पूर्णिया. प्राकृतिक यानी ऋषि खेती के लिए चर्चित जिले का रामनगर गांव एक बार फिर सुर्खियों में रहन वाला है. भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की पहल पर देश के विभिन्न कृषि विश्वविद्यालयों के छात्र और शोधार्थी जिले के रामनगर में वर्षों से चल रहे ऋषि खेती का गहन अध्ययन करने बहुत जल्द पूर्णिया पहुंचेंगे. यह जानकारी जिले में ऋषि खेती को बढ़ावा देने वाले हिमकर मिश्र उर्फ भैया जी ने कहीं. उन्होंने बताया कि भारत सरकार के कृषि मंत्रालय के तहत आने वाले राष्ट्रीय जैविक और प्राकृतिक खेती केंद्र के अधिकारी डॉ क्षितिज कुमार ने अभी हाल ही में रामनगर स्थित समर शैल नेचुरल फार्म का विजिट किया है. हिमकर मिश्र ने बताया कि डॉ. क्षितिज कुमार को अपने फुकुओका खेती के मॉडल के बारे में भी जानकारी दी. डॉ. क्षितिज इस मल्टी लेयर, नो टिल, वर्टिकल इंटीग्रेटेड फूड फॉरेस्ट से काफी प्रभावित हुए. उन्होंने यहां की प्राकृतिक खेती को बारीकियों से देखा-परखा. श्री मिश्र ने बताया कि इस फार्म को केंद्रीय कृषि मंत्रालय द्वारा मान्यता और सराहना मिली है और अब यह परिसर भारत सरकार के जैविक खेती के भूखण्डों के रिकॉर्ड में है. डा. क्षितिज के पूछे जाने पर उन्हें बताया कि जैविक खेती की परिकल्पना के पीछे उनके बहनोई और भारतीय राजस्व सेवा के वरिष्ठतम अधिकारी पतंजलि झा ने इस परिसर की परिकल्पना को पुष्ट किया है फोटो- 7 पूर्णिया 1- ऋषि खेती का जायजा लेते अधिकारी
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