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अटकी है सीमांचल के अंगीभूत कॉलेज की सांस

वोकेशनल कोर्सेस से जहां कॉलेज का आंतरिक स्रोत मजबूत होता है, वहीं शैक्षणिक परिदृश्य भी बेहतर माना जाता है

पूर्णिया. वोकेशनल कोर्सेस पर तकनीकी अड़चन से पूर्णिया विवि के अंगीभूत कॉलेजों की सांस अटकी हुई है. दरअसल, वोकेशनल कोर्सेस से जहां कॉलेज का आंतरिक स्रोत मजबूत होता है, वहीं शैक्षणिक परिदृश्य भी बेहतर माना जाता है. वर्तमान में पूर्णिया विवि के अधीन पूर्णिया कॉलेज, पूर्णिया महिला महाविद्यालय, जीएलएम कॉलेज बनमनखी, डीएस कॉलेज कटिहार और केबी झा कॉलेज कटिहार में मैनेजमेंट और कंप्यूटर की पढ़ाई संचालित होती है. जबकि पूर्णिया महिला महाविद्यालय में एक और कोर्स सीएनडी भी शामिल है. इस बार अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद से अनुमोदन लेने का राज्य सरकार ने निर्देश दिया है. इसलिए पूर्णिया विवि ने सत्र 2024-25 में वोकेशनल कोर्सेस के नामांकन पर मार्गदर्शन मांगा है. जानकारी के अनुसार, विवि प्रशासन ने उच्च शिक्षा विभाग की बैठक में जो इस मसले को रखा, उसपर विभाग ने एआइसीटीइ से अनुमोदन लेने की बात फिर से दोहरायी है. ऐसी स्थिति में वोकेशनल कोर्सेस बंद होने का संकट कायम हो गया है. हालांकि पूर्णिया विवि के डीन छात्र कल्याण प्रो मरगूब आलम के अनुसार, संबंधित कॉलेज वोकेशनल कोर्सेस पर एआइसीटीइ का अनुमोदन लेने की कवायद कर रहे हैं.

निम्न आयु वर्ग के छात्रों पर आफत :

पूर्णिया विवि के अंगीभूत कॉलेजों में वोकेशनल कोर्सेस में नामांकन टलना निम्न आय वर्ग के छात्र-छात्राओं के लिए आफत के समान है. जहां अंगीभूत कॉलेज में कुल 50 हजार खर्च पर ये सारे कोर्स उपलब्ध हैं, वहीं निजी कॉलेजों में यही कोर्स करने में दो लाख तक का खर्च आ सकता है. अंगीभूत कॉलेजों की लाइब्रेरी से भी वोकेशनल कोर्स को पूरा करने में काफी मदद मिलती है.

शैक्षणिक वातावरण होगा प्रभावित :

आमतौर पर वोकेशनल कोर्सेस के कारण अंगीभूत कॉलेजों में छात्र-छात्राओं की गहमागहमी रहती है. वोकेशनल कोर्सेस के छात्र सामान्य रूप से नियमित कक्षाओं में भाग लेते हैं. इन कोर्सेस का एक रूटीन होता है. इन कोर्सेस में ड्रेस कोड भी लागू है जो पारंपरिक व्यवस्था से कॉलेजों को कुछ अलग रूवरूप देते हैं.

कॉलेजों के विकास में मिलती मदद :

वोकेशनल कोर्सेस के कारण कॉलेजों के विकास में भी मदद मिलती है. पिछले साल वोकेशनल मद से ही एक अंगीभूत कॉलेज ने अपने आधारभूत संसाधन विकसित किया. स्नातकोत्तर भवन का विस्तार हुआ और पहुंच पथ का निर्माण किया गया.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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