ी घटना टल गयी. एसपी उपेंद्रनाथ वर्मा ने बुधवार को यह सनसनीखेज खुलासा किया है. हालांकि उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि कैसी घटना टल गयी. कुरेदने पर सिर्फ उन्होंने बताया कि अपराधियों ने एक बड़ी योजना बनायी थी लेकिन पुलिस को इसकी समय रहते भनक मिल गयी. यह पूर्णिया लोकसभा चुनाव के तुरंत बाद की है. भनक मिलने के बाद पूर्णिया में पुलिस और एसटीएफ की चौकसी बढ़ा दी गयी थी. जानकारी के मुताबिक, यह योजना भी बेउर जेल में ही बनायी गयी थी. योजना के मुताबिक किसी बड़े नेता की हत्या की साजिश रची गयी थी. वैसे एसपी इस पर कुछ भी कहने से मुकर गये.