Loading election data...

भातृद्वितीया पर बहनों ने मांगी भाइयों के महाबली होने की दुआ

भातृद्वितीया पर

By Prabhat Khabar News Desk | November 3, 2024 5:33 PM

पूर्णिया. रविवार को भाई-बहनों के पवित्र पर्व भैयादूज व भातृद्वितीया की धूम रही. बहनों ने इस पर्व को पारंपरिक विधि-विधान व हर्षोल्लास के साथ मनाया. घरों से बहनों द्वारा भाइयों के आशीर्वाद के लिए गाए जा रहे गीत ‘जीअऽ तू हे मोरे भइया लाख बरिस’ की आवाज गूंजती रही. इस अवसर पर रविवार को बहनों ने भाइयों के लिए गोधन कूटा और उन्हें बजरी खिलाकर वज्र के समान महाबली होने की दुआ मांगी. बहनों ने गोधन कूटने के बाद भाइयों को पहले तो गाली दी फिर रेंगनी का कांटा जीभ में चुभोकर भाइयों को आशीर्वाद भी दिया. मिथिलांचल के लोगों द्वारा इसे भातृद्वितीया के रूप में मनाया गया. बहनों ने भाइयों को तिलक लगाकर आशीर्वाद दिया. इस दिन बहनों के घर ही भाइयों द्वारा भोजन करने की परंपरा है व बहनों को आशीर्वाद स्वरूप वस्त्र आदि दिया जाता है. इसे यमद्वितीया भी कहा जाता है. रविवार को अहले सुबह से ही बहनों ने गोधन कूटना शुरू कर दिया था. गोधन यानी अन्नकूट के बाद बहनों भाइयों को तिलक लगाकर उन्हें नारियल व फल आदि का प्रसाद खिलाया. मिथिलांचल के लोग भातृद्वितीया मनाने सुबह से ही बहनों के घरों पर मिठाई व वस्त्र आदि लेकर पहुंचने लगे. जानकारों के मुताबिक भातृ द्वितीया के दिन बहनों के घर भाई नोत लेने जाते हैं. नोत लेने की प्रक्रिया के बारे में बताया गया कि एक बड़े से कठौते में पानी भरकर उसमें पान के पत्ते, सुपाड़ी, मखाना, बजरी, चांदी का सिक्का रखा जाता है. इसके बाद भाइयों को लकड़ी की पीढ़ी पर बिठा उन्हें तिलक व हाथ में चावल का पीसा हुआ गीला आटा (पिठार) लगाकर कठौते से सामान निकाल कर उनके हाथों पर तीन दफे रखा जाता है. फिर उसी कठौते से बजरी लेकर भाइयों को खिलाया जाता है. फोटो- 3 पूर्णिया 1- भाई दूज का पर्व मनाते भाई बहन. 2- भातृद्वितीया का पर्व मनाती बहनें

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version