23.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

गुलाबबाग जा रहे मक्का लदे ट्रैक्टर को तीन अपराधी ने लूटा

ट्रैक्टर चालक मकउदिन कदवा थाना निवासी ने बताया कि 140 बोरा मक्का लोड करके कदवा से गुलाबाग मंडी जा रहे थे.

पूर्णिया पूर्व. मुफस्सिल थानाक्षेत्र के बेलोरी-सुनौली सड़क मार्ग के आदिल बायोफ्यूल सेंटर महेंद्रपुर के समीप शनिवार की सुबह मक्का लदे ट्रैक्टर को बाइक सवार तीन अपराधियों ने हथियार के बल पर लूट लिया. मुफस्सिल थानाध्यक्ष बृजेश कुमार ने बताया कि अपराधी की बाइक जब्त कर ली गयी है. जल्द ही अपराधी पकड़ा जाएगा. इधर, घटना के संबंध में ट्रैक्टर चालक मकउदिन कदवा थाना निवासी ने बताया कि 140 बोरा मक्का लोड करके कदवा से गुलाबाग मंडी जा रहे थे. बाइक सवार तीन अपराधी ने ओवरटेक करके गाड़ी को रुकवाया. गाड़ी रोक कर मेरे साथ मारपीट की. मुझे घसीटते हुए मक्का खेत में लेकर चले गये. एक अपराधी मक्का लोड ट्रैक्टर को लेकर फरार हो गया .काफी शोर मचाने पर ग्रामीण जमा हुए. तब तक दोनों अपराधी मुझे छोड़कर मक्के की खेत में घुस गये. वहीं अपराधी की बाइक पल्सर बी आर 11बी ई 2793 ग्रामीणों ने पकड़ ली. घटना की जानकारी मिलने पर थानाध्यक्ष ब्रजेश कुमार पुलिस बल के साथ घटनास्थल पर पहुंचे. पुलिस पल्सर बाइक को कब्जे में लेकर थाना आयी.

औने-पौने भाव में मक्का बेचने को मजबूर हैं किसान :

भवानीपुर.

भवानीपुर मंडी में मक्का बेचने आये किसानों की आमदनी पर जाम की चोट पड़ रही है. आलम यह है कि व्यापारी की दुकान तक नहीं पहुंच पाने के कारण रास्ते में ही औने-पौने भाव में मक्का बेचना पड़ रहा है. गौरतलब है कि भवानीपुर मुख्य बाजार मिनी गुलाबबाग से चर्चित है. इस क्षेत्र के किसान अपने अनाज का उचित मूल्य पाने के लिए भवानीपुर मंडी ही आकर अनाज बेचते हैं. इससे सुबह से शाम तक सड़क पर जाम ही जाम नजर आता है. जाम के कारण सभी व्यापारी सड़क के किनारे ही गल्ला का काम करते हैं. आधी रात को ही किसान अपने अनाज लदा ट्रैक्टर खड़ा कर देते हैं .नमूना लेकर व्यापारी के यहां भटकते हैं. मध्यम व सीमांत किसान फसल बेचकर ही दूसरा खेती करते हैं. इसलिए किसान चाहते हैं की जल्दी से तैयार किया हुआ अनाज की बिक्री हो जाये. क्षेत्र के किसान अमित कुमार सिंह, शंभू प्रसाद मंडल, मनोज कुमार सिंह सहित दर्जन भर किसानों ने बताया कि गांव में भी व्यापारी अनाज खरीदने आते हैं. मगर विडंबना यह है कि एक तो अनाज की कम कीमत मिलती है दूसरा वह नगद भी देना नहीं चाहता है. मेरे अनाज को बेचकर ही मुझे बेचा हुआ अनाज की कीमत देते हैं . इसमें एक से दो महीना लग जाता है जिससे आगे की खेती प्रभावित होती है. बिना पूंजी की खेती अब किसी कीमत पर संभव नहीं है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें