सवालों के घेरे में सुरक्षा व्यवस्था
तनिष्क लूट-2
तनिष्क लूट-2
पूर्णिया. शुक्रवार को हथियार बंद अपराधियों ने जिस तरह तनिष्क के शो रूम में दिनदहाड़े लूट की घटना को अंजाम दिया उससे एकबार फिर सुरक्षा सवालों के घेरे में आ गया है. इस घटना से जहां व्यवसायी वर्गों के माथे पर चिंता की लकीरें स्पष्ट दिखाई पड़ रही है वहीं आम नागरिक भी इस घटना से अचम्भित हैं. घटनास्थल पर मौजूद डीआइजी ने भी कहा कि सुरक्षा को लेकर कहां चूक हुई है, इसकी भी समीक्षा की जायेगी. उन्होंने बताया कि दिन में भी पुलिस की गश्ती होती है. घटना के समय गश्ती दल कहां था, कैसे चूक हुई, इन सभी बिन्दुओं पर विभागीय समीक्षा की जायेगी. इसमें किसी भी प्रकार की त्रुटि पायी गयी तो इसपर सख्त कार्रवाई की जायेगी. तनिष्क के आसपास के दुकानदारों ने कहा कि अक्सर रेणु उद्यान के सामने डायल-112 की गाड़ी लगी रहती है लेकिन घटना के समय वह गाड़ी वहां नहीं थी. शोरूम के कर्मचारियों ने भी बताया कि हमलोग अक्सर सड़क किनारे खड़ी पुलिस की गाड़ी को देखते थे लेकिन पता नहीं आज कहां चली गयी. कर्मचारियों का कहना था कि अगर पुलिस की गाड़ी वहां खड़ी रहती तो बदमाशों को कुछ भी दहशत रहता. वे इतने आराम से भाग नहीं सकते.20 वर्ष बाद हुआ शहर में लूट की बड़ी घटना
पूर्णिया. शहर के व्यस्तम इलाका डाकमंगला चौक के पास तनिष्क ज्वेलरी शो रूम में शुक्रवार को हुए लूट की यह सबसे बड़ी घटना है. इससे पूर्व वर्ष 2003 में शहर के गुरुद्वारा रोड स्थित पंजाब नेशनल बैंक में नकाबपोश आधे दर्जन अपराधियों ने हथियार के बल पर 43 लाख रुपये लूट लिये थे. इस घटना के बाद से 2004 में शहर में शहर के भट्ठा बाजार स्थित बैंक ऑफ इंडिया में हथियार बंद अपराधियों ने 78 लाख रुपये नगद लूट लिया था. इस घटना के 20 वर्ष बाद तनिष्क लूट कांड शहर की सबसे बड़ी घटना मानी जा रही है. हैरत की बात यह है कि ये तीनों घटना सहायक खजांची थाना क्षेत्र में हुई.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है