उम्मीदों के चिराग से रोशन होगा नये साल का सबेरा, खींची जायेगी विकास की नई लकीरें

खींची जायेगी विकास की नई लकीरें

By Prabhat Khabar News Desk | December 27, 2024 6:49 PM

कृषि आधारित उद्योगों की होगी स्थापना, दुरुस्त होगी ट्रैफिक व ट्रांसपोर्टेशन की व्यवस्था

आशावादिता की कामना के साथ पूर्णिया नये साल के इस्तकबाल के लिए तैयार

————अदम्य जिजीविषा और आशावादिता की कामना के साथ पूर्णिया नये साल के इस्तकबाल के लिए तैयार और तत्पर हैं. सबको भरोसा है कि नई उम्मीदों के चिराग से नये साल का सबेरा होगा और विकास की नई लकीर खींची जायेगी. वैसे, यह एक बड़ी खासियत है कि 254 वर्ष पुराने पूर्णिया को न तो धैर्य खोने की आदत है और न ही इसे निराशा और हताशा के अंधकार में भटकना पसंद है. चूंकि बीते साल के तोहफों ने पूर्णिया का भरोसा बढ़ाया है इसलिए उम्मीदों का चिराग अभी बुझा नहीं है. इस लिहाज से आइए, हम सब यह उम्मीद संजोएं कि नये साल में पूर्णिया की सूरत संवरेगी. यह शहर और ज्यादा सुंदर होगा. बाहर से आने वाले इस शहर को देख कर थोडे हैरत में पड़ेंगे तो खुश भी होंगे. वर्ष 2025 में जिले को कई ऐसी चीजें होंगी जो जिले की पहचान बनेंगी. राजनीतिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक क्षेत्रों का स्वरूप बदलेगा. नये साल में नई उम्मीदें होंगी और और होगा विकास का होगा नया विकल्प …. !!!———————————————

नये साल में पूर्णिया से भरेंगे हवाई उड़ान

पूर्णिया. यह सुखद अहसास है कि 2024 में एयरपोर्ट को लेकर पिछले कई सालों से जारी संघर्ष को मुकाम मिल गया और यह भरोसा बढ़ गया कि नये साल में पूर्णियावासी अपने शहर से हवाई उड़ान भर सकेंगे. पोर्टा केबिन के आधार पर जिस तरह एयरपोर्ट निर्माण का काम चलरहा है उससे यह उम्मीद बढ़ी है कि नये साल में जून तक हवाई सेवा शुरू हो जाएगी. केंद्र एवं राज्य सरकार की पहल के बाद एयरपोर्ट ऑथॉरिटी ऑफ़ इंडिया पूरी गंभीरता के साथ इसकी मॉनिटरिंग कर रहा है. एएआई ने पूर्णिया हवाईअड्डे पर अंतरिम टर्मिनल बिल्डिंग के निर्माण के लिए चार माह का वक्त दिया है. इस महीने तक टेंडर से संबंधित सभी प्रक्रिया पूर्ण कर लेने का लक्ष्य है. पूर्णिया एयरपोर्ट को अत्याधुनिक एयरपोर्ट बनाने की सभी आवश्यकताएं पूरी की जा रही हैं. पूर्णियावासी अभी से हवाई मार्ग से दिल्ली, मुंबई और अन्य महानगरों के सफर का कार्यक्रम बनाने लगे हैं. कई लोगों को यह भरोसा हो चला है कि दिल्ली में पढ़ने वाला उनका बेटे फोन करते ही डेढ़ से दो घंटे में पूर्णिया पहुंच जाएगा. मेडिकल महकमे में भी विशेष परिस्थिति में विशेषज्ञ डाक्टरों को बुलाने की उम्मीद बढ़ गई है. इससे इतर पूर्णिया के चहुंमुखी विकास की आस भी बढ़ी है.

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मखाना यूनिट से होगा किसानों का आर्थिक विकास

पूर्णिया. अपने जिले में मखाना प्रसंस्करण यूनिट की नींव रखी जा रही है. समझा जाता है कि नये साल में यह यूनिट अस्तित्व में आ जायेगी. इससे एक तरफ जहां मखाना उद्योग को बढ़ावा मिलेगा वहीं दूसरी ओर रोजगार के नये अवसर भी मिलेंगे. हालांकि मखाना के अलावा मक्का एवं कई अन्य कृषि उत्पाद भी कैश क्रॉप हैं और मखाना को लेकर किए जा रहे प्रशासनिक प्रयास से अन्य कृषि उत्पादों की यूनिट खोले जाने कीआस बंधी है. गौरतलब है कि स्टार्ट-अप योजना के तहत यहां भारत की सबसे बड़ा मखाना प्रसंस्करण की इकाई फार्मले की स्थापना की जा रही है. इसी महीने इस पर काम भी शुरू किया जा रहा है. इससे किसानों की यह उम्मीद बढ़ी है कि इससे कृषि उत्पादों को बढ़ावा मिलेगा. दरअसल, हालिया सालों में विदेशों में बढ़ी मक्का की मांग ने इसकी खेती का क्रेज बढ़ाया है. आलम यह है कि पहले जिन निचले खेतों में धान की खेती होती थी उसमें मखाना लगाया जा रहा है.————————

हाईकोर्ट बेंच की मांग को मिलेगा मुकाम

पूर्णिया. पूर्णियावासियों को इस बात का भरोसा हो चला है कि नये साल में यहां हाई कोर्ट के बेंच को स्थापित किए जाने की मांग को मुकाम मिल जाएगा. पूर्णिया में हाईकोर्ट के बेंच की मांग भी वर्षों से होती रही है. इधर, पूर्णिया में उच्च न्यायालय की खंडपीठ की स्थापना के संबंध में सांसद पप्पू यादव की मांग पर एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है. विधि विभाग के संयुक्त सचिव-सह-अपर विधि अनुस्मारक-सह-प्रथम अपीलीय प्राधिकार उमेश कुमार शर्मा ने निबंधक (प्रशासन), उच्च न्यायालय, पटना को पत्र लिखकर इस विषय पर यथोचित कार्रवाई का अनुरोध किया है. दरअसल, गरीब और मध्यमवर्गीय लोगों के लिए पटना जाने के लिए काफी पैसे खर्च करने पड़ते हैं और समय भी बर्बाद होता है. जानकारों की मानें तो पूर्णिया के ढेर सारे मामले अभी भी लंबित हैं. गरीब तबके के लोग पैसे के अभाव के कारण पटना नहीं पहुंच पाते जिससे वे मुकदमा हार जाते हैं. अब तक में पहली दफे हुई सकारात्मक पहल से लोगों कीउम्मीदें बढ़ी हैं.———————–

रेल विकास के क्षेत्र में नये सौगात की है आस

पूर्णिया. रेल क्षेत्र में पूर्णियावासियों को नये साल में नये सौगात की उम्मीद है. दरअसल, वर्ष 2024 के दौरान रेल विकास की रफ्तार बहुत धीमी रही है. यह बड़ी विडंबना रही है कि दो साल पहले इंटरसिटी और आम्रपाली समेत कटिहार से खुलने वाली सभी ट्रेनों के पूर्णिया होते हुए परिचालन का प्रस्ताव अभी तक अधर में है. लंबी दूरी का सहज रेल सफर आज भी सपना बना हुआ है. वर्षों से लंबित जलालगढ़-किशनगंज रेल परियोजना अस्तित्व में आएगी जबकि किशनगंज से पूर्णिया का सीधा रेल सम्पर्क संभव होगा. पूर्णिया के रुपौली से धमदाहा के साथ ग्रामीण इलाकों को छूते हुए किशनगंज से पड़ोसी राज्य बंगाल तक ट्रेन की सुविधा नये साल में सुलभ होगी. पूर्णिया कोर्ट और जोगबनी में वाशिंग पिट के निर्माण के साथ पूर्णिया को लंबी दीरी के लिए कई नई ट्रेनों के सौगात मिलने की भी उम्मीद है.——————–

साकार होगी खादी पार्क की परिकल्पना

पूर्णिया. नये साल में खादी मॉल व पार्क खुलने की आस है. इससे पूर्णिया समेत पूरे सीमांचल के अन्य जिलों में हाथों के हुनर को नया बाजार मिलेगा. मॉल खुलने से न केवल खादी के विभिन्न उत्पादों को बढ़ावा मिलेगा बल्कि रेशमी एवं अन्य स्थानीय उत्पादों की भी लाभ मिलेगा. मॉल का निर्माण नये वर्ष में पूरा होने के आसार हैं. हालांकि 14 करोड़ की लागत से निर्माण का काम काफी हद तक हो गया है पर नये साल में इसके पूरा होने की उम्मीद है. इसके निर्माण से खादी के विभिन्न उत्पाद के साथ-साथ जिले में उत्पादित अन्य सामग्री की बिक्री एवं प्रदर्शनी भी लगायी जाएगी. खादी मॉल के निर्माण का प्रस्ताव जिला उद्योग केन्द्र द्वारा राज्य सरकार को भेजा गया था.————————————

नये साल में पूर्णिया की उम्मीदें

संवरेगी शहर की सूरत पूरी होगी सबकी जरूरतचलेगी पटना के लिए इंटरसिटी व लंबी दूरी की ट्रेनकटिहार-जोगबनी रेलखंड पर बढ़ेगी यात्री सुविधाएंजानकी एक्सप्रेस की टाइमिंग में शीघ्र होगा सुधारअस्तित्व में आयेगा गुलाबबाग मेला ग्राउंड का चिल्ड्रेन पार्कपूर्णिया में होगी हाईकोर्ट बेंच की स्थापनापूर्णिया में खुलेगी एम्स की शाखाकृषि आधारित उद्योगों की होगी स्थापनासोशल इंफ्रास्ट्रक्चर का होगा विकासशहर के ड्रेनेज सिस्टम में होगा सुधारसीवरेज सिस्टम और सफाई की होगी मुकम्मल व्यवस्थाजलापूर्ति योजना का शीघ्र होगा कार्यान्वयन—————–

आंकड़ों के आईने में पूर्णिया

1770 में मिला जिला का दर्जा3264619 है जनगणना के मुताबिक कुल आबादी84.49 फीसदी लोग गांवों में रह रहे10.51 फीसदी लोग रहते शहर में1000 पुरुष पर 921महिलाएं हैं जिले में3229 वर्ग किलोमीटर है क्षेत्रफल04 अनुमंडल हैं जिले में14 प्रखंड हैं पूरे जिले में246 पंचायतों में बसी है ग्रामीण आबादी1246 राजस्व गांव हैं जिले में—————-

चौहद्दी

उत्तर में अररिया व किशनगंजदक्षीण में कटिहार व भागलपुरपूरब में पश्चिम बंगालपश्चिम में मधेपुरा व सहरसा

फोटो-27 पूर्णिया 1- शहर का सांकेतिक तस्वीर

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