Purnia Tanishq robbery: अपराधियों के बंगाल के रास्ते नेपाल भागने की आशंका, पांच हिरासत में, पूछताछ जारी
पूर्णिया शहर के डाकबंगला चौक के पास 26 जुलाई को तनिष्क शोरूम से 3.70 करोड़ रुपये के हीरे और सोने की लूट के मामले को सुलझाने में पूर्णिया पुलिस ने पूरी ताकत झोंक दी है. फिलहाल पुलिस तनिष्क शोरूम के कर्मचारी के मोबाइल फोन के जरिए अपनी जांच आगे बढ़ा रही है, जिसे लुटेरे अपने साथ ले गए हैं. मामले पांच लोगों को हिरासत में लिया गया है, जिससे पूछताछ की जा रही है.
Purnia Tanishq robbery: पूर्णिया तनिष्क शोरूम में हुई करोड़ों की लूट के मामले में बंगाल और झारखंड से भी लूट के तार जुड़ रहे हैं. अब तक हुई जांच से पता चलता है कि इसमें बिहार, बंगाल और झारखंड के लुटेरे शामिल हैं. दो से तीन स्थानीय अपराधियों ने लाइनर का काम किया है. पुलिस झारखंड के साहिबगंज, बिहार के मुजफ्फरपुर और अररिया, पश्चिम बंगाल के मालदा में भी छापेमारी कर रही है. फिलहाल पूर्णिया पुलिस की पांच टीम और एसटीएफ की पांच टीम लगातार राज्य के अंदर और बाहर अलग-अलग बिंदुओं पर काम कर रही है.
पांच को हिरासत में लेकर हो रही पूछताछ
बिहार पुलिस ने अपराधियों की पहचान का दावा करते हुए जल्द गिरफ्तारी का भरोसा दिलाया है. जांच में पुलिस को अभियुक्तों के नेपाल भागने की जानकारी भी मिली है. लूट की घटना को अंजाम देने के बाद अपराधियों के भागने के रास्तों की पहचान कर ली गयी है. अपराधियों की एंट्री और एग्जिट प्वाइंट का पता चल गया है. इसको देखते हुए जगह-जगह लगे सीसीटीवी कैमरों को खंगाला जा रहा है. आभूषण लूटकांड में अबतक पांच संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है, जिनसे पूछताछ की जा रही है. पुलिस फिलहाल तनिष्क शोरूम के कर्मी के उस मोबाइल के जरिये अपने अनुसंधान का आगे बढ़ा रही है, जो लुटेरे अपने साथ ले गये हैं.
लूट के बाद की गई शॉपिंग
तनिष्क शोरूम में लूटपाट के दौरान मास्क लगाये दो अपराधियों को पुलिस लोकल मान रही है. पुलिस का मानना है कि ये दो अपराधी लाइनर की भूमिका में हो सकते हैं. लूटकांड में एक नया मामला भी सामने आया है. आरोपितों के द्वारा लूट के बाद से ही अररिया व अन्य जिलों के विभिन्न स्थानों से जम कर मार्केटिंग की गयी है. उन्होंने लूट के बाद के चार दिनों के अंदर रिलायंस ट्रेंड, विकास मार्केट अवस्थित इलेक्ट्रॉनिक्स की दुकानों से भी जम कर खरीदारी की है, उनका लोकेशन भी पूर्णिया के आसपास के जिलों का है. हालांकि ये भी आशंका है कि अपने को छुपाने के इरादे से भी इन लोगों ने कपड़े व अन्य सामान की खरीदारी की हो. पुलिस भी इस बिंदु पर जांच को आगे बढ़ाना चाहेगी.
कर्मी का मोबाइल साथ ले जाना लुटरों की चूक या फिर सोची-समझी चाल?
पुलिस तनिष्क शोरूम के कर्मी के उस मोबाइल के जरिये अपनी जांच आगे बढ़ा रही जो लूटेरे अपने साथ ले गए हैं. इस मोबाइल को ऑन-ऑफ भी किया गया है. इस बीच, यह चर्चा का विषय है कि तनिष्क शोरूम के कर्मी का मोबाइल अपने साथ ले जाना लुटरों की चूक है या फिर उनकी सोची-समझी चाल! तनिष्क शोरूम में लूटपाट शुरू करने से पहले अपराधियों ने गार्ड समेत कुल 25 स्टाफ और पहले से मौजूद दो ग्राहक को हथियार के बल पर बंधक बना लिया था. बंधक बनाने के बाद सभी के मोबाइल फोन छीन लिये थे.
उठ रहे कई सवाल
ऐसे में यह सवाल है कि लूटपाट के बाद भागने के क्रम में लुटरे एक एक ही मोबाइल क्यों साथ ले गये. उनके पास तो सभी कर्मियों के मोबाइल थे. वे चाहते तो और भी मोबाइल ले जा सकते थे क्योंकि लुटेरे खुद भी सात की संख्या में थे. सवाल यह भी है कि क्या अपराधियों के पास अपना एक भी मोबाइल नहीं था जो उन्हें शोरूम के स्टाफ के मोबाइल की जरूरत पड़ गयी. अगर अपराधियों के पास एक भी मोबाइल नहीं था तो वे सात की संख्या में एक साथ किस प्रकार के माध्यम या को-ऑर्डिनेशन के तनिष्क शोरूम पहुंचे थे. वैसे इन सवालों से इतर तनिष्क शोरूम के स्टाफ के मोबाइल को लुटरों द्वारा साथ ले जाने को पुलिस अपने लिए अंधेरे में किरण मान रही है. यह देखना दिलचस्प होगा कि इस दिशा में पुलिस का अनुसंधान किस निष्कर्ष पर पहुंचता है.
लुटरों ने आधे घंटे बाद ऑफ किया था मोबाइल
पुलिस के अनुसार, तनिष्क शोरूम में लूट की घटना को अंजाम देकर अपराधी एक स्टाफ का मोबाइल अपने साथ ले गये. भागने के दौरान अपराधी स्टाफ के मोबाइल को घटना के आधे घंटे बाद बंद किया. कयास लगाया जा रहा है कि लुटरों ने तबतक मोबाइल को ऑन रखा जबतक कि वे शहर से बाहर नहीं निकल जायें. मगर मगजमारी इस बात की है कि आखिर आधे घंटे ही मोबाइल क्यों ऑन रखा गया.
उलझा रहा एक दिन बाद मोबाइल ऑन करना
पुन: एक दिन बाद 27 जुलाई को दोपहर में अपराधियों ने तनिष्क शोरूम के स्टाफ के मोबाइल को ऑन किया था. एक बार मोबाइल बंद करने के बाद आखिर उसे ऑन करने की लुटरों को क्या जरूरत पड़ गयी. क्या वे इतने नौसिखुए हैं कि खुद ही पुलिस को अपना लोकेशन दे रहे थे. जिस प्रकार से उन्होंने लूट को अंजाम दिया है उससे तो सारे अपराधी पेशेवर मालूम पड़ते हैं. कहीं ऐसा इसलिए तो नहीं कि पुलिस यह समझे कि सभी अपराधी मालदा क्षेत्र में हैं. क्या एक अपराधी को स्टाफ का मोबाइल देकर सभी अपराधी दूसरे इलाके में निकल गये ताकि पुलिस उन्हें मालदा में ढूंढे और ये लोग सुरक्षित अन्य इलाके में रहें. इससे पहले पुलिस ने बताया था कि 27 जुलाई को अपराधियों ने तनिष्क शोरूम के स्टाफ के छीने गये मोबाइल को ऑन किया था. इस आधार पर यह पता चला कि अपराधी पश्चिम बंगाल के मालदा में हैं.
लूटपाट के बाद कपड़े जलाने की पहली घटना
तकनीकी अनुसंधान से पुलिस को पता चला कि अपराधियों ने मेन रोड छोड़ कर शहर के साइड रोड को पकड़ा और बेलौरी के आगे पहुंच कर कुछ देर के लिए रूके. जहां सभी ने अपने अपने कपड़े जलाये और महेन्द्रपुर, सपनी, सुनौली होते हुए पश्चिम बंगाल की सीमा में प्रवेश कर गये. हालांकि यह भी अपने आप में अनूठी घटना में है जिसमें लूटपाट के बाद अपराधियों ने कहीं बैठकर अपने कपड़े जलाये हों.
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मालदा पुलिस कर रही जांच में मदद
अपराधियों को पकड़ने के लिए पूर्णिया पुलिस की टीम और पटना से पहुंची एसटीएफ की टीम मालदा के लिये 27 जुलाई की दोपहर बाद गयी थी. इसके अलावा पूर्णिया एसपी ने मालदा के एसपी से फोन पर बात कर वस्तुस्थिति से अवगत कराया. इस मामले में मालदा के एसपी ने पूरा सहयोग का भरोसा भी दिया.
लूट के बाद भागने की सुनियोजित योजना रची
घटना के बाद अपराधियों के निकलने का तरीका अलग अलग जगह पर बाइक खड़ी करना और रामबाग मोहल्ले के गलियों से कप्तानपुल बांध पहुंचना. इसके बाद मेन रोड छोड़ कर बेलौरी के रास्ते जाने, यह पूरी तरह योजनाबद्ध थी. अपराधियों के शर्ट के अंदर सफेद रंग के गोल गला की गंजी पहनना, प्रत्येक का दो दो पिस्टल रखना, हिन्दी के साथ बंग्ला बोलना, ग्राहक बन कर शोरूम में बारी बारी से आना यह पूर्ववत योजना थी, जिसे 26 जुलाई की दोपहर 12 बजे एक्शन का रूप दिया गया.
मास्क लगाये दो लुटेरों को पुलिस मान रही लोकल
तनिष्क शोरूम में लूटपाट के दौरान मास्क लगाये दो अपराधियों को पुलिस लोकल मान रही है. पुलिस का मानना है कि ये दो अपराधी लाइनर की भूमिका में हो सकते हैं. इस बीच, पुलिस ने दो संदिग्धों को शहर के अलग-अलग हिस्से से उठाया था. दोनों को शहर से बाहर के थाने में रखकर सघन पूछताछ भी की गयी है. हालांकि अभी स्पष्ट नहीं हुआ है कि दोनों संदिग्धों से पुलिस को क्या लीड मिली है.
कब-क्या हुआ
- 26 जुलाई को दोपहर 12:10 बजे सात अपराधी ने तनिष्क शोरूम में की लूटपाट
- 20 मिनट के अंदर 3 करोड़ 70 लाख के डायमंड गोल्ड के आभूषण लूटे
- घटना के बाद डीआइजी व एसपी ने खुद संभाला मोर्चा
- 27 जुलाई को एसटीएफ के एडीजी अमृत राज जांच में पहुंचे
- 27 जुलाई को पुलिस व एसटीएफ की 10 टीम हुई गठित
पुलिस जांच में लुटेरों के भागने का रूट
पूर्णिया शहर के डाकबंगला चौक स्थित तनिष्क शोरूम— पंचमुखी मंदिर— डोनर चौक- रामबाग चौक- प्रोफेसर कॉलोनी- कप्तानपुल बांध रोड- माधोपाड़ा- बायपास रोड– बेलौरी–मंझेली- महेन्द्रपुर-सपनी- सोनौली- हरिश्चंदरपुर-मालदा.