मंदिरों के पट खुलेंगे आज, होगी देवी कालरात्रि की पूजा
होगी देवी कालरात्रि की पूजा
शारदीय नवरात्र :
हर जगह सज गया देवी दुर्गा का दरबार, परवान चढ़ा पूजा का उत्सव
वैदिक मंत्रोच्चार के साथ हुई देवी दुर्गा के छठे स्वरुप देवी कात्यायनी की पूजा
उमंग और उत्साह के साथ पूर्णिया में की गई है संस्कृति के सृजन पर्व की तैयारी
पूर्णिया. शारदीय नवरात्र में मंगलवार से पूजा का उत्सव परवान चढ़ने लगा है. मंगलवार को देवी दुर्गा के छठे स्वरुप देवी कात्यायनी की पूजा श्रद्धा के साथ की गई. मध्यरात्रि में मंदिरों के पट खुलते ही सुबह तक हर जगह मां दुर्गा का दरबार सज जाएगा. बुधवार को महासप्तमी के अवसर पर कालरात्रि की पूजा की जाएगी. रात्रि में महानिशा पूजा का आयोजन होगा. नवरात्र की सप्तमी तिथि में भगवती के इस स्वरूप का ही दर्शन पूजन व साधना-आराधना की जाती है. यह मान्यता है कि देवी का वर्ण घनघोर अंधकार के समान कृष्ण है. इनका स्वरूप भले ही भयंकर लगे लेकिन ये सदैव शुभ फल प्रदान करती हैं. इसीलिए इनका एक नाम शुभंकरी भी है. काल का विनाश करने की शक्ति के कारण इन्हें कालरात्रि कहा गया है.इधर, मंदिरों व पूजन पंडालों में मंगलवार को मंत्रोच्चार के साथ पराशक्ति की प्रतीक देवी दुर्गा की विधिवत पूजा की गयी. देवी के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ आज से बढ़ने लगी है. पूजन पंडालों में ‘जय-जय भैरवी असुर भयावन… और या देवी सर्वभूतेषु..’ का पाठ साथ-साथ चल रहा है. भक्ति की धुन में हर कोई पूजनोत्सव की तैयारी में जुट गया है. मंदिरों और पूजन पंडाल की सज्जा को भी आज अंतिम रुप दिया जा रहा है. शारदीय नवरात्र के छठे दिन शहर के मंदिरों और पूजन पंडालों में बड़ी संख्या में श्रद्धालु इकट्ठे हुए और पूजा में भागीदारी निभायी. पूर्णिया सिटी स्थित पूर्णेश्वरी काली मंदिर व पुरणदेवी मंदिर में भी श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा. निजी तौर पर भी लोगों द्वारा घरों में कलश की प्रतिष्ठापना के साथ पूजा की गयी तथा भय का नाश करनेके साथ धन, यश, विद्या व मोक्ष के लिए प्रार्थना की गयी.
पूर्णिया में संस्कृति के सृजन पर्व की तैयारी उमंग और उत्साह के साथ होती रही है. इस बार भी यहां पूजनोत्सव की जोरदार तैयारी है. यही वजह है कि दुर्गा पूजा के अवसर पर पूरे पूर्णिया में सांस्कृतिक कार्यक्रमों को होड़ मच जाती है. इस बार भी कहीं नाटक और लोकगीतों का कार्यक्रम कराया जा रहा है तो कहीं जगराता की तैयारी है. इस बीच अलग-अलग डांडिया के कार्यक्रम भी आयोजित किए गये. शहर के रजनी चौक, मधुबनी और दुर्गाबाड़ी में खासी तैयारी की गई है. गुलाबबाग स्थित शहर के एक छोर से मधुबनी व मरंगा के दूसरे छोर तक दुर्गा पूजा का उत्सव आज से पराकाष्ठा पर आने लगा है. चहुंओर आस्था की बयार बह रही है. सज-धज कर तैयार पूजन पंडालों के समीप मेला भी सज गया है जहां अभी से भीड़ दिखने लगी है.शहर के पूजन स्थल
दुर्गाबाड़ी, मधुबनी, न्यू सिपाही टोला (आयकर चौक),रजनी चौक, लायंस क्लब ,डाकघर, जेल चौक, स्टेट बैंक कालोनी, पूर्णिया कोर्ट स्टेशन ,कोरट बाड़ी, बाड़ीहाट, खजांची हाट, गोकुल सिंह ठाकुरबाड़ी, पुलिस ठाकुरबाड़ी, माधोपाड़ा, डोनर चौक, कप्तानपाड़ा, खुश्कीबाग हाट, चौहान टोला, स्टेशन कालोनी, गुलाबबाग सुनौली चौक, पुराना सिनेमा रोड, स्वर्णजयंती चौक, सिटी पुरणदेवी मंदिर, सराय मंदिर,लहेरी पट्टी, राजापीसीलाल, श्रीधाम मंदिर——————————-फोटो. 8 पूर्णिया 2- दुर्गा मंदिर में संध्या आरती के दौरान जुटी महिलाएं
3- आरती लेती महिलाएंडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है