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Purnia news : राज्य व राष्ट्रीय फलक पर धाक जमा रहे पूर्णिया के खिलाड़ी, पर सुविधाओं की कमी

Purnia news : उपलब्धियों के बीच कई सवाल भी उठ रहे हैं. क्योंकि यहां कोई ऐसा खेल मैदान नहीं जहां एक स्तरीय प्रतियोगिता करायी जा सके.

Purnia news : से आनेवाले खेल जगत के सितारे विगत कई दशकों से राष्ट्रीय फलक पर अपना जलवा दिखा रहे हैं. अपनी खेल प्रतिभा का बेहतर प्रदर्शन कर पूर्णिया के खिलाड़ियों ने हर खेल में न केवल अपनी धाक जमायी है, बल्कि गोल्ड और सिल्वर मेडल पर कब्जा जमा कर ‘वीनर’ का खिताब भी हासिल किया है. एक तरफ जहां जिले की महिला हॉकी टीम राष्ट्रीय फलक पर अपनी पहचान बनाने में सफल रही है, तो वहीं दूसरी तरफ पूर्णिया के फुटबॉल सितारे नेशनल गेम्स में अपना लोहा मनवा चुके हैं. पूर्णिया के लिए यह भी गौरव का विषय है कि अब्दुल समद, रोबिन सोरेन जैसे राष्ट्रीय स्तर के फुटबॉलर इसी जमीं से जुड़े रहे हैं. राष्ट्रीय खेल दिवस के अवसर पर अपने खेल सितारों को याद करना हम सबका फर्ज बनता है, क्योंकि इन सबने राष्ट्रीय स्तर की खेल प्रतियोगिताओं में पूर्णिया का परचम लहराया है.

स्टेट एथलीट प्रतियोगिता में 13 पदकों पर जमाया कब्जा

पिछले दिनों पटना स्थित पाटलिपुत्र खेल परिसर में आयोजित राज्य स्तरीय एथलीट प्रतियोगिता में जिले के खेल सितारों ने 13 पदकों पर कब्जा जमाया और पूर्णिया का पताका फहराया. पदक हासिल करने वाले 11 प्रतिभागियों में अभिषेक, इंद्राणी, अमन, अंशु, रवि शंकर, समीर, प्रभाकर, काजल, अभिन, तुषार तथा रेणु शामिल हैं. गौरव की बात यह रही कि इन खिलाड़ियों ने अपने पूर्णिया जिले को पुरुष वर्ग में रनर अप की ट्रॉफी भी दिलायी. राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में मेडल प्राप्त करनेवाले खिलाड़ियों में अभिषेक कुमार ने ऊंची कूद में गोल्ड मेडल हासिल किया, जबकि इंद्राणी कुमारी ने 100 मीटर दौड़ में और अमन कुमार ने ऊंची कूद में सिल्वर मेडल पर कब्जा जमाया. इसी तरह 400 मीटर बाधा दौड़ में अंशु कुमार ने ब्रॉन्ज मेडल, तिकड़ी कूद में रवि शंकर ने सिल्वर मेडल और गोला फेंक में समीर कुमार ने ब्रांच मेडल हासिल किया. प्रभाकर कुमार ने 3000 मीटर स्टेपल चेंज में सिल्वर मेडल और 5000 मीटर दौड़ में ब्रॉन्ज मेडल जीता. काजल कुमारी ने लंबी कूद में ब्रॉन्ज मेडल, अभिन कुमार ने ट्रिपल जंप में गोल्ड मेडल, तुषार राज ने 400 मीटर बाधा दौड़ में गोल्ड मेडल और रेणु कुमारी ने 800 मीटर दौड़ में सिल्वर मेडल प्राप्त कर खेल जगत में पूर्णिया का परचम लहराया. वैसे, यह माना जाता है कि एथलेटिक्स के मामले में यहां अपार संभावनाएं हैं, लेकिन खेलो इंडिया के तहत इंदिरा गांधी स्टेडियम में तैयार सिंथेटिक ट्रैक एवं अन्य संसाधन अभी तक बच्चों को उपलब्ध नहीं हुए हैं.

हॉकी के क्षेत्र में भी पीछे नहीं रहा है पूर्णिया

हॉकी के क्षेत्र में भी पूर्णिया कभी पीछे नहीं रहा. यहां की महिला हॉकी खिलाड़ियों का बिहार हॉकी टीम में दबदबा रहा है. जूनियर और सीनियर दोनों ही स्टेट टीम में पूर्णिया की अधिकांश खिलाड़ी शामिल हैं. सीनियर स्टेट टीम में चार महिला हॉकी खिलाड़ी और जूनियर टीम में नौ महिला हॉकी खिलाड़ी शामिल हैं. दरअसल, राजकीय कन्या उच्च विद्यालय में संचालित आवासीय एकलव्य प्रशिक्षण केंद्र से बेहतरीन हॉकी खिलाड़ी निकलते रहे हैं. पिछले कई सालों तक यहां की टीम बिहार जूनियर हॉकी चैंपियनशिप में विजेता बन रही है. हालांकि बीच के सालों में कई उतार-चढ़ाव आया, पर जब-जब अवसर मिला, तब-तब बिहार के बाहर के टूर्नामेंट में भी पूर्णिया की खिलाड़ियों ने परचम लहराया है. यही वजह है कि जिला स्थापना दिवस के मौके पर जिला प्रशासन द्वारा इन खिलाड़ियों को कई बार सम्मानित किया जा चुका है.

फुटबॉल में राष्ट्रीय फलक पर जलवा बिखेरने लगे खिलाड़ी

बदलते दौर में फुटबॉल में राष्ट्रीय फलक पर भी पूर्णिया के खिलाड़ी अपना जलवा बिखेरने लगे हैं. पिछले दिनों जिले के पांच फुटबॉल खिलाड़ी राष्ट्रीय फुटबॉल अंडर-17 ग्रुप के लिए बिहार टीम में शामिल किये गये थे.एसजीएफआइ की राष्ट्रीय फुटबॉल प्रतियोगिता में टीम ने पांच खिलाड़ियों की बदौलत शानदार प्रदर्शन भी किया था. उनकी बदौलत टीम ने जम्मू में आयोजित प्रतियोगिता में उपविजेता का खिताब हासिल किया था. फुटबॉल के मामले में अगर देखा जाये, तो प्रत्येक वर्ष स्वाधीनता दिवस के पूर्व आदिवासी युवकों द्वारा झील टोला फुटबॉल मैदान में वृहत फुटबॉल प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता रहा है. इस प्रतियोगिता में न केवल स्थानीय, बल्कि जिले के कोने-कोने से फुटबॉल टीम को आमंत्रित किया जाता है. यहां तक कि पड़ोसी मुल्क नेपाल से भी फुटबॉल टीम लगभग हर वर्ष यहां खेलने आती है. सरना फुटबॉल क्लब की और से स्थानीय आदिवासी युवकों ने जिले में इस खेल को एक अच्छी पहचान दी है.

वन मैन आर्मी हैं राष्ट्रीय खिलाड़ी शुभम

एक ऐसे स्पोर्ट्स पर्सन जो अपने आप में वन मैन आर्मी हैं, जिन्होंने हर क्षेत्र में अपना लोहा मनवाया है, नाम है शुभम आनंद. घर- हरिमुड़ी, बनमनखी. वर्तमान में झील टोला पूर्णिया में रहकर हॉस्टल चलाते हैं एवं खेलकूद को बढ़ावा देते हैं. शुभम खुद भी राष्ट्रीय खिलाड़ी (खो- खो , रग्बी, ड्रैगन बोट) रह चुके हैं एवं ऑल इंडिया यूनिवर्सिटी गेम भी खेल चुके हैं. दिसंबर, 2019 में ड्रैगन बोट में शुभम का चयन इंडिया टीम में हो चुका था, पर कोराना काल के चलते उस चैंपियनशिप को रद्द कर दिया गया था. शुभम कहते हैं कि जो बच्चे जिस क्षेत्र में जाना चाहते हैं, उन बच्चों को उन्हीं क्षेत्र में जाने में हर संभव मदद करनी चाहिए. वर्तमान में शुभम पीएचडी सेकेंड ईयर के छात्र हैं. अभी तक रग्बी एवं ड्रैगन बोट खेल के क्षेत्र में शुभम 10 राष्ट्रीय खिलाड़ी एवं एक अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी दे चुके हैं. एक बच्चे को रग्बी खेल से इंडिया कैंप तक पहुंचा चुके हैं.

उपलब्धियों के बीच सवाल भी उठ रहे

खेल के क्षेत्र में उपलब्धियों के बीच कई सवाल भी उठ रहे हैं. सवाल यह भी है कि खेल के मैदान अब शहर में रहे कहां. यह सवाल भी है कि बच्चे खेलने के लिए जाएं तो जाएं कहां. जैसे-जैसे शहर का विकास हुआ, आबादी बढ़ी और ऊंची-ऊंची बिल्डिंगें खेल मैदानों को निगलती चली गयीं. जिला मुख्यालय में कोई भी ऐसा खेल मैदान नहीं रहा, जिसमें कई खेल प्रतिस्पर्धाओं के लिए राष्ट्रीय स्तर तो क्या राज्य स्तरीय प्रतियोगिता कराना भी संभव हो. रंगभूमि मैदान जिसके पूर्वी छोर पर इंदिरा गांधी स्टेडियम बना है, वहां भी एथलेटिक्स के लिए आधा-अधूरा काम हुआ है. उसे सिर्फ कुछ सरकारी आयोजनों में ही उपयोग में लाया जा रहा है. मालूम हो कि जिले में एकलव्य खेल प्रशिक्षण के तहत हॉकी, फुटबॉल जैसे खेलों को शामिल किया गया है तथा बालक-बालिकाओं की टीम को आवासीय प्रशिक्षण दिया जाता है. शेष मामले में विभिन्न प्रतियोगी बच्चे खुद के या अपने विद्यालय स्तर की तैयारी पर ही निर्भर हैं.

खेल के विकास के लिए हो रहे सार्थक प्रयास

जिला खेल पदाधिकारी डेजी रानी ने बताया कि जिले में दो एकलव्य सेंटर्स पर बच्चों के लिए खेल प्रशिक्षण की व्यवस्था है. गर्ल्स स्कूल में बालिका हॉकी एवं जिला स्कूल सेंटर पर ब्वॉयज के लिए फुटबॉल एवं बैडमिंटन के प्रशिक्षण की व्यवस्था है. अभी एकलव्य ट्रायल शुरू हुआ है. नये चार एकलव्य का चयन किया जाना है. साइकिलिंग के लिए धमदाहा में ट्रायल कराया जा चुका है. इसके अलावा तीन और गेम्स को शामिल किया गया है. इनमें कबड्डी खेल भवन में, तीरंदाजी जिला स्कूल में, रग्बी के लिए इंदिरा गांधी स्टेडियम में खेल दिवस के मौके पर आयोजन होना है. इसके लिए पटना से टेक्निकल टीम आयी हुई है. इस कार्य में संघ के भी लोग मदद कर रहे हैं. यहां बच्चों का चयन किया जाएगा और उनमें जिन बच्चों का सबसे बेहतर प्रदर्शन रहेगा उनका फिर से ट्रायल लिया जाएगा. इसके बाद अंतिम रूप से चयनित बच्चों को एकलव्य सेंटर पर रखते हुए तमाम सुविधाएं एवं प्रशिक्षण की व्यवस्था निःशुल्क की जायेगी. दूसरी ओर जिलाधिकारी द्वारा निर्देशित खेल के मैदानवाले प्रोजेक्ट पर भी काम चल रहा है.

सभी पंचायतों में बनेंगे उद्यान व खेल मैदान : डीएम

डीएम कुंदन कुमार ने कहा कि जिले की सभी 230 पंचायतों में मेरा गांव मेरा उद्यान, मेरा गांव मेरा खेल का मैदान के तहत उद्यान तथा खेल का मैदान बनाया जायेगा. आज कल ग्रामीण इलाकों के लोगो को भी टहलने के लिए उद्यान की आवश्यकता होती है. इसी को ध्यान में रख कर सभी पंचायतों में उद्यान का निर्माण कराया जाएगा तथा खिलाड़ियों के लिए जीरो स्तर से खेलों की आधारभूत संरचना उपलब्ध कराने के लिए पंचायतों में खेल के मैदान का निर्माण कराया जाएगा. मेरा गांव मेरा खेल का मैदान के तहत तैयार होनेवाले खेल मैदानों में पंचायत खेल क्लब के खिलाड़ियों द्वारा खेलों के प्रशिक्षण के लिए उपयोग किया जाएगा. इससे ग्रामीण इलाकों के प्रतिभावान खिलाड़ियों को आगे बढ़ाने में काफी मदद मिलेगी.

पूर्णिया को हाल में मिले पदक

3000 मीटर स्टेपल चेंज में मिला सिल्वर मेडल, 5000 मीटर दौड़ में ब्रॉन्ज मेडल, 800 मीटर दौड़ में सिल्वर मेडल, 100 मीटर दौड़ में सिल्वर मेडल, 400 मीटर बाधा दौड़ में ब्रॉन्ज मेडल.

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