बाजारों में जमकर हुई आभूषणों की खरीदारी
शहर के ज्वेलरी शो-रूम में दिन भर लगी रही भीड़, आटोमोबाइल सेक्टर का बाजार भी चमका
पूर्णिया. जिले के बाजारों में काफी चहल पहल देखी गई. आभूषण की दुकानों खास तरीके से सजाया गया था. इसके साथ ही इनामी स्कीमों और छूटों की योजना के जरिए सराफा कारोबारी ग्राहकों को आकर्षित करने में लगे रहे. भट्ठा बाजार समेत शहर के सभी बाजारों में उल्लासपूर्वक लोग सोने और चांदी के आभूषणों की खरीदारी करते नजर आये. शुक्रवार को ब्रांडेड शो रूम पर पूरे दिन अपेक्षाकृत अधिक भीड रही. यह अलग बात है कि दुकानों पर सोने के हल्के पर डिजाइनदार आइटमों की मांग अधिक रही. सर्राफा कारोबारी भी काफी उत्साहित नजर आए. अक्षय तृतीया को लेकर सर्राफा बाजार की रौनक आज खूब चमकी. एक ओर ब्रांडेड ज्वेलरी शोरूम्स में देर शाम तक लोगों ने खरीददारी की, वहीं अन्य ज्वेलर्स के यहां भी लोगों की अच्छी खासी भीड़ देखी गयी. सोने चांदी के जेवरों में शादी ब्याह की तैयारी को लेकर भी कुछ लोगों ने खरीददारी की जबकि अपनी अपनी जेब के अनुसार भी लोग सोने चांदी की खरीद में लगे रहे. हालांकि कुछ कारोबारियों ने पिछले साल की तुलना में कारोबार कुछ धीमा रहने की बात कही लेकिन उन्होंने जितनी तैयारियां अक्षय तृतीया को लेकर पहले से कर रखी थी उनमें से लगभग 60 प्रतिशत की बिक्री शाम ढलने से पहले ही हो चुकी थी. इस दौरान कुछ महिलाएं स्वर्णाभूषणों में मंगलसूत्र, पतले सोने की चेन, कान तथा नाक की बूंदी खरीदती नजर आयीं. वहीँ चांदी के सिक्कों की भी खनक में ख़ास दम नजर आया. पर्व को ध्यान में रखते हुए ब्रांडेड शोरूम से लेकर गली मोहल्लों की दुकानों में आभूषणों की एक से बढ़कर एक रेंज और डिजाइन देखने को मिले. कई दुकानदारों ने अक्षय तृतीया के लिए मेकिंग चार्जज में छूट भी रखी हुई थी। आभूषण खरीददारी में महिलाओं की रूचि ज्यादा देखने को मिली. वहीं, गृहणियों के मुताबिक इस पावन मौके पर खरीददारी करने और दान करने का विशेष महत्व है. हांलाकि, इस मौके पर शहर के तमाम देवी मंदिरों में भी पूजा अर्चना और भंडारे का आयोजन किया गया.
सबके लिए खास है अक्षय तृतीया पर्व :
शास्त्रों में अक्षय तृतीया एक अबूझ मुहूर्त है. यानी ऐसी तिथि जिसमें किसी तरह का शुभ कार्य या शुभ खरीदारी करने के लिए मुहूर्त नहीं देखा जाता है. बिना शुभ मुहूर्त के सभी तरह के शुभ कार्य की शुरुआत की जा सकती है. हिंदू पंचांग के अनुसार हर वर्ष वैशाख महीने की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को अक्षय तृतीया का त्योहार मनाया जाता है. इस बार यह पर्व शुक्रवार को मनाया गया. अक्षय का मतलब होता है जिसका कभी भी क्षय या नाश न होना.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है