डीएम के नयी पहल से अभिभावकों में बच्चों के भविष्य को लेकर जगी है उम्मीद

डीएम के नयी पहल से अभिभावकों में

By Prabhat Khabar News Desk | August 3, 2024 6:22 PM

मेडिकल व इंजीनियरिंग की तैयारी के लिए 231 बच्चों ने दिये टेस्ट

पूर्णिया. जिला प्रशासन द्वारा उन्नयन क्लासेस की सफलता को देखते हुए जिले के इच्छुक बच्चों को अपने घर पर ही रहते हुए आइआइटी-जेईई एवं नीट की तैयारी की सुविधा उपलब्ध कराने की दिशा में एक और बड़ी पहल की गयी है. इस पहल की शुरुआत करते हुए शनिवार को स्थानीय जिला स्कूल में इसके लिए रजिस्ट्रेशन कराने वाले लगभग 400 बच्चों के लिए प्रवेश परीक्षा का आयोजन किया गया. शनिवार सुबह से ही हो रही बारिश के बावजूद उक्त परीक्षा में 231 बच्चों ने भाग लिया. इसमें आइआइटी-जी की तुलना में नीट की तैयारी के लिए सर्वाधिक बच्चों ने आवेदन किये थे. इस परीक्षा में पूर्णिया के आलावा भागलपुर, कटिहार और अररिया जिले से आये बच्चे उपस्थित हुए. इनमें मुख्य रूप से सरकारी एवं गैर सरकारी विद्यालयों में पढनेवाले ग्यारहवीं तथा बारहवीं कक्षाओं के बच्चे शामिल रहे. गौरतलब है कि पूर्णिया के डीएम कुंदन कुमार की पहल पर आइआइटी/नीट के छात्रों के लिए क्वालिटी एजुकेशन की व्यवस्था की गयी है. इसमें सलेक्ट होने के बाद छात्रों की ऑन लाइन क्लास के जरिये तैयारी करवाई जायेगी.

आइआइटी-जेईई एवं नीट प्रवेश परीक्षा की तर्ज पर ली गयी परीक्षा

जिला स्कूल में इंजीनियरिंग एवं मेडिकल की तैयारी के लिए परीक्षा देने आये प्रतिभागियों के चयन की प्रक्रिया बिलकुल आइआइटी-जेईई एवं नीट इंट्रेंस एक्जाम की तरह की गयी. प्रवेश द्वार से लेकर सिटिंग की व्यवस्था, प्रश्नपत्र, आंसरशीट, समय सभी का ख़ास ध्यान रखा गया. दोनों ही प्रतियोगी परीक्षाओं में सही जवाब के लिए 4 अंक तथा गलत आंसर के लिए निगेटिव एक मार्क तय किये गये थे. दोनों परीक्षाओं के लिए स्टूडेंट्स को दो दो घंटे दिए गये. इंजीनियरिंग के लिए 90 प्रश्न तथा मेडिकल के लिए 120 मल्टिपल चॉइस वाले प्रश्न शामिल किये गये थे. वहीं जवाब देने के लिए ओएमआर शीट दिए गये थे. दिन के ठीक एक बजे परीक्षा शुरू हुई और ठीक तीन बजे ओएमआर शीट ले लिए गये.

अभिभावकों ने कहा- अब आड़े नहीं आयेगी आर्थिक परेशानी

जिले में इस नयी व्यवस्था को लेकर अभिभावकों में उम्मीद की किरण जाग उठी है. उन्हें भी अब लगने लगा है कि बच्चे के लिए आर्थिक और अन्य परेशानी उनके प्रयासों के आड़े नहीं आएगी. यह भी एक बड़ी वजह थी कि सूदूर ग्रामीण इलाकों से कई अभिभावक अपने बच्चों के साथ परीक्षा सेंटर पर पहुंचे थे इनके अलावा कुछ शिक्षक शिक्षिकाएं भी अपने अपने विद्यालयों से बच्चे बच्चियों को साथ लेकर उन्हें परीक्षा दिलाने समय से पूर्व ही उपस्थित थे. चम्पानगर से अपनी छोटी बहन को परीक्षा दिलाने आई मधुरानी ने बताया कि मेरी बहन बारहवीं की छात्रा है और उसे डॉक्टर बनने बहुत इच्छा है लेकिन पारिवारिक हालात ऐसे नहीं हैं कि उसे इसकी तैयारी के लिए बाहर भेजा जा सके. अगर इस परीक्षा में उसे सफलता मिल जाती है तो शायद उसका सपना यहां रहकर ही पूरा हो जाए. स्थानीय अभिभावक सुमन कुमार ने कहा कि हर किसी का सपना होता है कि उसके बच्चे आगे बढ़ें कुछ बेहतर करें. लेकिन मंहगी होती जा रही शिक्षा में बढ़ते खर्च की व्यवस्था सभी से संभव ही नहीं. यह एक अच्छा मौक़ा है जब अपने घर में ही रहकर देश के प्रसिद्ध संस्थानों की तरह बच्चे पढ़ाई कर पायेंगे और सफलता के परचम लहरायेंगे.

बोले लोग

मेरी बेटी ने बेहद अच्छे अंकों से मैट्रिक परीक्षा पास की है उसकी इच्छा मेडिकल में जाने की है. तैयारी के लिए बाहर भेजना आसान नहीं लगता है. खर्च के अलावा बच्ची को बाहर रखना, खानपान, बड़े कोचिंग में बड़ी फीस बहुत सारी बाते हैं. लेकिन यहीं नज़रों के सामने अपने घर पर रहते हुए तैयारी का अवसर मिले तो बेहतरीन प्रयास है यह.

अखिलेश कुमार सिंह, कुआंरी, धमदाहा.

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मेरे विद्यालय से 10 बच्चों ने इस परिक्षा के लिए रजिस्ट्रेशन कराया था. सुबह से हो रही बारिश के बावजूद 8 बच्चों को साथ लेकर परीक्षा दिलाने आई हूं. अभिभावकों ने पूर्ण भरोसे के साथ बच्चों को यहां भेजा है. उन्नयन क्लास के संचालन से विद्यालयों में बच्चों की संख्या में भी अच्छी बढ़ोतरी हुई है.

कुमारी सुनीता, नोडल शिक्षिका, भौवाकांप रुपौली.

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यह जेईई और इंट्रेंस एक्जाम की विशेष तरह से उनकी तैयारी के लिये आज परीक्षा ली जा रही है. इसके बाद निर्णायक टीम फैसला करेगी कि सुपर 30 या 50 कितने बच्चों को एक साथ ग्रुप बनाया जाय. जिस ग्रुप को पूरे साल भर तैयारी में मदद करेगी. ताकि पूरे देश में इन परीक्षाओं के लिए जो परिणाम घोषित हों उनमें बिहार के साथ साथ पूर्णिया जिले के ज्यादा से ज्यादा बच्चे आ पायें. श्रवण कुमार यादव, कंटेंट प्रभारी, उन्नयन बिहार पूर्णिया.

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सारे बच्चे कोटा नहीं जा सकते, चयनित सभी बच्चों को उसी स्तर की तैयारी की व्यवस्था उन्नयन कक्षाओं की मदद से जिला प्रशासन निःशुल्क उपलब्ध कराएगी. ऑन लाईन लाइव कक्षाओं की मदद सभी बच्चों को मिलेगी. 18 शिक्षकों की डेडिकेटेड टीम लगातार क्लासेस लेंगे. बच्चों को कोचिंग व टेस्ट मेटेरियल भी व्हाट्सएप्प ग्रुप की मदद से दी जायेगी. कौशल कुमार, डीपीओ सर्वशिक्षा

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फोटो. 3 पूर्णिया 17-जिला स्कूल में आयोजित जांच परीक्षा में शामिल परीक्षार्थी

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