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सफेदपोशों के संरक्षण में पूर्णिया के रास्ते चल रहा शराब का अवैध कारोबार,कारोबारी बन रहे धनकुबेर

पूर्णिया ; शराबबंदी के बाद करीब तीन वर्षों से बिहार में शराब तस्करी का रास्ता पूर्णिया का ईस्ट-वेस्ट कोरीडोर बन गया है. राज्य के पूर्वी-उत्तरी क्षेत्रों में अवैध शराब का धंधा इसी रास्ते से फल-फूल रहा है. सीमावर्ती राज्य बंगाल से विदेशी शराब की लगातार बरामदगी से यह स्पष्ट हो गया है कि तस्कर इसी रास्ते का इस्तेमाल कर पूर्णिया समेत राज्य के अन्य जिले में शराब की आपूर्ति कर लाखों का मुनाफा कमा रहे हैं.

पूर्णिया ; शराबबंदी के बाद करीब तीन वर्षों से बिहार में शराब तस्करी का रास्ता पूर्णिया का ईस्ट-वेस्ट कोरीडोर बन गया है. राज्य के पूर्वी-उत्तरी क्षेत्रों में अवैध शराब का धंधा इसी रास्ते से फल-फूल रहा है. सीमावर्ती राज्य बंगाल से विदेशी शराब की लगातार बरामदगी से यह स्पष्ट हो गया है कि तस्कर इसी रास्ते का इस्तेमाल कर पूर्णिया समेत राज्य के अन्य जिले में शराब की आपूर्ति कर लाखों का मुनाफा कमा रहे हैं. आलम यह है कि इस धंधे से जुड़ने के बाद कोई खाकपति-लाखपति बन गये हैं. ईस्ट-वेस्ट कोरीडोर बंगाल से जुड़ा होने के कारण यहां से दो रूट निकलता है. एक गुलाबबाग जीरो माइल से अररिया होते हुए सहरसा, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, मोतिहारी, हाजीपुर, पटना आदि जिलों में शराब की खेप पहुंचायी जा रही है. वहीं जीरो माइल के दूसरे रास्ते मधेपुरा, खगड़िया-बेगूसराय, मोकामा, बाढ़ आदि जिलों में शराब की आपूर्ति की जा रही है.

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कई सफेदपोशों का संरक्षण प्राप्त

सफेदपोश के संरक्षण में चल रहा कारोबार अवैध शराब के धंधे को कई सफेदपोशों का संरक्षण प्राप्त है. शराब की बरामदगी और तस्करों की गिरफ्तारी के सभी मामलों में बड़े कारोबारियों का स्पष्ट पता नहीं चल पाता है. जानकारों का कहना है कि शराब के कई पुराने कारोबारी व राजनेता की अवैध शराब के धंधे में संलिप्तता है. एक ओर कई पुराने कारोबारी शराब के धंधे को संचालित कर रहे हैं, वहीं राजनेता उन्हें संरक्षण दे रहे हैं. वरीय पुलिस अधिकारी के दबिश के कारण ही शराब की बड़ी खेप पकड़ी जाती है. शराब बरामदगी के बाद थाने में दर्ज कांडों के अनुसंधान को बढ़ाया जाय तो ऐसे सफेदपोश लोगों का खुलासा हो सकता है.

अरूणाचल प्रदेश से पूर्वी चंपारण भेजी जा रही 5700 लीटर शराब की गयी थी बरामद

गत वर्ष 15 जून को जिले के डगरूआ पुलिस ने पूर्वी चंपारण जा रही 5700 लीटर विदेशी शराब पकड़ी गयी थी. अवैध शराब का यह बड़ा खेप अरूणाचल प्रदेश के होलंगी-बोटलिंग प्लांट से लेकर चकिया ( पूर्वी चंपारण) ले जाया जा रहा था. इस मामले में तीन अंतर्राज्यीय तस्करों को एक कार के साथ गिरफ्तार किया गया था. तस्करों के पास से भूटान ले जाने से संबंधित फर्जी कागजात भी बरामद हुए थे. पकड़े गये तस्करों ने पुलिस को उन्हें मुक्त करने के लिए 06 लाख रुपये देने का प्रलोभन दिया था.

एक वर्ष में शराब के खेप की बरामदगी

– 15 जून 2019 को डगरूआ पुलिस ने 5700 लीटर शराब बरामद कर तीन तस्कर को किया गिरफ्तार

– 19 जुलाई 2019 को सदर पुलिस ने 685 लीटर विदेशी शराब के साथ एक तस्कर को किया गिरफ्तार

– 20 जुलाई 2019 को बायसी पुलिस ने 1764 लीटर विदेशी शराब बरामद कर दो तस्कर को किया गिरफ्तार

– 21 अगस्त 2019 को भवानीपुर पुलिस ने 984 लीटर विदेशी शराब बरामद कर एक तस्कर को किया गिरफ्तार

– 06 सितंबर 2019 को सहायक खजांची पुलिस ने 1678 लीटर विदेशी शराब जब्त कर 06 तस्करों को किया गिरफ्तार

– 20 सितंबर 2019 को बायसी पुलिस ने 3094 लीटर विदेशी शराब जब्त कर दो तस्कर को किया गिरफ्तार

– 5 अक्टूबर 2019 को बायसी पुलिस ने 1600 लीटर स्प्रीट (कच्चा शराब) जब्त कर चार तस्कर को किया गिरफ्तार

– 28 जनवरी 2020 को बायसी पुलिस ने 3631 लीटर विदेशी शराब जब्त कर ट्रक चालक को किया गिरफ्तार

– 7 फरवरी 2020 को सदर पुलिस ने 3095 लीटर विदेशी शराब जब्त कर ट्रक चालक को किया गिरफ्तार

– 11 जून 2020 को सदर पुलिस ने 800 लीटर स्प्रीट व 1767 लीटर विदेशी शराब दो ट्रक से पकड़ा, दो चालक व एक खलासी गिरफ्तार

Posted by : Thakur Shaktilochan Shandilya

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