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करोड़ों की फल संपदा जलने के बाद नये सिरे से जिंदगी संवारने की हो रही जद्दोजहद

बाजार पर दिखने लगा फल मंडी की घटना का असर, कहीं कम स्टॉक, तो कहीं दाम ज्यादा

पूर्णिया. शहर के खुश्कीबाग फल मंडी में बीते रविवार की रात हुई अगलगी की घटना में करोड़ों की फल संपदा जलने के बाद फल कारोबारियों ने नये सिरे से जिंदगी संवारने की जद्दोजहद शुरू कर दी है. कोई राग की ढेर में तब्दील मलवा हटाने तो कोई बांस और इसकी बत्तियों के सहारे अपनी दुकान खड़ा करने की मशक्कत कर रहा है. मंगलवार से तमाम दुकानदार अपना आशियाना बनाने में जुट गये. कड़ी धूप के बावजूद वे दोपहर में भी अपने कारोबार को पटरी पर लाने के लिए दुकानों की मरम्मत करते नजर आए ताकि उनकी जिंदगी फिर संवर सके. समझा जाता है कि आने वाले एक सप्ताह के अंदर अग्नि की भेंट चढ़ा फलों का कारोबार पटरी पर आ जायेगा. खुश्कीबाग फल मंडी में जहां खरीदारों की भीड़ रहती थी और फल की सर पर पेटियां लाते मजदूरों की आवाजाही होती थी वहां वहां मंगलवार को मजदूर बांस ढोते नजर आए. पसीने से तरबतर चेहरा लिए फल के दुकानदार अपनी-अपनी जगह पर तत्काल बांस के ही सहारे दुकान खड़ा करने की जुगत में थे. दरअसल, अगलगी की घटना के एक दिन बाद मंगलवार को पीड़ित दुकानदार फिर से अपने व्यापार को शुरू करने की तैयारी में जुट गए हैं. इस दौरान मजदूर द्वारा बांस व पिलर के सहारे दुकानों की मरम्मत कार्य करने में जुटे हुए हैं. मंगलवार को अस्सी से अधिक दुकानें बनाये जाने की कोशिश की जा रही है. दुकानदारों को मलाल है कि 21 दमकलों द्वारा आग बुझाए जाने के बाद भी उनका कोई सामान नहीं बचाया जा सका. दुकानदारों की मानें तो सबसे ज्यादा नुकसान ड्राइ फ्रुट्स का हुआ जिसकी कीमत करोड़ों में है. वैसे, सेब,नारंगी, अंगूर, अमरूद, तरबूजा, आम समेत सब कुछ राख हो गये. दुकानदारों की बड़ी परेशानी यह है कि वह बही खाता भी राख हो गया जिसमें उधार ले जाने वालों का बकाया लिखा था. मलवा हटाने में लगा निगम का जेसीबी नगर निगम द्वारा फलमंडी में आगजनी के बाद सोमवार से ही मलवे को हटाया जा रहा है. इसमें दो रोबोट, दो जेसीबी और चार ट्रैक्टर सहित एक दर्जन से अधिक सफाई कर्मी फलमंडी से जले हुए मलवे को हटाने में जुटे हुए हैं. दुकानदारों का कहना है कि निगम की ओर से मलवा हटाने का काम सुस्त गति से चल रहा है और यही वजह है कि उन्हें खुद से इसके लिए मशक्कत करनी पड़ रही है. इधर, निगमकर्मियों का कहना है कि उन्हें कल से ही इस काम में लगाया गया है और वे अपने तई पूरी तत्परता और मुस्तैदी के साथ अपना काम कर रहे हैं. नहीं मिल रहा नुकसान का पूरा मुआवजा पीड़ित दुकानदारों में अफसर खान, हजरत अली, राजा साह, इखलख अली, सत्येंद्र कुमार साह, सुनील गुप्ता, सुनील साह, रंजीत साह, पवन कुमार, विजय कुमार, कुंदन कुमार, अमीर जमाल, कोवेद आलम, मो अशफाक, हैदर अली, पप्पू कुमार साह आदि का कहना है कि फलमंडी में भीषण आगजनी में उनका काफी नुकसान हुआ है लेकिन कहीं कोई मुआवजा नहीं मिल सका है. इससे वे लोग खुद ही अपनी-अपनी दुकानों की मरम्मत करा रहे हैं. दुकानदार हजरत अली ने बताया कि उनकी सेब, नारंगी, आम, अंगूर की होलसेल दुकान थी जो आग लगने के बाद जल गयी. दुकान में रखा करीब 25 लाख का फल जल कर बर्बाद हो गया. इसके अलावा बही-खाते और कुछ रुपये भी जल कर राख हो गया. हजरत ने बताया कि करीब आधा दर्जन मजदूर के द्वारा दुकान की मरम्मत कार्य कराने में जुटे हुए हैं.

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