snakebite in Bihar : पूर्णिया. बारिश का मौसम होने के साथ ही सर्पदंश की घटनाएं बढ़ गयी हैं. जिले में अबतक 994 सर्पदंश से पीड़ित लोगों का इलाज किया गया. डीएम कुंदन कुमार ने अस्पतालों में एंटी स्नेक वेनम (एएसवी) की उपलब्धता सुनिश्चित करने का निर्देश दे रखा है. साथ ही जिला पदाधिकारी ने सभी संबंधित पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि सर्पदंश की स्थिति में लोगो को स्वास्थ्य केंद्रों अविलंब पहुंचने के लिए जागरूक करने का निर्देश दिया. जिला पदाधिकारी ने सिविल सर्जन पूर्णिया को निर्देश दिया कि सभी फ्रंट लाइन स्वास्थ्य कर्मियों के माध्यम से आम लोगो में जागरूकता अभियान चलायें.
सर्पदंश से मौत मामले में बिहार तीसरे नंबर पर
बिहार भारत में प्रति वर्ष सर्पदंश से होने वाली मौतों की तीसरी सबसे बड़ी संख्या वाला राज्य है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार पिछले साल यहां करीब 608 लोगों की मौत सर्पदंश से हुई है. पूर्णिया के सिविल सर्जन ने बताया कि पूर्णिया जिले में जीएमसीएच में सर्पदंश के 728, पूर्णिया पूर्व में 01, अमौर में 22, वैसा में 16, बायसी 16, बी कोठी में 24, धमदाहा में 26, कसबा में 2, के नगर में 05, रूपौली प्रखंड के स्वास्थ्य केंद्रों में 72 कुल 994 सर्पदंश से पीड़ित व्यक्तियों का इलाज किया गया है.
झाड़ फूंक के चक्कर में न पड़ने की अपील
जिलाधिकारी ने लोगों से अपील की है कि सर्पदंश की स्थिति में झाड़ फूंक के चक्करों में नही पड़ें. तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्रों पर पहुंचे. उन्होंने कहा कि आम लोग झाड़ फूंक के चक्कर में पड़कर स्वास्थ्य केंद्रों पर देर से आते हैं. इससे सर्पदंश से पीड़ित व्यक्ति का इलाज कठिन हो जाता है. उन्होने कहा कि बरसात के मौसम में आसपास पानी भर जाने के कारण भी सांप आबादी की तरफ आ जाते हैं और सर्पदंश की घटनाएं बढ़ जाती है. इसके लिए सभी को जागरूक रहना होगा.
दो तरह के सांप ज्यादा विषैले
चिकित्सक बताते हैं कि सीमांचल पूर्णिया जैसे क्षेत्र में ऐसे कई तरह के सांप पाए जाते हैं. इन सापों में सभी सांप विषैले नहीं होते हैं. इसलिए ज्यादा परेशान होने की जरूरत नहीं है. सांप काटने में चिकित्सक देखेंगे और विष लगनेकी स्थिति को भांपकर दवा की उपयोगिया समझेंगे. इसलिए सिर्फ सावधानी से काम लें. इन क्षेत्रों में कोबरा और करैत दो तरह के सांप ज्यादा विषैले होते हैं.
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सांप डंसनेकी स्थिति में बरतें एहतियात
सांप के डंसने की स्थिति में ज्यादा घबराने की जरूरत नहीं है. पूरी सावधानी और धैर्य से काम करें. अपने को पूरी तरह से स्थिर रखें. घाव वाले स्थान को किसी तरह के ब्लेड या फिर चाकू सेन काटें, लोहे को गर्म कर काटे हुए स्थान पर न सेकें. इस से विष फैलने का खतरा बढ़ जाता है. फौरन किसी सरकारी चिकित्सा संस्थान में जाएं. यहां सर्पदंश की दवा उपलब्ध रहती है. इसलिए चिकित्सा संस्थान में सिर्फ सरकारी संस्थान में जाएं.