ब्रिटिश हुकूमत का गवाह है पूर्णिया सिटी का राजाबाड़ी मंदिर

राजा पी सी लाल ने शुरू करायी थी मां दुर्गा की पूजा

By Prabhat Khabar News Desk | September 29, 2024 6:38 PM
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राजा पी सी लाल ने शुरू करायी थी मां दुर्गा की पूजा

प्रतिमा स्थापना के साथ होता था यहां मेला का आयोजन

आस्था और निष्ठा के साथ की जाती है यहां देवी माता की पूजा

पूर्णिया. जिला मुख्यालय से करीब सात किमी. दूर पूर्णिया सिटी के नवरत्न चौक स्थित राजाबाड़ी दुर्गा मंदिर अंग्रेजिया राज का गवाह है. यहां के बुजुर्ग बताते हैं कि सन् 1906 में राजा पीसी लाल ने मनोकामना पूर्ण होने पर इस मंदिर की स्थापना की थी. इसके बाद पूरे शहरवासियों की आस्था इस मंदिर से जुड़ गई. इस मंदिर में मां दुर्गा की पूजा से लेकर विसर्जन तक राजा पीसी लाल लाव-लश्कर के साथ सक्रिय रहते थे. उन दिनों इस मंदिर में पूजा अर्चना के लिए कोई चंदा उगाही नहीं होती थी. पूजनोत्सव का सारा खर्च स्वयं राजा पी सी लाल दिया करते थे.

बुजुर्गों के मुताबिक प्रतिमा की स्थापना के साथ यहां मेला का भी आयोजन हुआ करता था. धान के लावा से बना आइटम इस मेला का खास आकर्षण था और ग्रामीण संस्कृति की झलक भी थी. हालांकि मेला आज भी लगता है पर इसका स्वरुप अब वह नहीं रहा. कालांतर में राजा पीसी लाल के निधन के बाद पुत्र कुमार विष्णुचंद लाल ने भी इस परम्परा को कायम रखा. स्थानीय लोग बताते हैं कि 1991 में राज घराने के लोगों ने ही पूजा बंद कर दिया. उसी साल नवमी को मंदिर के आसपास के घरों में कुछ अनहोनी का अहसास हुआ तो लोगों ने मंदिर पहुंच कर प्रार्थना की और पूजा फिर शुरू करने का संकल्प लिया.

अब यह पूजा सार्वजनिक रुप से की जाती है. वैसे, स्थानीय लोग सुबह-शाम हर रोज आरती करते हैं. लोगों का कहना है कि यहां सबकी मुराद पूरी होती है. पूजा समिति के सदस्य बताते हैं कि अष्टमी और नवमी को यहां देवी दर्शन के लिए श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है. फिलहाल राजाबाड़ी की पूजा का जिम्मा स्थनीय युवकों ने ले रखा है. सदस्यों ने बताया कि इस दफा यहां के पंडाल को तारापीठ मंदिर का लुक दिया जाएगा. परतंत्र भारत में शुरू हुई पूजा की परम्परा को उमंग और उत्साह के साथ निभा रहे हैं यहां के युवा. युवकों का कहना है कि इस मंदिर से सबकी आस्था जुड़ी है.

फोटो – 29 पूर्णिया 21- पूर्णिया सिटी स्थित राजाबाड़ी दुर्गा मंदिर

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