केन्द्रीय आम बजट में अछूता रह गया पूर्णिया का रेल विकास, लोगों में निराशा

बजट में बिहार को बहुत कुछ मिला पर इस बार फिर टूट गयीं पूर्णिया की उम्मीदें

By Prabhat Khabar News Desk | February 3, 2025 6:10 PM

बजट में बिहार को बहुत कुछ मिला पर इस बार फिर टूट गयीं पूर्णिया की उम्मीदें

रेल मामले में खुद को ठगा महसूस कर रहे लोग, धरी रह गयी लंबी दूरी के ट्रेन की आस

नहीं मिला चिरलंबित मांगों को मुकाम, राजधानी के लिए सीधी ट्रेन सेवा भी नहीं

पूर्णिया. वित्तीय वर्ष 2025-26 के केन्द्रीय आम बजट में भले ही बिहार को बहुत कुछ मिला पर इस बार फिर पूर्णियावासियों की उम्मीदें टूट गयीं. यह विडंबना है कि बजट से पहले हर साल यहां के लोगों की उम्मीदें बंधती हैं और बजट के बाद टूट जाती हैं. पूर्णियावासियों को मलाल है कि बारंबार मांग के बावजूद यहां के रेल विकास की किसी योजना को बजट में शामिल नहीं किया गया. यहां के लोग हतप्रभ हैं कि रेलवे को सालाना अरबों का राजस्व देने के बावजूद रेल विकास के मामले में पूर्णिया बजट से अछूता कैसे रह गया. रेल के क्षेत्र में पूर्णिया की उपेक्षा को लेकर स्थानीय लोग संजीदा हैं. याद रहे कि पूर्णिया समेत पूरे प्रमंडल के रेल विकास से जुड़ी कई मांगें अभी भी लंबित हैं. गौरतलब है कि आमदनी में आगे रहने के बावजूद पूर्णिया काफी पीछे रह गया है. याद रहे कि कटिहार-पटना इंटरसिटी को सप्ताह में 5 दिन जोगबनी से तथा कटिहार-अमृतसर आम्रपाली एक्सप्रेस को प्रतिदिन जोगबनी से चलाने का प्रस्ताव स्वीकृति की प्रत्याशा में लंबित पड़ा है. यह प्रस्ताव पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे द्वारा भेजा गया था. इससे पहले त्रिसाप्ताहिक कटिहार-टाटा को भी जोगबनी तक विस्तार करने का प्रस्ताव भेजा गया था. अहम तो यह है कि कोर्ट स्टेशन से खुलने वाली कोशी एक्सप्रेस का विस्तार बगल के पूर्णिया जंक्शन तक नहीं किया जा सका जबकि इसका प्रस्ताव भी दो सालों से लंबित है. इस मामले में न तो रेलवे ने दिलचस्पी जतायी और न ही इसे बजट में शामिल किया जा सका. नतीजतन पूर्णिया जंक्शन पर ट्रेन पकड़ने वाले यात्रियों की मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं.

बजट ने तोड़ा आम आदमी का भरोसा

अगर देखा जाए तो अकेले पूर्णिया जंक्शन से रेलवे को विभिन्न मदों से हर माह लगभग डेढ़ करोड़ की आमदनी होती है. अगर इसमें कोर्ट स्टेशन की आय को भी शामिल करें तो यह आंकड़ा अरब को पार कर जाता है. इस लिहाज से यात्रियों के लिए सुविधाएं भी बढ़ायी जानी चाहिए. यही वजह है कि पूर्णियावासियों को केन्द्र के आम बजट को लेकर काफी भरोसा था कि इस क्षेत्र की लंबित रेल विकास की योजनाओं को तवज्जो मिलेगा और बजट में इसके प्रावधान भी किए जायेंगे. पूर्णिया की उपेक्षा का आलम यह है कि कटिहार-जोगबनी रेलखंड में 14 सालों से ट्रेनों की बढ़ोतरी नहीं हुई है. जानकी एक्सप्रेस के समय सारणी में बदलाव, हाटे बाजारे एक्सप्रेस का पूर्णिया होकर सप्ताह में तीन दिन परिचालन, पटना के लिए सीधी ट्रेन इंटरसिटी एक्सप्रेस के पूर्णिया तक विस्तार की मांग अब तक अधर में है.

मांगों पर भी नहीं हो सकी कोई पहल

इसी तरह पूर्णिया होते हुए जोगबनी- कोलकाता एक्सप्रेस को रोज़ाना करने और जोगबनी से पटना राज्यरानी व रात्रिकालीन ट्रेनों के परिचालन की मांग पर कोई पहल नहीं हो सकी. इतना ही नहीं, जोगबनी में वाशिंग पिट और एक कोच लंबाई के सिक लाइन को रेलवे बोर्ड की मंजूरी मिल गई थी पर यह भी अब तलक अधर में है. पूर्णिया कोर्ट स्टेशन पर वाशिंग पिट का निर्माण एवं गिट्टी डिपो का स्थानांतरण का मामला 2018- 19 से फंसा पड़ा है.

कहते हैं लोग- रेल मामले में मिली हताशा

1. निश्चित रूप से रेल मंत्रालय पूर्णिया के रेल विकास को लेकर उदासीन रहा है. बिहारीगंज-कुरसेला रेल परियोजना पेंच में फंस कर रह गयी जबक पूर्णिया से किशनगंज के बीच सीधी रेल सेवा शुरू नहीं हो सकी. जिला मुख्यालय से नयी ट्रेन मिलने की उम्मीद भी धराशायी हो गयी.

फोटो- 3 पूर्णिया 7- उमेश मिश्रा, रिटायर्ड बैंक अधिकारी2. यह बड़ी विडंबना है कि करोड़ों की आय के बावजूद पूर्णिया को रेल विकास के मामले में पीछे रखा गया है. यह पूर्णिया के प्रति दोयम दर्जे के नजरिया का प्रतीक है. नागरिकों को इस मामले में खुल कर आगे आना होगा और यह जानने की कोशिश करनी होगी कि पूर्णिया के रेल विकास में आखिर क्या अड़चनें आ रही हैं.

फोटो- 3 पूर्णिया 8-राजेश लोहिया, बिजनेशमैन3. रेल विकास को लेकर कई-कई बार घोषणाएं की गयीं. वायदे हुए और बयानबाजी भी हुई पर पूर्णिया की जरूरत के हिसाब से रेल का विकास संभव नहीं हो सका. इस बार के बजट से रेल विकास के मामले में पूर्णिया को बहुत कुछ मिलने की उम्मीद थी पर केंद्र का रवैया इस बार भी निराशाजनक साबित हुआ. फोटो- 3 पूर्णिया 9- संजय कुमार मिश्र, डाबर, अधिवक्ता4. इस बार के बजट में हमलोगों को पूर्णिया से सीधा दालकोला और किशनगंज के बीच रेल सेवा शुरू किए जाने की घोषणा की आस थी . इससे कारोबार को और बढ़ावा मिल सकता था और आम लोगों को बस और सड़क मार्ग से मुक्ति मिल सकती थी. मगर, हर साल की तरह रेल मामले में इस बार भी निराशा मिली है. फोटो-3 पूर्णिया 10- अशोक चौधरी, प्रदेश अध्यक्ष, बिविमो4. इस बार भी बजट से रेल विकास का गौण हो जाना दुखद है पर यदि देखा जाए तो रेल विकास के मामले में पूर्णिया अब तक पिछड़ा रह गया है. पूर्णिया जंक्शन से लंबी दूरी का सफर आज तक संभव नहीं हो सका है. आज भी हम अंग्रेजों द्वारा बिछायी रेल पटरी पर ही सफर कर रहे हैं जो निराशाजनक है. पूर्णिया की लंबित मांगों को भी नजरअंदाज किया जाता रहा है जबकि नयी मांगों पर भी सुनवाई नहीं हो रही है.

फोटो- 3 पूर्णिया 11- रुस्तम खान, वरिष्ठ नेता, राष्ट्रीय जनता दल6. सवाल यह नहीं है कि रेल विकास में हम पीछे क्यों रह गये. जो कुछ है वह सामने है और अब हम सबको यह निर्णय लेना होगा कि पूर्णिया की उपेक्षा को लेकर हमें क्या करना चाहिए. आखिर कब तक याचक बने रहेंगे. यह उम्मीद तो हमारी हर साल बंधती-टूटती है. आखिर पूर्णिया के रेल विकास मामले में यह उदासीनता क्यों है.

फोटो-3 पूर्णिया 12- विजय मांझी, अधिवक्ता7. पूर्णिया के रेल विकास मामले हर साल बजट में जिस तरह नाइंसाफी हो रही है, यह चिंता का विषय है. एक तरफ रेलवे के अधिकारी आश्वासन तो देते हैं पर इसे कार्यरूप देने के लिए बजट के दायरे तक नहीं पहुंच पाते जिससे इस इलाके का अपेक्षित रेल विकास अधर में लटका रह जाता है.

फोटो-3 पूर्णिया 13- अजय मांझी, समाजसेवी

पूर्णिया की लंबित मांग व योजना

कटिहार-पटना इंटरसिटी का परिचालन सीमांचल एक्सप्रेस के जलालगढ़ में ठहराव जोगबनी रेल मार्ग को गया से जोड़ने की मांग पूर्णिया जिले में एकीकृत रैक-प्वाइंट पूर्णिया जंक्शन पर सुविधा विस्तार की मांग पूर्णिया जंक्शन पर वातानुकूलित उच्च श्रेणी प्रतीक्षालय पूर्णिया जंक्शन पर वीआईपी लाउंज का निर्माण दालकोला से पूर्णिया के बीच रेल परिचालनपूर्णिया से सीधा किशनगंज के लिए ट्रेन सेवा

आकड़ों का आईना

1887 में खोला गया था पूर्णिया जंक्शन रेलवे स्टेशन2008 में शुरू हुई थी पूर्णिया जंक्शन में बड़ी रेललाइन30 लाख यात्रियों का आवागमन पूर्णिया जंक्शन से एक साल में होता है15 जोड़ी ट्रेनों का पूर्णिया जंक्शन से हो रहा परिचालन450 करोड़ की आय एक वित्तीय वर्ष में रेलवे को सिर्फ माल ढुलाई में हुई 11 करोड़ सालाना अकेले सीमांचल एक्सप्रेस ने पूर्णिया दे रहा रेलवे को 1.44 लाख यात्री सिर्फ पूर्णिया जंक्शन से पकड़ते हैं ट्रेन 40 हजार से अधिक राजस्व पूर्णिया कोर्ट स्टेशन से मिलता है 15 हजार यात्री पूर्णिया कोर्ट स्टेशन से करते हैं सफर03 रैक प्वाइंट हैं रेलवे के पूर्णिया परिक्षेत्र में

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