पूर्णिया. बिहार पंचायत नगर प्रारंभिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष राजीव रंजन भारती ने संशोधित बिहार विद्यालय विशिष्ट शिक्षक नियमावली को शिक्षकों के साथ बड़ा छलावा करार दिया है. उन्होंने इस नियमावली को शिक्षकों के भविष्य के लिए दंडात्मक दस्तावेज बताया. जिलाध्यक्ष ने कहा कि इसमें शिक्षकों के हितों की घोर अनदेखी की गयी है. उन्होंने कहा कि 12 पृष्ठों की इस नियमावली में 10 पृष्ठों में दंड के प्रावधान शामिल हैं. जबकि सेवा निरंतरता, प्रोन्नति, और अवकाश संबंधी अधिकार जैसी मूलभूत सुविधाओं का कोई प्रावधान नहीं किया गया है. उन्होंने इसे शिक्षकों के अधिकारों का हनन बताया. इस नियमावली के तहत विशिष्ट शिक्षक बनने पर शिक्षकों की वर्षों की सेवा समाप्त मानी जाएगी और इसे नयी नियुक्ति के रूप में देखा जाएगा. जिलाध्यक्ष श्री भारती ने कहा कि यह नियमावली शिक्षकों के प्रोन्नति के रास्ते पूरी तरह बंद कर देती है. उन्होंने इसे शिक्षकों का भविष्य को अंधकारमय बनाने वाला कदम बताया. श्री भारती ने शिक्षकों से अपील की है कि वे इस नियमावली का गंभीरता से अध्ययन करें और विशिष्ट शिक्षक बनने के निर्णय से पहले इसके संभावित प्रभावों को समझें. उन्होंने स्पष्ट कहा कि जब तक सरकार सेवा निरंतरता और प्रोन्नति का प्रावधान नहीं करती, तब तक सक्षमता परीक्षा देकर विशिष्ट शिक्षक बनना आत्मघाती कदम होगा. जिलाध्यक्ष ने राज्य सरकार से इस नियमावली पर पुनर्विचार करने और इसमें शिक्षकों के हितों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की है. उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर सरकार ने शिक्षकों के अधिकारों की अनदेखी की तो संघ आंदोलन का रुख अपनाने को बाध्य होगा फोटो. 25 पूर्णिया13- राजीव रंजन भारती
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