शिक्षक दिवस पर विशेष प्रेरक
शिष्य की जरूरतों को पूरा कर शिक्षिका ने कायम की मिसाल
पूर्णिया. गुरु और शिष्य का संबंध इतना गहरा होता है जहां सारे रिश्ते नाते फीके पड़ जाते हैं. शिष्य का समर्पण और गुरू के अन्दर दान का भाव, ज्ञान को ऊंचाइयों की ओर ले जाता है. गुरु द्वारा शिक्षा दान को सबसे महान बताया गया है इसी कड़ी में शिक्षा दान के साथ साथ शिष्य की अन्य जरूरतों को पूरा कर शिक्षिका पूजा बोस ने एक मिसाल कायम की है. उन्होंने अपने पैसे से अपने विद्यालय में पढनेवाले कुछ बच्चों के बीच स्कूल यूनिफार्म का वितरण कर समाज के लोगों को एक नयी सीख दी है. प्राथमिक विद्यालय जनकबाग कुल्लाखास कसबा की शिक्षिका पूजा बोस ने बताया कि विगत कुछ दिनों से मैं विद्यालय में कुछ बच्चों को नोटिस कर रही थी, कि चेतना सत्र में बच्चों को यूनिफॉर्म के बारे में बोलने पर भी, कुछ बच्चे विद्यालय यूनिफार्म पहन के नहीं आ रहे थे. फिर सोचा कि आखिर रोज-रोज बोलने पर भी कुछ बच्चों पर असर क्यों नहीं पड़ रहा. उसके बाद मैंने उन बच्चों के दोस्तों से पूछा कि आखिरकार यह ड्रेस पहन कर क्यों नहीं आते हैं. फिर उनके माता पिता को कहलवाया कि स्कूल में यूनिफार्म पहनाकर ही बच्चों को स्कूल भेजें. फिर भी जब बच्चा विद्यालय यूनिफॉर्म पहनकर नहीं आया, तब स्वयं अपने पोषक क्षेत्र में उन सभी बच्चों के घर गई जो पोशाक मे नहीं आते थे, उनके घर जाकर देखा कि उनकी आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं है, कि वह अपने बच्चों को पोशाक दिला सके. तब मैंने सोचा क्यों ना, मैं ही इन बच्चों को पोशाक दे देती हूं, मैं बाजार गई पोशाक खरीदी और उन चारों बच्चों के घर गई उन्हें पोशाक देकर मुझे बहुत ही अच्छा लगा.
फोटो – परिचय- 4 पूर्णिया 20- बच्चे खुश, मैं भी खुश ! बच्चों को स्कूल यूनिफार्म देती शिक्षिका पूजा बोसडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है