अकीदत के साथ मना शब-ए-बारात, गुनाहों से निजात के लिए की गई इबादत
गुनाहों से निजात के लिए की गई इबादत
पूर्णिया. शाबान महीने की 15वीं तारीख गुरुवार को शब-ए-बारात का त्योहार अकीदत के साथ मनाया गया. इस अवसर पर , गुनाहों से निजात के लिए की इबादत की गई. लोगों ने नफली नमाजें पढ़ी और कुरान पाक की तिलावत के साथ वजीफे भी पढ़े. इस मौके पर इलाके की मस्जिदों के अलावा अपने अपने घरों में भी लोगों ने इबादत की. फजिर की नमाज से पहले गुज़रे हुए लोगों की कब्रों पर जाकर उनकी मगफिरत की दुआ मांगी. यह मान्यता रही है कि शब-ए-बारात की रात इबादत करने से गुनाहों से निजात मिलती है और मांगी गई मुरादें पूरी हो जाती हैं. गुरुवार की देर शाम अकीदतमंदों ने मजारों को रोशन कर रात भर जागकर इबादत की और अपने पूर्वजों को याद किया. शब-ए-बारात को लेकर शाम से पहले ही मजारों व दरगाहों का रंग-बिरंगी रोशनी से सजाया गया और इस अवसर पर आतिशबाजी भी की गई. कई जगह बच्चों व युवाओं ने पटाखे छोड़े. मजारों के पास खास तौर पर लाइटिग की व्यवस्था की गई थी ताकि वहां पर पहुंचने वाले लोगों को कोई दिक्कत न हो. इस अवसर पर शहर के लाइनबाजार कब्रिस्तान, मौलवी बाड़ी कब्रिस्तान, मधुबनी कब्रिस्तान, रामबाग कब्रिस्तान, खुश्कीबाग और गुलाबबाग के अलावा जिले के विभिन्न कब्रिस्तानों पर कैंडल जलाए गये. जानकारों की मानें तो चूंकि शब-ए-बारात की रात अल्लाह की रहमत बरसती है इसलिए मुसलमान रात भर जागकर कुरान की तिलावत करते हैं और अल्लाह से गुनाहों से माफी मांगते हैं.
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