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पटना मखाना महोत्सव में सुर्खियों में रही कृषि कालेज की मखाना तकनीक

पटना में आयोजित मखाना महोत्सव सह-प्रदर्शनी में पूर्णिया कृषि कालेज की मखाना उत्पादन तकनीक सुर्खियों में रहा.

उत्तर बिहार समेत दूसरे प्रांतों में होगा कृषि कालेज की मखाना तकनीक का इस्तेमाल,

मखाना अनुसंधान एवं विकास में पूर्णिया कृषि कालेज का सराहनीय योगदान: कृषि सचिव,

प्रशंसा पत्र एवं प्रतीक चिह्न के साथ सम्मानित किए गये पूर्णिया कृषि कालेज के वैज्ञानिक,

पूर्णिया. पटना में आयोजित मखाना महोत्सव सह-प्रदर्शनी में पूर्णिया कृषि कालेज की मखाना उत्पादन तकनीक सुर्खियों में रहा. आने वाले दिनों में पूर्णिया कृषि कालेज की इस तकनीक का इस्तेमाल सम्पूर्ण उत्तर बिहार समेत दूसरे प्रांतों के जलजमाव क्षेत्रों के विकास के लिए किया जायेगा. जलवायु परिवर्तन के दौर में इस तकनीक को महोत्सव के दौरान न केवल उपयोगी बताया गया बल्कि इसकी सराहना भी की गई. इसके लिए पूर्णिया के भोला पासवान शास्त्री कृषि महाविद्यालय के मखाना वैज्ञानिकों की टीम को प्रशंसा पत्र एवं प्रतीक चिह्न देकर सम्मानित भी किया गया.

गौरतलब है कि कृषि विभाग बिहार सरकार के उद्यान निदेशालय द्वारा वैश्विक स्तर पर मखाना के मार्केटिंग एवं ब्रांडिंग को लेकर पटना के ज्ञान भवन में दो दिवसीय राष्ट्रीय मखाना महोत्सव-सह-प्रदर्शनी का आयोजन किया गया था. इस कार्यक्रम में भोला पासवान शास्त्री कृषि महाविद्यालय द्वारा जलवायु अनुकूल कृषि कार्यक्रम अन्तर्गत जलजमाव क्षेत्रों का विकास के लिए तैयार किए गए मॉडल का कृषि सचिव संजय अग्रवाल, कृषि निदेशक डा. आलोक रंजन घोष, उद्यान निदेशक अभिषेक कुमार, विशेष सचिव कृषि शैलेन्द्र कुमार सिंह के अलावा बिहार के कृषि एवं उद्यान निदेशालय के अन्य राज्य स्तरीय पदाधिकारियों ने भ्रमण किया. इस मौके पर मखाना वैज्ञानिक डा. अनिल कुमार द्वारा जलवायु परिवर्तन के दौर में जल जमाव क्षेत्रों के विकास की दृष्टि से उद्यान निदेशालय वित्तपोषित मखाना विकास योजना की सफलता पर विस्तृत जानकारी दी गई. कृषि सचिव ने पूर्णिया कृषि कालेज के मखाना अनुसंधान एवं विकास के कार्यों की सराहना की और कहा कि आनेवाले वर्षों में मखाना आधारित तकनीक को सम्पूर्ण उत्तर बिहार में विस्तारित किया जाएगा.

उत्तर प्रदेश एवं छत्तीसगढ़ जायेगी तकनीक

महोत्सव के दौरान मखाना वैज्ञानिक डा. अनिल कुमार ने उत्तर प्रदेश एवं छत्तीसगढ़ से आए अधिकारियों को भी मखाना के क्षेत्र में किए जा रहे कृषि कालेज के प्रयासों से अवगत कराया और इसके विकास की संभावनाओं के तर्क पूर्ण तथ्य रखे. पूरी जानकारी प्राप्त करने के बाद अधिकारियों ने कहा कि पूर्वी उत्तर प्रदेश एवं छत्तीसगढ़ मेें भी बड़े पैमाने पर जलजमाव क्षेत्र है जो बेकार पड़ा रहता है. मंच से उन्होंने कृषि सचिव, बिहार से मखाना आधारित तकनीकों को उत्तर प्रदेश एवं छत्तीसगढ़ की धरती पर पहुंचाने का आग्रह किया. इस मौके पर कृषि वैज्ञानिक डा. पंकज कुमार ने किसानों के साथ तकनीकी चर्चा की और फसल लगाने से पूर्व मिट्टी की जांच पर जोर दिया. इस महोत्सव में पूर्णिया से कृषि वैज्ञानिक डा. जनार्दन प्रसाद, डा. पंकज कुमार यादव, डा. अनिल कुमार, डा. मणी भूषण ठाकुर, डा. अभिनव कुमार, डा. पंकज कुमार मंडल के अलावा रंजीत कुमार आदि ने अपना सहयोग प्रदान किया.

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