एकबार फिर कैंची की तेज धार के आगे चूक गया तीर
रूपौली उपचुनाव
रूपौली उपचुनाव-2
पूर्णिया. एकबार फिर कैंची की तेज धार के आगे तीर का निशाना चूक गया. रूपौली विधानसभा के लिए हुए उपचुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी शंकर सिंह विजयी घोषित किये गये. कैंची शंकर सिंह का चुनाव चिह्न था. लोकसभा चुनाव के बाद बिहार की एकमात्र रूपौली विधानसभा सीट पर उपचुनाव हो रहा था. इस वजह से यह सीट सत्ता और विपक्ष के लिए हॉट सीट बन गयी थी. एनडीए और इंडिया गठबंधन ने चुनावी प्रचार में पूरी ताकत झोंक दी थी. जदयू प्रत्याशी कलाधर मंडल के पक्ष में जहां मुख्यमंत्री नीतशी कुमार की सभा हुई वहीं प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने राजद प्रत्याशी बीमा भारती की जीत के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी. इन दो महारथियों के बीच फंसे निर्दलीय प्रत्याशी शंकर सिंह अकेले सीधे जनता की अदालत में गये. जनता ने भी उनकी बातें न केवल गौर से सुनीं बल्कि वोट के जरिये अपना फैसला भी सुनाया. वोटों का तासीर यह बताता है कि शंकर को समाज के हर तबके का साथ मिला. मुस्लिम का समर्थन मिला वहीं पिछड़ा और अति पिछड़ा समाज ने भी बीमा की जगह शंकर पर विश्वास जताया. याद रहे करीब ढाई माह पूर्व संपन्न हुए पूर्णिया लोकसभा चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी पप्पू यादव जदयू प्रत्याशी संतोष कुशवाहा को पराजित कर सांसद बने. सांसद पप्पू यादव का भी चुनाव चिह्न कैंची ही था. फोटो- 13 पूर्णिया 2- रूपौली विधानसभा से नवनिर्वाचित विधायक शंकर सिंह को प्रमाण पत्र सौंपते जिला निर्वाची पदाधिकारी,………………….शंकर सिंह के जीत के कारण
हर हमेशा जनता के बीच रहनासवर्ण के साथ-साथ अति पिछड़ों पर पकड़कलाधर मंडल के हार कारण
जनता के बीच अपनी पहचान बनाने में नाकामयाब रहेअपनी जातियों में भी पकड़ नहीं बना सकेबीमा भारती के हार का कारण
जीत के लिए चुनाव प्रबंधन का घोर अभाव विधानसभा में राजद का कमजोर संगठनडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है