सांप्रदायिक सौहार्द का केंद्र है रोशनगंज मजार

भवानीपुर

By Prabhat Khabar News Desk | February 14, 2025 6:46 PM

इन्देश्वरी यादव, भवानीपुर. हजरत रोशन अली अलकादयी 1766 ई. में इस्लाम की सूफी तारिक के प्रचार प्रसार के लिए बगदाद इराक से भारत आए थे. सूफी सुल्तान सैयद शेख अब्दुल कादिर जिलानी के नाम से सारी दुनिया जानती है. हजरत रोशन अल कादरी लगभग 250 वर्ष पूर्व बिहार के पूर्णिया जिला अंतर्गत भवानीपुर प्रखंड के रोशनगंज तशरीफ लाए थे. आज भी उनकी दरगाह रोशनगंज में देश-दुनिया से श्रद्धालु चादरपोशी और दुआ मांगने के लिए आते रहते हैं. इस बार भी शबे बरात पर आये हुए मुर्शिदाबाद के हाईकोर्ट के वकील अब्दुल जोहाईमैन, अलीगढ़ के हाईकोर्ट के वकील सैयद शाह आलम, रोशनगंज मजार के व्यवस्थापक गुलाम साबिर, कोलकाता के विश्वरूप बनर्जी, सैयद आलाज मोहम्मद गुलाम शब्बीर सहित दर्जनों श्रद्धालुओं ने बताया कि जो भी श्रद्धालु आज तक सच्चे दिल से दुआ मांगी है उनकी मन्नतें अवश्य पूरी हुई है. रोशनगंज मजार की एक अपनी अलग पहचान है. यहां बांग्लादेश, बंगाल, नेपाल, झारखंड, सऊदी अरब के अलावे राज्य से हजारों की संख्या में श्रद्धालु हर कार्यक्रम में शरीक होते हैं.

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